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Thursday, 26 April 2012

बर्फ ......



एक
उदास शाम को
मन की झील में
डूबते - उतरते
नज़रें गीली
हो गयीं थीं
और
झील पर
जमी बर्फ 
पिघलने 
लगी थी .....


56 comments:

  1. ऊपर से सख्त हो कर भी बर्फ तो पानी ही है...बहुत खूब...

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  2. यादों का समंदर मन की भावनाओं में उथल पुथल मचाने में सक्षम है और उसकी गर्मी जमी बर्फ भी.

    भावना प्रधान क्षणिका. आभार संगीता दी.

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  3. जिसमें सबकुछ बह सा जाता है..हम भी...

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  4. कम शब्दों में बड़ी बात! बहुत खूब!

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  5. स्नेह का ताप ..सब कुछ पिघलाने की सामर्थ्य रखता है...यह तो केवल बर्फ थी.

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  6. मन को भारीपन ऐसे ही बह जाता है, सुन्दर कविता।

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  7. नज़रें गीली
    हो गयीं थीं
    और
    झील पर
    जमी बर्फ
    पिघलने
    लगी थी ...

    वाह !.. नज़रों का गीला होना और झील पर जमी बर्फ़ का पिघलना... भावोँ का बहुत सुंदर समन्वय ...

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  8. बहते हुए खोये रास्ते मिल जाते हैं ...

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  9. यह उदास शाम जब पिघलकर मन में समा जाती है तो सुनामी उठ जाती है।

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  10. प्यार की गर्मी पत्थर पिघला देती है फिर ये तो बर्फ है...............

    सुंदर भाव दी...
    सादर.

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  11. झील पर जमी बर्फ स्थायी नहीं होती .
    संयम रखें तो एक दिन सब ठीक हो जाता है .

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  12. अनुपम भाव संयोजित करती हुई अभिव्‍यक्ति ।

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  13. Didi namaste
    man ki udaas jhil ko pighal
    jaane dijiye.
    sundar abhivyakti.

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  14. और
    झील पर
    जमी बर्फ
    पिघलने
    लगी थी .....बस बर्फ़ का पिघलना जरूरी है …………बेहद उम्दा भावाव्यक्ति।

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  15. और
    झील पर
    जमी बर्फ
    पिघलने
    लगी थी .....बस बर्फ़ का पिघलना जरूरी है …………बेहद उम्दा भावाव्यक्ति।

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  16. नजरों के पानी से मन पर जमी बर्फ पिघल ही जाता करती है.
    गहरे भाव
    सुन्दर शब्द
    खूबसूरत रचना.

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  17. वाह!!!!बहुत सुंदर प्रस्तुति,..कम शब्दों अपना प्रभाव छोडती खुबशुरत रचना,..

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....

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  18. बर्फ है तो पिघलनी ही है.....बस उसके अनुरूप ताप मिले और कोई प्यार से मुट्ठी में बंद कर ले तो भी पिघल जाती है ये बर्फ......!!

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  19. बहुत खूब आंटी!


    सादर

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  20. कल 27/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  21. भावों की ऊष्मा किसी भी कठोर-मन बर्फ को पिघलाने में सक्षम है । सुंदर ।

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  22. geeli nazre to kitna kuchh pighla deti hain...ye to sirf apki hi jami barf thi.
    sunder prastuti.

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  23. बर्फ इतना बर्फीला भी तो नहीं होता ... पिघलेगा ही भावनाओं की गर्मी से

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  24. आदरणीया संगीता जी सुन्दर भाव ..भावनाएं और जज्बात पिघला ही देते हैं पत्थर से कठोर को भी ...
    जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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  25. जितनी छोटी, उतनी पैनी !

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  26. भावपूर्ण अभिव्यक्ति!!

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  27. वाह ...प्रभावित करते भाव

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  28. बहुत गहरे भावों में अनुभव की भाप
    बर्फ को पिघला रहा, शायद संताप

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  29. वाह !! क्या बात है ... बहुत खूब !!

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  30. बहुत सुंदर संवेदनशील रचना...आभार

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  31. भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.

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  32. तुम्हारा प्यार मेरे भीतर है जमी बर्फ- सा !
    पिघल गया तुम्हारा एहसास पाकर ही नदी- सा !
    सर्द -गर्म से ये एहसास ही जीवन की धरोहर है !

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  33. बर्फ का पिघलना ही बेहतर है।

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  34. अब जब पिघल गई बर्फ तो कविता तो बहनी ही थी . हम देर से आये मगर दुरुस्त और सुँदर पढने को मिला .

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  35. "नज़रें गीली
    हो गयीं थीं
    और
    झील पर
    जमी बर्फ
    पिघलने
    लगी थी ....."
    वाह ! आँसुओं की गर्मी से यह बर्फ़ पिघली और भाव शब्द रुप में बह पड़े!
    बहुत सुंदर ! बधाई !

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  36. 'बर्फ' और 'निजत्व से विश्व्त्व की' और दोनों रचनाये उच्च स्तरीय रहीं . मन तो अब झील क्या ग्लेशियर हो चला है जो अश्रु जल की गुनगुनाहट से लगातार पिघल रहा है .

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  37. kam shabdon men gaharee baat....

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  38. बर्फ आँसू की गर्मी से पिघलनी ही थी

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  39. मन की उदासी कर दी शाम के नाम ,हो गया जीने का कुछ इंतजाम .शाम का मानवीकरण है आपकी इस रचना में .बधाई .

    कृपया यहाँ भी पधारें -
    डिमैन्शा : राष्ट्रीय परिदृश्य ,एक विहंगावलोकन

    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
    सोमवार, 30 अप्रैल 2012

    जल्दी तैयार हो सकती मोटापे और एनेरेक्सिया के इलाज़ में सहायक दवा

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  40. behtareen rachna ...aapki har rachna mujhe naye chintan kee ed disha deti hai..aapka protsahan bhee mujeh satat prerit karta hai..sadar pranam ke sath

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  41. गर्मी के मौसम में बर्फ पर कविता कुछ राहत दे गई.

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  42. Shayad dono me pani hone k karan nigahon ki nami barf pe asar kar gayi........sundar rachna didi.....

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  43. This comment has been removed by the author.

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  44. मानो,प्रकृति ने भी विस्तार दिया आपकी करूणा को।

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  45. बेहतरीन भाव संयोजन
    गहन अर्थ लिए बेहतरीन अभिव्यक्ति...

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  46. निःशब्द ... कुश शब्दों में गहरी बात ...

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  47. di
    kam shabdon me apni baatoon ko vitaar dena aapki lekhni ka hi kamaal ho sakta hai .
    sadar naman ke saath
    poonam

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  48. कम शब्दों में सुन्दर भाव लेकर अपनी बात बयाँ करती खूबसूरत रचना |

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  49. गागर में सागर .....
    शुभकामनायें आपको !

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  50. झील पर जमी बर्फ पिघलने लगी ....अह्हह्ह !!!!!!!!

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  51. नज़रें गीली
    हो गयीं थीं
    और
    झील पर
    जमी बर्फ
    पिघलने
    लगी थी .....
    अह्हह्ह ....!!!!

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