कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।
नवरात्रि में
किया माँ का आह्वान
माँ को पूछा क्या ?
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
माँ की अर्चना
लाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।
कैसी है भक्ति
नमन पाहन को
माँ तरसती ।
शानदार हाइकू ……… सच बयाँ करते ।
ReplyDeleteनवरात्रि की शुभकामनायें
बहुत बढ़िया हाइकु :)
ReplyDeleteएक सच गहन भाव लिये
ReplyDeleteसभी हाइकू जबरदस्त
...हमारे समाज में देवीमाता की पूजा-अर्चना करने का आडम्बर मात्र कूट कूट कर भरा हुआ है...जीती-जागती देवीमाताओं,माँ-बहनों के लिए आदर-मान या प्रेम-ममता जैसे भाव लुप्त हो चुके है...यह बहुत बड़ी विडम्बना है!...आपने सही कहा है संगीताजी...धन्यवाद!
ReplyDeleteकम शब्दों में पूरी सच्चाई बयान कर दी आपने.यही तो आपकी खासियत है.
ReplyDeleteबहुत शानदार और सटीक हाइकू …नवरात्रि की शुभकामनायें
ReplyDeleteपहली आसुरी प्रवृति का खुलासा
ReplyDelete- कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।
दूसरा खुलासा -
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
सब सच
बेहद प्रभावी आलेख है आपका सही खा आपने अपनी माता कि अवहेलना कर दीगर बातों में मन कि शांति खोजना व्यर्थ है ,समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर अवश्य आयें,आभार|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकू, ऐसे ही माँ की भक्ति करते हैं लोग , मंदिर में भोग और घर की माँ को भूखा रखते हैं लोग।
ReplyDeleteसच कह रही है आपकी रचना....
ReplyDeleteइस माँ और
उस माँ में फर्क क्यों
माँ तो माँ होती है...
वाह बहुत सुँदर दी . हर पंक्तिया यथार्थ को परिभाषित कर रही है . एक एक भाव सुस्पष्ट .
ReplyDeleteसच कहा आपने
ReplyDeleteकाश लोगों तक भी ये बात पहुंचे
बहुत सुंदर
कन्या पूजन?
ReplyDeleteदोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।
नवरात्रि में
किया माँ का आह्वान
माँ को पूछा क्या ?
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
समाज की कड़वी सच्चाई को दिखलाती आपकी रचना .............
लाजबाब हाइकू !!
ReplyDeleteशैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर । झकझोर दिया एन शब्दों ने.
Badhiya kataaksh !
ReplyDeleteDukh hota hai kahte hue ki aapka har shabd sachhai bayaan karta hai.
ReplyDeleteकई परतों वाली मानसिकता को सहती नारी . प्रभावी हायकू..
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन सुंदर सटीक हाइकू …प्रभावी प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteनवरात्रि की शुभकामनायें,,,,,,,
RECENT POST ...: यादों की ओढ़नी
सटीक हाइकु
ReplyDeleteबहुत बढियां..
:-)
माँ की अर्चना
ReplyDeleteलाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।
बहुत कम लोगों में यह कहने का साहस होता है .
बढ़िया हाइकू.
बहुत ही गहन हाइकु.. बहुत अच्छा है!
ReplyDeleteसशक्त एवं सटीक प्रस्तुति संगीता जी ! यही आज के जीवन का विरोधाभास है ! बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हायकू दी....
ReplyDeleteसभी मर्मस्पर्शी....
सादर
अनु
मातृभक्ति का ढोंग है सब और कुछ नहीं ... सच का होता को पूजापाठ से ज्यादा अपने माँ बाप के तरफ ध्यान देते ...
ReplyDeleteकथनी तज करनी करे...तो वाकई होगी...जय माता की...
ReplyDeleteदीदी,
ReplyDeleteनवरात्री के प्रारम्भ में एक बार रुककर सोचने को विवश करती हाइकू!!
बेहतरीन!!
पौराणिक और वर्तमान परिवेश का सुंदर चित्रण.
ReplyDeleteतीखे तीर चलाये हैं संगीता जी,
ReplyDeleteदेह-धर्मिता को ही पौरुष समझनेवाले मन से दुर्दान्त पशु ही होते हैं और आजकल वाह-वाही उन्हीं की है !
शैल पुत्री को
ReplyDeleteशिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
सशक्त ,अर्थपूर्ण हाइकु
माँ के नाम पर भी क्या अनर्थ नहीं जाते ...
ReplyDeleteदोहरी मानसिकता को खूबी से दर्शाया हायकू में !
हाईकू के रूप में ये वो ज्वलंत प्रश्न हैं जिनका जवाब समाज के दोगलेपन की भेंट चढ़ गए.......
ReplyDeleteइतने कम शब्दों में इतनी बड़ी बात.... लोगों को सीख लेनी चाहिए की साल में सिर्फ छ: सिलेंडरों के बावजूद भी कैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना तैयार किया जाता है.......
स: परिवार नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार कीजियेगा.
संगीता जी बहुत ही सन्देश परक शानदार हाइकु रचे हैं बहुत बहुत बधाई नवरात्र की शुभकामनायें
ReplyDeletejabardast hayiku.
ReplyDelete...बहुत शानदार हायकू...शुभ नवरात्री संगीता जी!
ReplyDelete
ReplyDeleteमाँ की अर्चना
लाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।
बहुत सार्थक तंज सुन्दर व्यंजना परक हाइकु -
इटली का दामाद ,
बना भारत ,
का जीजा .
सुंदर, सशक्त और विचारोत्तेजक हाइकु।
ReplyDeleteबढिया हाइकु.
ReplyDeleteआप सबको नवरात्रि की शुभकामनायें।
ReplyDeleteसभी हाइकू एक से बढ़कर एक हैं | लाजवाब |
ReplyDeleteनई पोस्ट:- जवाब नहीं मिलता
Samaaj ke chhadmaavaran ko ujaagar karti prstuti
ReplyDeleteAabhaar!!
नवरात्रि पर सुंदर हाइकू । शुभ कामनाएं ।
ReplyDeleteशानदार हाइकु.....बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति .....
ReplyDeleteकरारे कटाक्ष करते ये हाइकू...वाह!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकू प्रस्तुति ..
ReplyDeleteदुर्गानवमी और दशहरा की शुभकामनाओं सहित सादर .
सभी हाइकु बेहद प्रभावशाली हैं .
ReplyDelete.कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।ह्रदय को छू गया ...
सुन्दर हाइकू ....
ReplyDeleteसार्थक संदेश देते बहुत सुन्दर हाइकु....
ReplyDeleteसुंदर सत्य सार्थक स्पष्ट कथन , आभार = संगीता जी आपकी कलम सशक्त है , आजकल के टी व्ही सीरियल्स में प्रदर्शित बेतुकी त्रिया चरित्र की कहानियों पर भी कुछ लिखें ! !धन्यवाद !
ReplyDeleteअति कटु सत्य बयान किया आपने, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
vastwiktaaon ka sahi chitran...
ReplyDeleteजय श्री राधे आदरणीया संगीता जी ...सटीक और कटु सत्य को उभारती हुयी उजागर करती सुन्दर क्षणिकाएं
ReplyDeleteभ्रमर ५
बहुत ही उम्दा हाईकु
ReplyDeleteसुंदर कटाक्ष करती
दिल मे उतरती बात
नव रात्री के हर पहलू को बाँधने का प्रयास ... लाजवाब ...
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