माँ का आँचल
आज भी लहराता
सुखद यादें ।
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मीठी निबौरी
माँ की फटकार
गुणी औषध ।
**************
माँ का लगाया
काजल का दिठौना
याद है मुझे
*****************
राह तकते
करती इंतज़ार
माँ की नज़र ।
***************
माँ का आशीष
महसूस करूँ मैं
यही चाहना ।
*******************
घर में झीने रिश्ते में लाखों बार उघडते देखे
ReplyDeleteचुपके-चुपके कर देती है जाने कब तुरपाई अम्मा...
माँ पर आलोक श्रीवास्तव की ग़ज़ल का ये शेर साझा करने से रोक नहीं सका...खूबसूरत भाव लिए हाइकु...
वही डिठौना तो लगाया अपने बच्चे को ... माँ की महिमा नन्हें नहें हाइकु से डिठौने में
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत हाइकु
ReplyDeleteमेरे सिर पे
ReplyDeleteमाँ का दुलारा हाथ
रहे हमेशा..
आपकी ममतामयी हाइकुओं ने मुझसे भी मेरा पहला. हाइकू रचवा दिया :).
हैप्पी मदर्स डे दी !!!!
ये वो तस्वीर है जो दुनिया को उज्ज्वल रखती है। विश्व की हर जननी को नमन।
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ReplyDeleteमातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें संगीता जी ! हर हाइकू माँ के स्नेहिल आँचल की तरह हौले से सहला जाता है और मन को विभोर कर जाता है ! बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! बधाई एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteवाह हाइकू के माध्यम से माँ की महिमा का गुणगान बहुत सुन्दर्………माँ को नमन्।
ReplyDeleteमाँ का आशीष
ReplyDeleteमहसूस करूँ मैं
यही चाहना ।
माँ का आशीष सम्पूर्ण कल्याण करने वाला है. सुंदर भावपूर्ण और ममतामयी हाईकू. हैप्पी मदर्स डे.
माँ को नमन .... !!
ReplyDelete*माँ का आशीष
महसूस करूँ मैं
यही चाहना |*
सबकी चाह बस यही होती .... !!
मातृ दिवस पर
ReplyDelete...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति....
चार पंक्तियाँ माँ के सम्मान में ,...
माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..
ममता की मूरत ...बस!
ReplyDeleteमाँ की सूरत ....
उनको नमन !
सफल प्रयास ....
ReplyDeleteबहुत शानदार हाईकू ...!!
माँ को नमन ...!!
माँ का आशीष
ReplyDeleteमहसूस करूँ मैं
यही चाहना ।
*
-यही चाहना मेरी भी.संगीता जी ,मन की बात कह दी आपने !
मातृ दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteसभी हाइकु बहुत अच्छे हैं। अपनी हाइकु की यह भावात्मक यात्रा जारी रखिए !! बधाई !!
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत हाइकू, दी..
ReplyDeleteउतनी ही सुन्दर माँ की छवि!!
कितनी सारी यादें सिमट आयीं इन नन्हे से हायेकु में......
ReplyDeleteबहुत सुंदर संगीता दी.
सादर.
माँ ने जिन पर कर दिया, जीवन को आहूत
ReplyDeleteकितनी माँ के भाग में , आये श्रवण सपूत
आये श्रवण सपूत , भरे क्यों वृद्धाश्रम हैं
एक दिवस माँ को अर्पित क्या यही धरम है
माँ से ज्यादा क्या दे डाला है दुनियाँ ने
इसी दिवस के लिये तुझे क्या पाला माँ ने ?
माँ का लगाया काज़ल का दिठौना हमेशा याद ~
ReplyDeleteनन्हे मुन्ने हायकू !
सभी हाइकु माँ का स्नेह परिभाषित कर रहे हैं...
ReplyDeleteएक मेरी ओर से...
तपती धूप
हाथ थे पाँव तले
आँचल-छाया.
ममताभरे हायकू..
ReplyDeleteBahut,bahut sundar!
ReplyDeleteमीठी निबौरी
ReplyDeleteमाँ की फटकार
गुणी औषध ।
राह तकते
करती इंतज़ार
माँ की नज़र ।
आदरणीया संगीता जी ..बहुत सुन्दर..थोड़ी देर नहीं हुयी बच्चे का लौटना की माँ का दिल तड़पने लगता है .. ....माँ रचती रहती है काश उस रचना को लोग सम्हालें ..जय श्री राधे
भ्रमर ५
.
ReplyDeleteप्रणाम !
सुंदर भावपूर्ण हाइकु …
# मेरी ओर से भी …
वाह जी वाह !
अच्छा लिखा आपने
बहुत ख़ूब !
:)
जोर से बोलो
सब मिल के बोलो
जय माता दी
:)
मंगलकामनाओं सहित…
-राजेन्द्र स्वर्णकार
सभी हाइकु मे माँ की ममता सिमटी हुई है...बहुत सुन्दर...संगीताजी..
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार १५ /५/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |
ReplyDeleteमाँ की महिमा अपार!
ReplyDeleteसुन्दर स्नेहिल हाइकु!
हाल्कु विधा पर आपने महारत हासिल कर ली है। इन पंक्तियों में बड़े संश्लिष्ट भाव आ रहे हैं।
ReplyDeleteभावमय करते शब्दों का संगम ... आभार ।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteसुन्दर और बेहतरीन हाईकु :-)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteमाँ तो बस माँ है
मां की महिमा निराली...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, स्नेहिल हाइकु.....
ReplyDeleteखूबसूरत और बेजोड लेखनी .....
ReplyDeletemaa ke riston ke har pahloo ko kshoote ..behtarin rachnayein..wakai m mata to mata hee hoti hai..uska koi bikalp nahi..sadar pranaam ke sath
ReplyDeleteSimple...Sweet!!
ReplyDeleteRegards.
बहुत सुन्दर हाइकु ----------आभार
ReplyDeleteभावुक कर देने वाली तस्वीर लगाई है आपने।
ReplyDeleteमीठी निबौरी
ReplyDeleteमाँ की फटकार
गुणी औषध ..
माँ की तो हर बात दवाई की तरह काम करती है ... कड़वी हो के भी मीठी रहती है ... सभी हाइकू लाजवाब हैं ..
बहुत सुंदर....
ReplyDeleteकम शब्दों में सुंदर अभिव्यक्ति...!!
बहुत सुंदर
ReplyDeleteसच में मेरा यही मानना है कि आज जिनके ऊपर मां का साया है, वो दुनिया के सबसे धनवानों में शामिल हैं, पर जिस पर मां की साया हट गई है, मुझे लगता है कि वो भी मेरी तरह खुद को सबकुछ होते हुए भी कंगाल समझते होंगे..
bilkul sach ko vyakt karte haaikoo.
ReplyDeletemaan ko samarpit. bahut sundar .
मीठी निबौरी
ReplyDeleteमाँ की फटकार
गुणी औषध ।
सभी हायकू बहुत सुन्दर...हृदयस्पर्शी....
sunder abhivyakti.
ReplyDeleteसुन्दर र हाइकु। बधाई.
ReplyDeleteसुन्दर सीपिकाएं ।
ReplyDeleteये हाइकु का ही दौर है -
ReplyDeleteअम्मा
एक रोशनदान
ताज़ी हवा का .बढ़िया हैं सभी हाइकु आपके - .
कृपया यहाँ भी पधारें -
बृहस्पतिवार, 17 मई 2012
कैसे करता है हिफाज़त नवजात की माँ का दूध
कैसे करता है हिफाज़त नवजात की माँ का दूध
http://veerubhai1947.blogspot.in/
बेहतरीन हाइकू माँ और यादों को संजोते!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु....आभार
ReplyDeleteबढ़िया हाइकु.
ReplyDeletebahut hi sundar...maa sarwopari hai...
ReplyDeletebhawpoorn......
ReplyDeleteमाँ की यादें
ReplyDeleteकितनी प्यारी
उसके आंचल सी ।
मातृदिवस पर ये प्यार भरे हाइकू माँ की याद दिला गये ।
मीठी निबौरी
ReplyDeleteमाँ की फटकार
गुणी औषध ।
सच है माँ का दुलार और माँ की फटकार... सब भले के लिए ही होते हैं... वो माँ ही तो है जो गीली माटी को जीवन की चाक पर धार कर अपने हांथों से आकार देती है...
सभी हाइकू बहुत सुंदर हैं संगीता जी..
सादर
मंजु