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Friday, 20 January 2012

सर्द मौसम ( हाईकू)



घना कोहरा 
धूप चांदनी लगे 
ढूंढें तपिश 




सर्द रात में 
फुटपाथ आबाद 
जिंदा हैं लाशें .

58 comments:

  1. गहरे अर्थ समेटे हाइकू ।


    सादर

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  2. लाजबाब ! थोड़े से शब्दों ने बहुत कुछ कह दिया

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  3. बदहाली के अध्याय कहती कुछ ही पंक्तियाँ

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  4. गागर में सागर सी अभिव्यक्ति|

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  5. बढियां है जी । चंद शब्दों में में बहुत कुछ कह दिया ।

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  6. घना कोहरा
    धूप चांदनी लगे
    ढूंढें तपिश
    ...nanhe kadam ,poora aakash

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  7. Bahut sundar...pahla haiku to gazab kaa hai!

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  8. satik abhivyakti , prashanshniy bhav .

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  9. गहन अभिवयक्ति........

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  10. बातें हाइकू की
    गहरीं गयीं
    जडें हिल गयीं...

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  11. हाइकू में इतने कम शब्द होते हैं कि उसमें पूरी बात कह जाना बहुत स्किल का काम है..पर आपने बखूबी कर दिखाया.

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  12. जाये ये सर्दी
    मिले ज़रा राहत
    जिंदा लाशों को...

    बहुत खूब.....................
    सादर.

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  13. अच्छी प्रस्तुति,बहुत सुंदर हाइकू ,बेहतरीन पोस्ट....
    new post...वाह रे मंहगाई...

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  14. koi jaayegaa
    koi aayegaa
    jagah bharee rahegee

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  15. आपकी पोस्ट पर टिपण्णी करना मेरे लिए असंभव है | सार्थकता तथा जीवन के अनछुए पहलू को उजागर करती हैं आपकी सभी रचनाएँ | टूटते-सितारों की उड़ान में भी आपकी रचनाएँ पढ़ीं बधाई आपको |

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  16. सुंदर अर्थपूर्ण हाइकु.

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  17. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    सूचनार्थ!

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  18. अति सुंदर
    सर्दी भी है गर्मी भी
    सर्द मौसम.

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  19. कुछ ही पंक्तियाँ..कितना कुछ कहती हुई..

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  20. वाह ...अनुपम भाव संयोजन ।

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  21. बहुत कुछ कह दिया |

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  22. बहुत सुन्दर !
    आभार !

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  23. उत्तम रचनाएँ...उत्तम प्रस्तुति!

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  24. Sard mausam ka maarmiktabhara sateek chitran..

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  25. सर्द रात में
    फुटपाथ आबाद
    जिंदा हैं लाशें .

    .........हैट्स ऑफ इसके लिए|

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  26. Didi aapne bahut sundar likha hain.
    kam shabd main sab kuch keh jaana koi aasan kaam nahi.

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  27. बहुत कुछ कहती कुछ ही पंक्ति..गहरे भाव..

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  28. "सर्द रात में
    फुटपाथ आबाद
    जिंदा हैं लाशें ."

    इस हाइकू ने तो गहरे तक झिंझोड़ दिया।
    बेहतरीन !

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  29. बस दो ही? और लिखिए। अच्‍छे हैं।

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  30. घना कोहरा
    धूप चांदनी लगे
    ढूंढें तपिश

    सर्द रात में
    फुटपाथ आबाद
    जिंदा हैं लाशें

    ज़िन्दगी का यथार्थ हैं ये दोनो हाइकू…………कम लफ़्ज़ों मे गहरी बात कह देना ही तो आपकी खासियत है फिर चाहे कविता हो या अब ये नयी विधा हाइकू………दोनो गज़ब हैं।

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  31. कम शब्दों में बड़ी मारक बातें कही है आपने।

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  32. शानदार हाईकू दी...
    सादर.

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  33. गहनाभिव्यक्ति !!

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  34. छोटी कविता बड़े भाव ..आपका ब्रांड बन चुका है...

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  35. लाजबाब| थोड़े से शब्दों ने बहुत कुछ कह दिया|
    धन्यवाद।

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  36. इन छोटे शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी ... ये अंदाज़ है हाइकू कहने का ... बधाई ...

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  37. आप इतने कम शब्दों में कविता कि पूरी खूबसूरती रखते हुए कैसे पूरी बात कह लेती है :)

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  38. अच्छे हाइकु
    बधाई संगीता जी
    मज़ा आ गया

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  39. बहुत खूब ! जारी रखें .

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  40. दोनों हाइकु बहुत कमाल...

    सर्द रात में
    फुटपाथ आबाद
    जिंदा हैं लाशें .

    भावपूर्ण हाइकु के लिए बधाई संगीता जी. स्नेह और सहयोग के लिए ह्रदय से आभार.

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  41. बहुत सुन्दर हाइकु लिखा है आपने! गहरे भाव और सुन्दर चित्र के साथ उम्दा प्रस्तुती!

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  42. haaiku kya hota hai pata nahin , par dhoondhein tapish ki baat sach hai ,

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  43. अच्छा है। हिंदी की प्रकृति और अपने शब्द-सामर्थ्य के हिसाब से,शब्दों का अनुपात नए सिरे से भी निर्धारित किया जा सकता है।

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  44. बहुत सुंदर भावपूर्ण अच्छी रचना,..
    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

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  45. वाकई धूप की बड़ी मांग है....
    शुभकामनायें आपको !

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  46. आदरणीया संगीता जी गणतंत्र दिवस की बधाई ...इ छोटी सी रचना कितना कुछ कह गयी देश का जिम्मा जिन पर है जो इतना हांकते हैं उन्हें तमाचा मार गयी
    जय हिंद
    भ्रमर ५

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