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Friday, 18 March 2011

पलाश




पलक पर जमी 
शबनम की बूंद को 
तर्जनी पर ले कर 
जैसे ही तुमने चूमा 
मेरी आँखों में 
न जाने कितने 
पलाश खिल गए ....


79 comments:

  1. अब और किसी रंग की क्या ज़रूरत ! ..... एक चुटकी अबीर आपको

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  2. मुबारक हो पलाश की गमक और आँखों की चमक . रंग पर्व की शुभकामनाये .

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  3. न जाने कितने
    पलाश खिल गए
    धरती पर रंग
    सारे बिखर गए।

    सुंदर कविता

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  4. बहुत सुन्दर , इन पलासों के रंग संग आपको होली की हार्दिक शुभकामनाये !

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  5. पलक पर जमी.......पलाश खिल गए ....
    वाह ! सुंदर पंक्तियाँ !
    होली कि हार्दिक शुभकामनाएं सपरिवार ........

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  6. बहुत खूब ...।

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  7. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ!
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  8. इस रंग से गहरा भला और कौन रंग होगा...बेहतरीन रचना।

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  9. आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाये

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  10. कोमल अनुभूतियों से सजी और प्रेम पगी बहुत ही सुन्दर क्षणिका ! मन में अनुराग के कई रंग संजो गयी ! आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें !

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  11. जैसे ही तुमने चूमा
    मेरी आँखों में
    न जाने कितने
    पलाश खिल गए ....

    बहुत सुन्दर ....एक-एक शब्द भावपूर्ण ..
    रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !

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  12. बहुत खूब! होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  13. होली का रंग चढ़ रहा है ...फूल खिले हैं गुलशन गुलशन .हर भाव सुन्दर बहुत प्यारी पंक्तियाँ.

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  14. chalo ab is palash ke rang se manayenge holi

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  15. संगीता जी,

    वाह......बहुत शानदार .....छोटी सी रचना कितना गहरा असर.....सुन्दर .....आपको और आपके परिवार को रंगों के त्यौहार की बधाई|

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  16. होली पर ऐसी रूमानियत आ ही जाती है। काश ऐसा हो?

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  17. वाह बहुत सुन्दर पंक्तियाँ

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  18. और होली सार्थक हो गयी।

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  19. bahut khubsurat bhav......
    holi ki hardik shubhkamanaye........

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  20. सुन्दर पन्तिया ....
    आपको होली की बहुत सारी शुभकामनाये

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  21. जैसे ही तुमने चूमा
    मेरी आँखों में
    न जाने कितने
    पलाश खिल गए ....

    बहुत सुन्दर .... भावपूर्ण प्रस्तुति ..
    रंगपर्व होली पर आपको व आपके परिवार को असीम शुभकामनायें

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  22. बहुत सुन्दर रचना!
    --
    उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
    बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
    करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
    आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
    --
    होलिकोत्सव की सुभकामनाएँ!

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  23. ...मनमोहक शब्दों ने रंग डाला मन....होली बहुत बहुत मुबारक!

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  24. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  25. बूँद जो बन गई पलाश ! वाह , बेहतरीन ।

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  26. गहन भावाभियक्ति ...आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें

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  27. मेरी आँखों में
    न जाने कितने
    पलाश खिल गए ....

    बड़ी प्यारी मनभावन पंक्तियाँ ..........होली की हार्दिक शुभकामनायें

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  28. पलाश के रंग को टेसुआ रंग कहते हैं।
    और अगर बह जाता तो कहते .. टेसुआ बहाते हैं।
    कितना अंतर आ जाता है. है ना?
    होली है!!

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  29. होली के अवसर पर होली खेलने के इस नायाब अंदाज़ का क्या कहना. इस खिले पलाश तक तो मैं अभी तक पहुँच ही नहीं पाया अभी तक तो मैं तर्जनी पर शबनम की बूँद को ही देख रहा हूँ. कभी-कभी कुछ पल कितनी मजबूती से बाँध लेते हैं.

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  30. गहन भावाभियक्ति
    होली की हार्दिक शुभकामनाये !

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  31. सभी पाठकों का हृदय से आभार ....और सबको होली की शुभकामनायें ..


    @@@ मनोज जी ,

    टेसुआ बहाना ...यह मुझे पता था इसी लिए टेसू खिल गए नहीं लिखा :):) वरना तो वाकई टेसुआ बहाने वाली बात हो जाती :):)

    होली मुबारक

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  32. पलाश शब्द अपने आप में एक कविता है... बहुत सुन्दर कविता

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  33. होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  34. जैसे ही तुमने चूमा
    मेरी आँखों में
    न जाने कितने
    पलाश खिल गए ....

    कमाल के भाव लिए है रचना की पंक्तियाँ .......
    आपको होली की बहुत सारी शुभकामनाये.

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  35. Ye nanhee-see rachana behad nyaree aur pyaree hai!
    Holee kee dheron shubhkamnayen!

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  36. चंद शब्दों मे पूरा जीवन जी लिया। अति सुन्दर। आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  37. bahut marmik dil ki gahrayiyon ko chhuti rachna aatm vibhor kar gayi .
    holi ki shubh kamnaon ke sath
    sadar bandan .

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  38. शुभकामनायें होली पर...

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  39. भजन करो भोजन करो गाओ ताल तरंग।
    मन मेरो लागे रहे सब ब्लोगर के संग॥


    होलिका (अपने अंतर के कलुष) के दहन और वसन्तोसव पर्व की शुभकामनाएँ!

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  40. अत्यंत खूबसूरत, होली पर्व की घणी रामराम.

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  41. ये प्यार यूं ही बना रहे ।

    सुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।

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  42. बस यही महक बनी रहनी चाहिये……………चंद पंक्तियों मे बेहद नाज़ुक अभिव्यक्ति…………आपको और आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  43. खूबसूरत भाव........
    आपको होली की बहुत सारी शुभकामनाये.

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  44. हफ़्तों तक खाते रहो, गुझिया ले ले स्वाद.
    मगर कभी मत भूलना,नाम भक्त प्रहलाद.

    होली की हार्दिक शुभकामनायें.

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  45. होली के सारे ही रंग आ गये ....
    मुबारक.....

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  46. पलाश यूँ ही खिलते रहें
    होली की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  47. सुन्दर रचना. मैं तो नहा गई इस पलाश के रंग में......

    आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  48. its very good poem ..
    and also i am feeling proud to read "palash"
    होली की हार्दिक शुभकामनाएं|

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  49. बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  50. आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं

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  51. रंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.

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  52. नेह और अपनेपन के
    इंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
    उमंग और उल्लास का गुलाल
    हमारे जीवनों मे उंडेल दे.

    आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
    सादर
    डोरोथी.

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  53. होली के शुभ अवसर पर पलाश के रंग मुबारक हों..आप की हर रचना स्वाति नक्षत्र की बूँद जैसी खूबसूरत...भावपूर्ण...

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  54. shukriya uska jisne chumne ko shabnam diye...palash to return gift tha...

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  55. बेहतरीन पंक्तियाँ !
    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  56. प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
    ========================
    निखरती रहे वह सतत काव्य-धारा।
    जिसे आपने कागजों पर उतारा॥
    ========================
    होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

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  57. बहुत सुंदर रचना आपको होली पर्व की बधाई हो

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  58. अति सुन्दर ..
    रंगपर्व होली की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें |

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  59. बहुत ही खूब रहा आपका ये अंदाजे बयां.....

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  60. WAH..

    TERE RANG ME RANG JANE KE BAAD KISI AUR RANG KI CHAH NAHI...

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  61. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ!
    Behtareen rachana

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  62. बहुत सुन्दर |
    बधाई
    आशा

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  63. ख़ूबसूरत और touching....पढ़कर अपने-आप ही मुस्कान आ गई होठों पर...

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  64. न जाने कितने
    पलाश खिल गए
    धरती पर रंग
    सारे बिखर गए।

    सुंदर कविता

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  65. aapki kavita padh palash hamare man me bhi khil gaye...sunder...

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  66. wow ....Beautiful lines ..

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  67. वाह वाह वाह वाह वाह वाह और क्या कहूँ ,बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति बहुत कम शब्दों में

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  68. कम शब्दों में कितना अच्छा लिख दिया आपने.....

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  69. आदरणीया संगीता जी नमस्कार छोटी पर बहुत सुंदर पंक्तियाँ प्यार की असीम दास्ताँ को परिलक्षित करती और साथ में सुंदर तत्संबंधित छवियाँ खुद ही सब बोल दे रही हैं -बधाई हो
    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5

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  70. मेरी आँखों में
    न जाने कितने
    पलाश खिल गए ....
    वाह । वाह ।

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    Replies
    1. ये पलाश चाहने वालों की आंखों में खिलने चाहियें । शुक्रिया ।

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