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Thursday, 5 July 2012

ख्वाबों के आँचल





कुछ होते हैं
ख़्वाबों के आँचल 
ऐसे भी 
जिन्हें ना गुल 
और ना ही 
कांटे की 
दरकार होती है..
बस 
बढते हैं 
जंगली बेल की तरह 
इनसे भी 
जिंदगी खुशगवार 
होती है  . 









59 comments:

  1. और खुशनसीब हैं वो जिन्हें मिलता है ऐसे आँचल का सहारा...

    बहुत सुन्दर दी....
    सादर

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  2. ख़्वाबों का आँचल ...
    नींद हमारी , ख्वाब भी हमारे ...क्या करेंगे गुल या खार बेचारे !

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  3. शायद यूँ ही ज़िन्दगी खुशगवार होती है .... अपनी इच्छा से सीमाएं बना लेती है

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  4. @ ख़्वाबों के आँचल

    भटकते तो हैं गुलों में

    लेकिन अटकते नहीं.

    ख़्वाबों के आँचल

    बचते जरूर हैं काँटों से

    लेकिन उलझते नहीं.

    ख़्वाबों के आँचल

    पलकों के बंद होते ही

    लहराते हैं.

    तनाव भरी ज़िन्दगी को

    कुछ खुशगवार बना जाते हैं.

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  5. एक शायर के अनुसार ज़िन्दगी अगर ख़्वाब है, तो इस खाब में कांटे होने से ज़िन्दगी के बेहतर बनने का चान्स बना रहता है।

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  6. बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति है संगीता जी ! ख़्वाबों के जो आँचल जंगली बेल की तरह होते हैं वो अधिक स्थाई और टिकाऊ होते हैं क्योंकि उन्हें बढ़ने के लिए कृत्रिम उपादानों की ज़रूरत नहीं होती ! बहुत सुन्दर रचना !

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  7. ख़्वाबों के आँचल और जंगली बेल का तादात्म्य अद्भुत काव्यसौंदर्य समेटे हुए है.
    बहुत ही सुन्दर रचना.....

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  8. वाह ... बेहतरीन भाव संयो‍जन

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  9. ख़्वाबों का ये सुन्दर आँचल सब को मिले..सुन्दर भाव...

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  10. जिन्हें ना गुल
    और ना ही
    कांटे की
    दरकार होती है..
    बस
    बढते हैं
    जंगली बेल की तरह

    बहुत sundar , kwaab भी kabhee kabhar टॉनिक का कम करते है !

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  11. 'इनसे भी
    जिंदगी खुशगवार
    होती है'

    सुन्दर!

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  12. आम जीवन की हकीकत के बहुत करीब है ये
    बहुत सुंदर रचना

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  13. बेह्द उम्दा और गहन अभिव्यक्ति

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  14. कुछ होते हैं
    ख़्वाबों के आँचल
    ऐसे भी
    जिन्हें ना गुल
    और ना ही
    कांटे की
    दरकार होती है..
    बस
    बढते हैं
    जंगली बेल की तरह
    इनसे भी
    जिंदगी खुशगवार
    होती है .

    ज़िन्दगी की हकीकत को बयाँ करती सशक्त अभिव्यक्ति दिल मे उतर गयी…………बडी गहरी बात कह गयीं।

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  15. शायद सपने भी इंसान की तरह अपना दायरा बना लेते हैं इसलिए इन्हे भी यूं ही ज़िंदगी खुशगवार लगती है। हमेशा की तरह बहतरीन प्रस्तुति...

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  16. अपने में ही आनन्दित..

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  17. बहुत उम्दा गहन अभिव्यक्ति,,,सुंदर रचना,,,,

    MY RECENT POST...:चाय....

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  18. काश कि ऐसा ही होता..
    सोचने पर मजबूर कर दिया आपने.

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  19. अद्भुत और सटीक शब्द रचना.

    रामराम.

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  20. सुन्दर अभिव्यक्ति...बेहद सटीक

    ....इनसे ही जिन्दगी खुशगवार होती है.

    शुभकामनायें.

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  21. काश! ऐसे ख्वाबों का आँचल आसमान तक फ़ैल जाए..

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  22. इनसे भीही
    जिंदगी खुशगवार
    होती है .... :)

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  23. बहुत सुंदर , ख़्वाबों के आँचल में छिप कर ही तो मंजिलों को पाया जाता है. और फिर ऐसा आँचल हो तो फिर और क्या चाहिए.

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  24. ज़िन्दगी यूँ भी खुशगवार होती है ! बहुत सुन्दर आभार

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  25. बहुत सुन्दर ..ख्वाब यूँ भी होते हैं ..

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  26. ख्वाब हैं अमरबेल, इन्हें कब ख़ार और गुल की परवाह होने लगी

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  27. वाह ...समय पर जो खुशी दे सके ....ऐसा ख्वाबों का आंचल ...
    बहुत सुंदर खयाल ...!!

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  28. ख्वाबों के आँचल में जिंदगी गुजर पाए तो क्या बात हो पर हकीकत कुछ और ही नज़ारे की कोशिश करती है..

    सुंदर मनोभावों को खूबसूरती से पेश किया है इस कविता में.

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  29. खुशगवार --ख्वाबों के आँचल ! बहुत खूब .

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  30. जिन्हें न गुल न काटे-------- बहुत खूब सूरत कबिता , बहुत-बहुत धन्यवाद.

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  31. पुष्प - कण्टक विहीन ही तो होती है अमरबेल . सुख -दुःख में एक समान, अनुभवजन्य रचना

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  32. बहुत सुन्दर गहरे भाव लिए अभिव्यक्ति...
    अति उत्तम रचना...
    :-)

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  33. अनायास उगी जंगली बेल खाद-पानी माँगे बिना जो रिक्तियों की पूर्ति करती है उसका अपना महत्व है !

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  34. संगीता जी सच है न आस न चाह ..अपना कर्म ..जीवन का सन्देश पद्धति खुशियाँ बरसाती सुन्दर रचना ....
    भ्रमर ५

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  35. वाह !! न फूल न काँटे...निःसन्देह ख्वाबौं का यह आँचल अतुलनीय होगा...बहुत राहत और सुकून होगा यहाँ|

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  36. ख्वाबों का यह आंचल जो छांव सा लंबा होगा कितना सुकून भरा होगा ।
    सुंदर ।

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  37. एक बार फिर टिप्पणी देने का मन हुआ ...कितने कम शब्दों मे आपने कितना गहन लिख दिया है ...
    सुकून देती ...सीख देती ...बहुत सुंदर रचना ...!!

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  38. ख्‍वाब ऐसे ही होते है। अच्‍छा चिंतन।

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  39. कम शब्दों में काफी कुछ कह गयी आप
    सुंदर रचना !
    साभार !!

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  40. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति

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  41. ज़िन्दगी, कभी गुल तो कभी खार होती है ...सच है

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  42. बहुत सुन्दर रचना...

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  43. ख्वाब तो हमेशा ही अच्छे लगते हैं ... ख्वाब जो होते हैं ... कुछ पल आते हैं चले जाते हैं ... खुशी या दुःख देते हैं तो भी चले जाने के बाद राहत ही देते हैं ...

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  44. बहुत सुन्दर रचना... बहुत मनभावन प्रस्तुति. :-).
    आज का आगरा

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  45. sari rachnayen acchi hain sangeeta jee ...

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  46. nakaar di jaane waali baaton ki khaas kahaani ....aakhir unkaa bhi to kuch wazood hai
    bahut sundar

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  47. शायद आपके आँचल की तरह .....:))

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  48. बहुत सुन्दर सृजन, सुन्दर भाव, बधाई.

    कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना शुभाशीष प्रदान करें , आभारी होऊंगा .

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  49. जिनको परवाह नहीं होती किसी रुकावट की तो वो ख़्वाब भी जीने का सबब बन जाते हैं बहुत सुन्दर संगीता जी वाह

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  50. कुछ ऐसे जंगली बेर भरे होते हैं जीवन की मिठास से ... सुन्दर रचना है आपकी ...

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  51. संगीता जी.....अति सुन्दर |
    ख्वाबों के आँचल ...जंगली बेल...की तरह....वाह | बहुत उम्दा...

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  52. हर ख़्वाब हो पूरा
    कांटे भी गुल लगें

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  53. बहुत सुंदर बधाई हो इतनी सुंदर रचना के लिये💐👌💐👌

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