komal aur behad sundar bhav liye hamesha ki tarah ek aur bahtareen rachnaa bahut kam shabdon men, aur bahut hee salartaa se aap ki har post ek gahari baat badi asani se kah jaati hai jo mere man ko bahut baahti hai .....
sach kaha aapne aunty.hajaron kandein utne bhale nahi lagte jitni barish ki boondein apne me sama bhi leti hai ansuon ko aur kisi ko khabar bhi nahi hoti
क्षमा प्रार्थी हूँ | एक जगह पर खाली बटन रह गया जहाँ पर आपका नाम लिखा जाना था | गलती सुधर दी गयी है | नीचे से दूसरी लाइन पर आपका नाम लिखा हुआ है | आप इस लिंक पर चैक करें |
मुझे तो बारिश से मुहब्बत है जो निभाती है हर बार मेरा साथ..wakai lajabab..riston ko banane me koi mahanta nahi mahanta hai riston ko nibhane mein..sadar badhayee aaur pranam ke sath
mann bhig gaya,sunder bhav,ajj bahut dino baad khub saari sunder si kavitayin padhi,waqt ke kami ke kaaran sabhi par comment nahi kar paa rahi sangeeta ji,magar sach kahu behad sukun mila.sadar mehek.
बहुत सुन्दर रचना....जैसे मेरे दिल की भी बात हो.
ReplyDeleteरचना के भाव मन को गीला कर गए।
ReplyDeleteकठोरता को नम करती बारिश की बूदें।
ReplyDeleteवाकई काँधे कब सिर के नीचे से सरक जायें कोई भरोसा नहीं बारिश हमेशा वफादारी से साथ निभाती है ! बहुत कोमल सुन्दर रचना !
ReplyDeleteसुँदर भाव . कोमलता टपक रही है . आभार
ReplyDeleteसिर्फ आंसू काफी नहीं होते गम भुलाने के लिए ,आंसुओं की बरसात हो तो कुछ बात बने ! इस मीठी कविता के लिए बहुत बहुत बधाई !
ReplyDeleteबेशक कर मोहब्बत बारिशों से तू.
ReplyDeleteएक कंधा सदा हाजिर है
बस ये याद रखना.
बहुऊऊऊऊत कोमल रचना.
मुझे तो
ReplyDeleteबारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ .
वाह ...बहुत ही नाजुक अहसास ... ।
सुभानाल्लाह.......दिल जीत लिया......बहुत ही खूबसूरत|
ReplyDeleteदूसरों के सर पर कंधे रख कर ना रोने वालों के लिए बरसात कितनी अपनी है ...
ReplyDeleteसुन्दर !
बहुत बडी बात कह दी………………महसूस कर रही हूँ।
ReplyDeletekandhe to saath chhod bhi den ye fuhaaren chehre per saath rahti hain
ReplyDeletebahut sundar rachna...aabhar
ReplyDeletekomal aur behad sundar bhav liye hamesha ki tarah ek aur bahtareen rachnaa bahut kam shabdon men, aur bahut hee salartaa se aap ki har post ek gahari baat badi asani se kah jaati hai jo mere man ko bahut baahti hai .....
ReplyDeleteवाह आंटी...क्या गजब का लिखा है।
ReplyDeleteसादर
sach kaha aapne aunty.hajaron kandein utne bhale nahi lagte jitni barish ki boondein apne me sama bhi leti hai ansuon ko aur kisi ko khabar bhi nahi hoti
ReplyDeleteभावपूर्ण प्रस्तुति,
ReplyDeleteअति सुन्दर , बधाई स्वीकारें.
क्या कहने,
ReplyDeleteबहुत सुंदर
बहुत खूबसूरत सच !
ReplyDeletebhaut hi khubsurat....
ReplyDeleteमुझे तो
ReplyDeleteबारिश से
मुहब्बत है
एहसास का खूबसूरत स्वर ...
संगीता जी,
ReplyDeleteआपकी हर रचनाएँ हमेशा अच्छी होती है,सुंदर पोस्ट...बधाई.....
बहुत खूब ! लाज़वाब कोमल अहसास..
ReplyDeleteबारिशों को ...अश्क छिपाने का हुनर आता है ...सुन्दर !!
ReplyDeletebhavo me chhupa athaah dard dard de gaya.
ReplyDeleteवाह दी....
ReplyDeleteभीगी भिगोती सी रचना....
सादर...
बारिश भी सखी के कंधे सी हो जाती है जब मन ऐसे भावों से भर जाए. सुंदर कविता.
ReplyDeleteये बहाना भी अच्छा लगा. कविता का भावपक्ष बहुत प्रबल है.
ReplyDeleteसही है।
ReplyDeleteबारिश काफी सकून देती है गम के मारों को।
शानदार नज़म बहुत खूब.
ReplyDelete♥
ReplyDeleteमिलते होंगे
लोगों को
न जाने
कितने कंधे
रोने के लिए ,
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ
जो साथ निभाता है उससे मुहब्बत होना लाज़मी भी है आदरणीया संगीता जी
क्या बात है !
वाह ! अच्छा अंदाज़े-बयां है …
बधाई !
साथ ही
दीपावली की बधाइयां !
शुभकामनाएं !
मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह ..
ReplyDeleteबहुत खूब !!
जबरदस्त......
ReplyDeletebhaut khub....
ReplyDeleteबहुत खूब !
ReplyDeleteमुझे तो
ReplyDeleteबारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ
सही कहा है आपने कांधे की क्या बात है, रोती है साथ - साथ अपने की तरह....कोमल अहसास
बहुत अच्छा कहा !
ReplyDeleteकाहे को रोना, सावन का साथ दो।
ReplyDeleteवह:क्या गजब का लिखा है। आभार..
ReplyDeleteaansu aur barish ka rishta purana hai...
ReplyDeleteमम्मा, साथ और सहारा देने में वाक़ई बहुत फ़र्क है...:)
ReplyDeleteसुन्दर सृजन के लिए बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteसमय- समय पर मिले आपके स्नेह, शुभकामनाओं तथा समर्थन का आभारी हूँ.
प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.
रचना अत्यंत सुंदर बन पडी है बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteहम ही अपने असली साथी हैं...!
ReplyDeleteबहुत खूब ... बारिश आंसुओं का एहसास नहीं होने देती ...
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत
ReplyDeleteबरसात का मौसम बड़ा ज़ालिम हैं क्यों आंसू बहाता हैं
ReplyDeleteइतना पानी कम नहीं,जो आँखों से बरसाता हैं !
कोमल रचना!
ReplyDelete"मिलते होंगे
ReplyDeleteलोगों को
न जाने
कितने कंधे
रोने के लिए ,
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ ."
कम शब्दों में गहरी बात...
गागर में सागर......
ReplyDeleteगागर में सागर......
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...गहरी बात
ReplyDeleteइस ब्लॉग पर बहुत तनाव है। अब नहीं लौटूंगा।
ReplyDeletebhut achcha.
ReplyDeleteज़बरदस्त भावों से लबरेज़.
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
kya khoob keha hai!
ReplyDeleteपूरे परिवार को दीपावली,धनतेरस,भाईदूज,की हार्दिक शुभकामनाए.....
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeletebhaut khubsurat.... happy diwali....
ReplyDeleteकभी आंसुओं को छुपाती ये बारिश, तो क्यूं न अच्छी लगे ।
ReplyDeleteपोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । दीपावली की शुभकामनाएं । धन्यवाद ।
ReplyDeletebahut sunder , happy deepawali sangeeta ji
ReplyDeleteक्षमा प्रार्थी हूँ | एक जगह पर खाली बटन रह गया जहाँ पर आपका नाम लिखा जाना था | गलती सुधर दी गयी है | नीचे से दूसरी लाइन पर आपका नाम लिखा हुआ है | आप इस लिंक पर चैक करें |
ReplyDeletekomal-komal si......bhawpoorn.
ReplyDeleteBahut hi sunder prastuti....
ReplyDeleteAapko Diwali ki dher sari shubhkamnayein:)
बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
bahut sundar rachna sangeeta ji
ReplyDeleteदुआ है ये साथ बना रहे ...
ReplyDelete:))
गंभीर कविता...
ReplyDeletewaao different perspective
ReplyDeleteअँसूओं की बारिश किसी कन्धे से कम नहीं। सुन्दर भा
ReplyDeleteआपका पोस्ट अच्छा लगा । .मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! बधाई!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
baarish aur nayano ka to humesha ka saath raha hai...lajabaab.
ReplyDeleteमुझे तो
ReplyDeleteबारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ "
बहुत ख़ूबसूरत...!
बहुत सुन्दर रचना.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteमुझे तो
ReplyDeleteबारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ..wakai lajabab..riston ko banane me koi mahanta nahi mahanta hai riston ko nibhane mein..sadar badhayee aaur pranam ke sath
मुझे भी बारिश से बहुत मोहब्बत है दीदी ..
ReplyDeleteउफ्फ्फ
कितनी कोमल कविता लिखी है आपने
प्रणाम !
mann bhig gaya,sunder bhav,ajj bahut dino baad khub saari sunder si kavitayin padhi,waqt ke kami ke kaaran sabhi par comment nahi kar paa rahi sangeeta ji,magar sach kahu behad sukun mila.sadar mehek.
ReplyDelete