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Tuesday, 10 May 2011

हरसिंगार से ख्वाब



हरसिंगार से 

मेरे ख्वाब 

महकते रहे 

सारी रात 

पर सुबह  के 

सूरज ने आ 

उन्हें मिट्टी में 

मिला दिया 

82 comments:

  1. वाह! बहुत खूब लिखा है आपने! ख़ूबसूरत फूल सूरज की किरणों से मुरझा गए!

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  2. छोटी कविता में सारा रचना संसार ,अभिव्यक्ति का अनुपम उदहारण ,संगीता जी बधाई

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  3. सपने तो टूटेंगे ही ....शुभकामनायें आपको !

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  4. सपनो के फूल सूर्य की किरणों से झुलसकर जमींदोज हुए , निराशा भरे क्षण कई बार मानव को अपने सपनों के बारे गंभीरता से सोचने को मजबूर करते है ताकि सपने कुम्भला ना सकें .

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  5. khababo ko harsingar bana diya..wah di..!!

    di shikayat hai, aap mere blog pe aana bhul gayee ho..

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  6. per hersingaar hersingar hi raha ...khilta raha jhadta raha

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  7. सुबह के सूरज के साथ सपनों का अंत होना तो अवश्यम्भावी है लेकिन इतने सुन्दर और सुरभित सपने हमारे दिन रात एवं जीवन को भी सुरभित कर दें तो अच्छा हो ! छोटी सी, मीठी सी, महकती सी रचना बहुत प्यारी रचना !

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  8. आपने तो मिट्टी मे मिलाकर हमारा दिल तोड दिया………महकते रहने देना चाहिये था ना।

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  9. अरे संगीता जी ये क्या हो गया ..सूरज भी कितना बेदर्दी है न ..
    ख्वाब तो ऐसे ही होते है बनते हैं रचते हैं राज महल और फिर पल भर में तूफान आंधी खांई में गिरना ..
    बहुत खूब छोटी रचनाओ में आप की इतना दम हम तो खो ही जाते हैं

    शुक्ल भ्रमर ५

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  10. वाह ... बेहतरीन ।

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  11. big thing in small package!
    yahi aapka kamaal he!

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  12. लाजवाब!!!चंद शब्द और गहरी व्यथा

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  13. हरसिंगार से ख्वाब सारी रात महकते रहे......... सुबह होते मिट्टी में मिल गए..इन्हें फिर से महकाकर सजा दीजिये ना....:(

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  14. कोई बात नहीं कल फिर खिलेंगे फूल, और महकेंगे.
    कम पंक्तियों में सब कुछ कह देने की पुरानी और और खूबसूरत आदत है आपकी :)
    बहुत ही गहरी रचना.

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  15. वाह संगीता जी !

    अति सुन्दर भाव और उनकी खूबसूरत प्रस्तुति |

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  16. हरसिंगार महकते हैं .....टूट कर झरते हैं ..ख़्वाबों की तरह ..............वाह बहुत खूब !

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  17. सूरज ऐसा भी करता है, वाह.
    लाजवाब

    दुनाली पर पढ़ें-
    कहानी हॉरर न्यूज़ चैनल्स की

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  18. ख्वाब
    महकते रहे
    सारी रात --

    यह भी एक उपलब्धि है ।
    अति सुन्दर ।

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  19. बहुत खूब!
    सुन्दर क्षणिका!
    --
    हरसिंगार के फूल से, बिखर याएँ जब ख्वाब।
    आगत का स्वागत करो, थोड़े दिन की आब।।

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  20. वाह! बहुत सुंदर प्रयोग।

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  21. bahut sundar likha hain aapne.
    sangeeta didi ek baat puchna chahungi aap se kya aap mujhse dosti karengi agar aap uchit samjhe to.

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  22. एक रात का महकता जीवन काफी नहीं है क्या...रोज ताजे ख्वाब...लम्बी बासी जिंदगी से तो ये छोटे-छोटे ख्वाब ही भले...

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  23. बहुत सुन्दर !

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  24. bhut hi kam panktiya per bhut bhut sunder jaise sab kuch khudh me sameteti hui rachna...

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  25. हरसिंगार से ख्वाब - रात महकती रही और सुबह होते आपके इर्द गिर्द , कुछ ऐसा ही लगा

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  26. यह सुरज भी तो नये सपनो की सुबह ले कर आया हे... बहुत सुंदर रचना, धन्यवाद

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  27. अति उत्तम ! चित्रमयी तुलना...

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  28. यह जीवन का सत्य है ...इसे स्वीकारना चाहिए ..!

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  29. बहुत बढ़िया ..... सपनों का टूटना भी दर्द तो देता ही है......

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  30. mummaa....bahut bahut chhoti hai......:( aur aapki un kamaal chhutku nazmon ke barabar ki bhi nahin :(

    sorry mumma :( !!

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  31. बात कुछ अधूरी सी लगी।

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  32. यह मत सोचना कि अवधि कितनी ?
    उतनी ही जितनी पलको की हाँथों में थमे आँसू की उम्र !

    फूल हमें यही तो सिखाते हैं , जितनी देर रहे खुशबू से भर दिया !

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  33. वाह क्या बात है ?सपनो में भी खुशबु भर दी ...

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  34. आप ने तो ‘गागर में सागर’ भर दिया । एहसास की सुन्दर अभिव्यक्ति है

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  35. रात के सपने होते ही ऐसे हैं कि सूरज निकलने के साथ ही ख़त्म हो जाते हैं . वे तो छलावा हैं लेकिन हरसिंगार सी महक उन्हें जेहन में हमेशामहकाए रहते हैं.

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  36. ख्वाब की क्षणभंगुरता ! और जीवन भी ख्वाब सा ? है न माँ?

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  37. is sundar rachna ke saath matridivas ki bhi badhai .

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  38. ख्वाबों की दुनिया की बात ही निराली होती है..संगीता जी!...आप भी बात का बतंगड में ख्वाबों के रंगो क लुफ्त उठाएं!

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  39. बहुत सुन्दर रचना ..बधाई.
    _____________________________
    पाखी की दुनिया : आकाशवाणी पर भी गूंजेगी पाखी की मासूम बातें

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  40. der se padhne ke liye kshma chahti hoon.ek sunder ahsaas sunder kshanika padhne ko mili.

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  41. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी आज के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  42. CHAND SHABDO ME SUNDAR PRASTUTI.
    WAAH...

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  43. एक भावपूर्ण प्रस्तुति |
    बधाई
    आशा

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  44. khoobsoorat...
    chhoti kavita ..
    badi baat...!!

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  45. sangeeta di
    bahut hi badhiya aur behatreen aapne to is chhoti si rachna ko itni gahrai se likha hai mano gagar me sagar hi pura samet liya.
    bahut bahut badhai
    hardik abhinandan
    poonam

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  46. सुख और दुख तो एक दूसरे के पूरक है . ये तो लगा ही रहता है.

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  47. सुख और दुख तो एक दूसरे के पूरक है . ये तो लगा ही रहता है.

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  48. PRIYANKA RATHORE has left a new comment on your post "हरसिंगार से ख्वाब":

    bahut khoob....aabhar

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  49. Akshita (Pakhi) has left a new comment on your post "हरसिंगार से ख्वाब":

    बहुत सुन्दर रचना ..बधाई.
    _____________________________
    पाखी की दुनिया : आकाशवाणी पर भी गूंजेगी पाखी की मासूम बातें

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  50. चार लाइनें और कई बार पढ़ी मैंनें, लाजवाब!
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

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  51. कुछ भी हो जाये हरसिंगार ने अपनी प्रकॄति नही बदली यही उसका सत्य है ....आभार !

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  52. बेहतरीन यथार्थमय बिम्ब
    बहुत खूब

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  53. पर सुबह के

    सूरज ने आ

    उन्हें मिट्टी में

    मिला दिया
    aap bahut sundar likhti hai

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  54. sooraj ne chahe mitti men mila diya par kwabon ne rat to mehaka dee. Bahut sunder taje hawa ke zonke see kshanika.

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  55. बहुत सुन्दर.

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  56. ऐसा ही होता है ... हकीकत का उजाला कई बार सपनो को तोड़ देता है ...

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  57. दुनिया में जो कुछ भी सुन्दर है वो क्षणभंगुर है.......बहुत सुन्दर पोस्ट.......प्रशंसनीय |

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  58. उन्हें मिट्टी में

    मिला दिया
    sahi hai pr fir mahkenge sapne

    हरसिंगार से

    मेरे ख्वाब

    महकते रहे
    harsingar se khvab sunder soch
    yatharth chitran
    sunder kavita
    badhai
    rachana

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  59. बढ़िया क्षणिका!
    सुन्दर तथा गहरे भाव !

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  60. very nice... short and sweet

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  61. बहुत सुंदर कल्पना!..काश कि रात कभी न ढलती!...धन्यवाद संगीताजी!

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  62. शाश्‍वत से द्वंद. सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति.

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  63. बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
    हार्दिक शुभकामनायें ! एवं साधुवाद !

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  64. जितनी सुंदर रचना उतनी ही सुंदर प्रस्तुति.....

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  65. क्या बात है :)
    खुबसूरत रचना |

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  66. बहुत सुन्दर रचना !

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  67. बहुत खूब। सुन्दर रचना,प्रेरणाप्रद भी।

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  68. छोटी सी नज्म ने बहुत कुछ कह दिया।
    सुधा भार्गव

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  69. गहरी व्यथा,सुन्दर रचना

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  70. जन्माष्टमी की शुभ कामनाएँ।

    कल 23/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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आपकी टिप्पणियां नयी उर्जा देती हैं....धन्यवाद