बहुत सुन्दर रचना! -- उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ, बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ, करें मर्यादित हँसी-ठिठोली। आओ हम खेलें हिल-मिल होली।। -- होलिकोत्सव की सुभकामनाएँ!
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/ चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
होली के अवसर पर होली खेलने के इस नायाब अंदाज़ का क्या कहना. इस खिले पलाश तक तो मैं अभी तक पहुँच ही नहीं पाया अभी तक तो मैं तर्जनी पर शबनम की बूँद को ही देख रहा हूँ. कभी-कभी कुछ पल कितनी मजबूती से बाँध लेते हैं.
प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई। ======================== निखरती रहे वह सतत काव्य-धारा। जिसे आपने कागजों पर उतारा॥ ======================== होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
आदरणीया संगीता जी नमस्कार छोटी पर बहुत सुंदर पंक्तियाँ प्यार की असीम दास्ताँ को परिलक्षित करती और साथ में सुंदर तत्संबंधित छवियाँ खुद ही सब बोल दे रही हैं -बधाई हो सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
अब और किसी रंग की क्या ज़रूरत ! ..... एक चुटकी अबीर आपको
ReplyDeleteमुबारक हो पलाश की गमक और आँखों की चमक . रंग पर्व की शुभकामनाये .
ReplyDeleteन जाने कितने
ReplyDeleteपलाश खिल गए
धरती पर रंग
सारे बिखर गए।
सुंदर कविता
बहुत सुन्दर , इन पलासों के रंग संग आपको होली की हार्दिक शुभकामनाये !
ReplyDeleteपलक पर जमी.......पलाश खिल गए ....
ReplyDeleteवाह ! सुंदर पंक्तियाँ !
होली कि हार्दिक शुभकामनाएं सपरिवार ........
बहुत खूब ...।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियाँ!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
इस रंग से गहरा भला और कौन रंग होगा...बेहतरीन रचना।
ReplyDeleteati sundar.
ReplyDeleteआप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeleteकोमल अनुभूतियों से सजी और प्रेम पगी बहुत ही सुन्दर क्षणिका ! मन में अनुराग के कई रंग संजो गयी ! आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteजैसे ही तुमने चूमा
ReplyDeleteमेरी आँखों में
न जाने कितने
पलाश खिल गए ....
बहुत सुन्दर ....एक-एक शब्द भावपूर्ण ..
रंगपर्व होली पर असीम शुभकामनायें !
बहुत खूब! होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteहोली का रंग चढ़ रहा है ...फूल खिले हैं गुलशन गुलशन .हर भाव सुन्दर बहुत प्यारी पंक्तियाँ.
ReplyDeletechalo ab is palash ke rang se manayenge holi
ReplyDeleteसंगीता जी,
ReplyDeleteवाह......बहुत शानदार .....छोटी सी रचना कितना गहरा असर.....सुन्दर .....आपको और आपके परिवार को रंगों के त्यौहार की बधाई|
होली पर ऐसी रूमानियत आ ही जाती है। काश ऐसा हो?
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteऔर होली सार्थक हो गयी।
ReplyDeletebahut khubsurat bhav......
ReplyDeleteholi ki hardik shubhkamanaye........
सुन्दर पन्तिया ....
ReplyDeleteआपको होली की बहुत सारी शुभकामनाये
जैसे ही तुमने चूमा
ReplyDeleteमेरी आँखों में
न जाने कितने
पलाश खिल गए ....
बहुत सुन्दर .... भावपूर्ण प्रस्तुति ..
रंगपर्व होली पर आपको व आपके परिवार को असीम शुभकामनायें
holi ki shubkamnayen...di:)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना!
ReplyDelete--
उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
--
होलिकोत्सव की सुभकामनाएँ!
...मनमोहक शब्दों ने रंग डाला मन....होली बहुत बहुत मुबारक!
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
बूँद जो बन गई पलाश ! वाह , बेहतरीन ।
ReplyDeleteगहन भावाभियक्ति ...आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteमेरी आँखों में
ReplyDeleteन जाने कितने
पलाश खिल गए ....
बड़ी प्यारी मनभावन पंक्तियाँ ..........होली की हार्दिक शुभकामनायें
komal si...bahut sundar.
ReplyDeleteपलाश के रंग को टेसुआ रंग कहते हैं।
ReplyDeleteऔर अगर बह जाता तो कहते .. टेसुआ बहाते हैं।
कितना अंतर आ जाता है. है ना?
होली है!!
होली के अवसर पर होली खेलने के इस नायाब अंदाज़ का क्या कहना. इस खिले पलाश तक तो मैं अभी तक पहुँच ही नहीं पाया अभी तक तो मैं तर्जनी पर शबनम की बूँद को ही देख रहा हूँ. कभी-कभी कुछ पल कितनी मजबूती से बाँध लेते हैं.
ReplyDeleteगहन भावाभियक्ति
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाये !
सभी पाठकों का हृदय से आभार ....और सबको होली की शुभकामनायें ..
ReplyDelete@@@ मनोज जी ,
टेसुआ बहाना ...यह मुझे पता था इसी लिए टेसू खिल गए नहीं लिखा :):) वरना तो वाकई टेसुआ बहाने वाली बात हो जाती :):)
होली मुबारक
पलाश शब्द अपने आप में एक कविता है... बहुत सुन्दर कविता
ReplyDeleteहोली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteजैसे ही तुमने चूमा
ReplyDeleteमेरी आँखों में
न जाने कितने
पलाश खिल गए ....
कमाल के भाव लिए है रचना की पंक्तियाँ .......
आपको होली की बहुत सारी शुभकामनाये.
Ye nanhee-see rachana behad nyaree aur pyaree hai!
ReplyDeleteHolee kee dheron shubhkamnayen!
khoobsurat bahut hi ,holi ki badhai aapko .
ReplyDeleteचंद शब्दों मे पूरा जीवन जी लिया। अति सुन्दर। आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeletebahut marmik dil ki gahrayiyon ko chhuti rachna aatm vibhor kar gayi .
ReplyDeleteholi ki shubh kamnaon ke sath
sadar bandan .
शुभकामनायें होली पर...
ReplyDeleteभजन करो भोजन करो गाओ ताल तरंग।
ReplyDeleteमन मेरो लागे रहे सब ब्लोगर के संग॥
होलिका (अपने अंतर के कलुष) के दहन और वसन्तोसव पर्व की शुभकामनाएँ!
अत्यंत खूबसूरत, होली पर्व की घणी रामराम.
ReplyDeleteये प्यार यूं ही बना रहे ।
ReplyDeleteसुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।
बस यही महक बनी रहनी चाहिये……………चंद पंक्तियों मे बेहद नाज़ुक अभिव्यक्ति…………आपको और आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteखूबसूरत भाव........
ReplyDeleteआपको होली की बहुत सारी शुभकामनाये.
हफ़्तों तक खाते रहो, गुझिया ले ले स्वाद.
ReplyDeleteमगर कभी मत भूलना,नाम भक्त प्रहलाद.
होली की हार्दिक शुभकामनायें.
होली के सारे ही रंग आ गये ....
ReplyDeleteमुबारक.....
पलाश यूँ ही खिलते रहें
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सुन्दर रचना. मैं तो नहा गई इस पलाश के रंग में......
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें।
its very good poem ..
ReplyDeleteand also i am feeling proud to read "palash"
होली की हार्दिक शुभकामनाएं|
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteरंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteनेह और अपनेपन के
ReplyDeleteइंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
होली के शुभ अवसर पर पलाश के रंग मुबारक हों..आप की हर रचना स्वाति नक्षत्र की बूँद जैसी खूबसूरत...भावपूर्ण...
ReplyDeleteshukriya uska jisne chumne ko shabnam diye...palash to return gift tha...
ReplyDeleteबेहतरीन पंक्तियाँ !
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
ReplyDelete========================
निखरती रहे वह सतत काव्य-धारा।
जिसे आपने कागजों पर उतारा॥
========================
होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
बहुत सुंदर रचना आपको होली पर्व की बधाई हो
ReplyDeleteअति सुन्दर ..
ReplyDeleteरंगपर्व होली की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें |
bahut sunder
ReplyDeletelaghu katha
बहुत ही खूब रहा आपका ये अंदाजे बयां.....
ReplyDeleteWAAH
ReplyDeleteWAH..
ReplyDeleteTERE RANG ME RANG JANE KE BAAD KISI AUR RANG KI CHAH NAHI...
dua hai apki zindgi me har din ek naya palash khile.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियाँ!
ReplyDeleteBehtareen rachana
बहुत सुन्दर |
ReplyDeleteबधाई
आशा
ख़ूबसूरत और touching....पढ़कर अपने-आप ही मुस्कान आ गई होठों पर...
ReplyDeleteन जाने कितने
ReplyDeleteपलाश खिल गए
धरती पर रंग
सारे बिखर गए।
सुंदर कविता
aapki kavita padh palash hamare man me bhi khil gaye...sunder...
ReplyDeletewow ....Beautiful lines ..
ReplyDeleteवाह वाह वाह वाह वाह वाह और क्या कहूँ ,बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति बहुत कम शब्दों में
ReplyDeleteकम शब्दों में कितना अच्छा लिख दिया आपने.....
ReplyDeletekhoobsoorat panktiyaan hain
ReplyDeleteआदरणीया संगीता जी नमस्कार छोटी पर बहुत सुंदर पंक्तियाँ प्यार की असीम दास्ताँ को परिलक्षित करती और साथ में सुंदर तत्संबंधित छवियाँ खुद ही सब बोल दे रही हैं -बधाई हो
ReplyDeleteसुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
मेरी आँखों में
ReplyDeleteन जाने कितने
पलाश खिल गए ....
वाह । वाह ।
ये पलाश चाहने वालों की आंखों में खिलने चाहियें । शुक्रिया ।
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