यादों की झड़ी
खुशी - गम का साया
आँखों से झरी ।
सुकून मिला
तेरी यादों का टेसू
गमक गया ।
यादों के घेरे
तुम जैसे सम्मुख
बंद थीं आँखें ।
अमलतास सा
खिला तेरा चेहरा
यादों में बसा ।
कब भूली मैं
पल -पल बिताया
साथ सँजोया ।
अमलतास सा
ReplyDeleteखिला तेरा चेहरा
यादों में बसा ।
...
कब भूली मैं
पल -पल बिताया
साथ सँजोया ।
वाह ... बहुत खूब ...
अमलतास सा
ReplyDeleteखिला तेरा चेहरा
यादों में बसा ।......वाह बहुत सुन्दर हर हाइकु लाजवाब है ...
एहसास है
ReplyDeleteमेरे मन में तेरा
फिर क्या गम
:) ये हाइकू हुआ न दी ?!!
इतने सुन्दर भाव इतने कम शब्दों में अभिव्यक्त करना आपके ही वश का है बस.
शिखा ,
ReplyDeleteलिख तो तुमने भी लिया , इतने कम शब्दों में :):)
तेरा नेह ही
देता मुझे संबल
मेरी प्रेरणा ।
सुकून मिला
ReplyDeleteतेरी यादों का टेसू
गमक गया ।
कब भूली मैं
पल -पल बिताया
साथ सँजोया ।
लाजबाब हाइकू और अद्धभुत अभिव्यक्ति दी :))
सादर !!
अमलतास सा
ReplyDeleteखिला तेरा चेहरा
यादों में बसा ।
जबरदस्त हाइकू।
ये छुटकू तो है मगर अद्भुत भाव संप्रेषित करते है . बहुत सुन्दर . हम तो लिखिए नहीं पाते.
ReplyDeletedekhan mein chhotan .... prabhaw ati gambheer
ReplyDeleteसुन्दर सुन्दर ...बहुत सुन्दर हायकू दी....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया...
सादर
अनु
आपके हाइकुओं के साथ जुगलबंदी की कोशिश की हैः)
ReplyDelete१.
यादों की झड़ी
खुशी - गम का साया
आँखों से झरी ।
आँखों से झरी
तेरी यादों के मोती
पिरोती गई|-ऋता
२.
सुकून मिला
तेरी यादों का टेसू
गमक गया ।
टेसू गमका
बिना याद किए ही
तू याद आया|- ऋता
३.
यादों के घेरे
तुम जैसे सम्मुख
बंद थीं आँखें ।
बंद आँखों में
चुपके से तू आया
तू हू समाया| - ऋता
४.
अमलतास सा
खिला तेरा चेहरा
यादों में बसा ।
यादों में दिखा
खिला अमलतास
तू ही था पास| - ऋता
५.
कब भूली मैं
पल -पल बिताया
साथ सँजोया ।
भूल न सकी
हर पल को मैंने
संजो के रखा | - ऋता
इस जुगलबंदी को हिन्दी हाइगा पर ले जाऊँगीः)
बहुत ख़ूब
ReplyDeletebhaut hi khubsurat...
ReplyDeleteजब-जब तेरी याद आई
ReplyDeleteसाथ यादों की बारात लाई...
शुभकामनायें!
बहुत सुन्दर हाइकु।
ReplyDeleteवाह: सभी हाइकु बहुत सुन्दर है ..
ReplyDelete
ReplyDeleteकब भूली मैं
पल -पल बिताया
साथ सँजोया । बहुत बढ़िया सगीता जी
अमलतास सा
ReplyDeleteखिला तेरा चेहरा
यादों में बसा ।
कब भूली मैं
पल -पल बिताया
साथ सँजोया ।
...बहुत खूब! सभी हाइकु बहुत सुन्दर...
कब भूली मैं
ReplyDeleteपल -पल बिताया
साथ सँजोया ।
बहुत सुंदर मीठी यादें ....!!
और जुगालबंदी तो लाजवाब ....
aap bhi shbdon mein nayi urja bhar deti hai..!
ReplyDeleteवाह आप ही कौन कम थीं, ऊपर से ऋता जी की जुगलबंदी -आनन्द आ गया १
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteऔर बेहतरीन हाईकु
:-)
सादर निमंत्रण,
ReplyDeleteअपना बेहतरीन ब्लॉग हिंदी चिट्ठा संकलक में शामिल करें
सभी पाठकों का आभार ...
ReplyDeleteऋता जी,
आपकी जुगलबंदी लाजवाब है ॥ हाइगा पर ले जाने के लिए शुक्रिया
सभी हाइकू लाजवाब हैं संगीता जी ! आज तो आपने मन की सोयी यादों को जगा दिया ! बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteबहुत बढिया हाइकू , बधाई संगीता जी
ReplyDeleterecent post हमको रखवालो ने लूटा
सभी हाईकू बेहतरीन है लेकिन ऋता जी ने जुगलबंदी बहुत ही उम्दा निभाई है. मन भाबविभोर हो उठा.
ReplyDeleteबेहतरीन हाईकू..
ReplyDeleteनहीं है जरूरत
ReplyDeleteजाने की
कवि-सम्मेलन है यहीं
ReplyDeleteयादों के घेरे जैसे तुम सामने ...
सभी एक से बढ़ कर एक !
बढिया, बधाई।
ReplyDeleteसारे के सारे हाइकू ह्रदय में घर कर गए बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteRECENT POST चाह है उसकी मुझे पागल बनाये
waah ek se badhkar ek
ReplyDeletechhutku si hain hayiku..
ReplyDeletemagar hain dynamite
rah rah kar bhramit karain..
padhen to aanand aaye.
बेहतरीन हाइकु आंटी !
ReplyDeleteसादर
यादें भी खुशबू से महकने लगीं... लाजबाब हायकू... आभार
ReplyDeleteहर एक पंक्ति खूबसूरत है साथ ही हर पंक्ति के साथ चित्रों का जो समायोजन किया है...लाजबाब।।।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पक्तियां और बहुत सुन्दर प्रस्तुतिकरण
ReplyDeleteयादों के विभिन्न शेड्स इन हाइकुओं में खुल कर व्यक्त हुए हैं।
ReplyDeleteआपके हाइगा नीचे की लिंक पर...आभार !!
ReplyDeleteसंगीता स्वरूप जी के हाइकुओं के साथ मेरी जुगलबंदी - हाइगा में
http://hindihaiga.blogspot.in/2012/12/blog-post_15.html
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावभीने हाईकु दीदी !:) ऋता जी की जुगलबंदी से खूबसूरती और भी बढ़ गयी !:)
ReplyDeleteएक मेरी तरफ से भी~
यादों के मेले,
जब दिल में सजे..
खोया खुद को..! :)
क्षमा कीजिएगा, शहर से बाहर जाने और वापस लौट कर आने के बाद से तबीयत कुछ ठीक नहीं, इसी कारण लिखना-देखना-पढ़ना सब ज़रा रुक गया है..:(
अमलतास सा
ReplyDeleteखिला तेरा चेहरा
यादों में बसा ।
कब भूली मैं
पल -पल बिताया
साथ सँजोया ।
बहुत ही सुंदर हाईकु...
बहुत सुन्दर ....
ReplyDeleteनमस्ते दी ...आपका बहुत बहुत आभार हमारे ब्लॉग पर आ हमें प्रोत्साहित करने का आशा है यूँ ही उत्साहवर्धन करतें रहेगें ....
सभी हाइकू लाजवाब ...
ReplyDeleteअलग सी खुशबू लिए ... कमाल के ...
sabhi hayku bahut hi behatarin.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु..
ReplyDeleteयादों के हाइकू
ReplyDeleteसलोने मन भावन
कितने प्यारे ।
।
यादों के हाइकू
ReplyDeleteसलोने मन भावन
कितने प्यारे ।
।
यादों के घेरे
ReplyDeleteतुम जैसे सम्मुख
बंद थीं आँखें ।
bahut sunder haiku sare padhe ek se badh kar ek
badhai
rachana