Pages

Friday, 24 August 2012

घर गुलज़ार .... बिटिया से ( हाइकु )



नन्ही बिटिया 
महकता आँगन 
खुशी के पल । 


पलाश खिले 
घर गुलज़ार है 
बेटी जो आई ।


प्यारी सी धुन 
बिटिया की मुस्कान 
गूँजे संगीत .


बेटी का आना 
सावन की फुहार 
ज़िंदगी मिली .


बेटी  मुस्कायी 
खिल गयी बगिया
फूल ही फूल .


मेरी है छाया 
मन हुलसित है 
प्रभु की माया .


दिया जो तूने 
आँचल में  बेटी को 
गोद है भरी .


बिना बेटी के 
घर निष्प्राण लगे 
नैन तरसें .



54 comments:

  1. बेटियों की इतनी प्यारी क्षणिकाएं ....या हायकू कहना ठीक होगा !
    अपनी अभिव्यक्ति में हमारी भी शामिल मानिए !

    ReplyDelete
  2. बहुत प्यारी हैं क्षणिकायें !
    -पर प्यारे दोनों है बेटी और बेटा भी.तभी तो भाई-बहिन का जोड़ा -सहोदर का सुख और घर की रौनक .बेटी,बेटा दोनों का स्वागत !

    ReplyDelete
  3. आभार वाणी जी और प्रतिभा जी ,

    बेटा और बेटी दोनों का स्वागत है .... बेटे का तो सभी स्वागत करते हैं ..... लेकिन बेटियों से कुछ लोग मुंह मोड लेते हैं ....

    जबकि सच्चाई है कि बेटियाँ माँ के मन के ज्यादा करीब होती हैं ...

    ReplyDelete
  4. बहुत प्यारे हाईकू संगीता जी ! आनंद आ गया ! उतनी ही मोहक तस्वीरें हैं !

    बेटी आई
    खिला उपवन
    बहार छाई !

    मन बाग-बाग हो गया !

    ReplyDelete
  5. ओह.. क्या कहने
    बहुत अच्छा लगा

    ReplyDelete
  6. इसमें कोई संदेह नहीं कि बिटिया अगर घर के आँगन में हो, तो घर की रौनक और चमक-दमक कुछ और ही होती है !

    ReplyDelete
  7. जिन्दगी के हर जशन को अधूरा पाओगे
    अगर बेटियों के आगमन से इतना कतराओगे,
    जीवन का ये अनमोल सुख कैसे पाओगे,,,,

    मनमोहक चित्रों के साथ लाजबाब हाइकू ,,,,बधाई

    RECENT POST ...: जिला अनूपपुर अपना,,,

    ReplyDelete
  8. बेटी का आना
    सावन की फुहार
    ज़िंदगी मिली .

    सभी एक से बढ़कर एक हाइकू ...

    ReplyDelete
  9. बेटी पर हाइकु, वह इतना प्यारा-प्यारा. साथ में हँसते-बोलते चित्र भी. बाहा! आनंद आनद आ गया मन को भी, नेत्र को भी. सोचता हूँ हाकु पर भी एक बार हाथ अजमा ही लिया जाय. यह विधा मुझे डूबने नहीं देगी, ऐसा विश्वास है.

    ReplyDelete
  10. मेरी है छाया

    मन हुलसित है

    प्रभु की माया

    बहुत सुन्दर हायकू !पढ़कर अतीत की वादियों में खो गई | रचना में बेटी के प्रति उमड़ती भावनाओं को बहुत अच्छे से व्यक्त किया है |

    सच ,बेटी शब्द में समायी है \पायल की झंकार |

    ReplyDelete
  11. मन को छू लेने वाली पंक्तियां

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर कोमल अहसास हैं इन हाइकु में .
    बेहतरीन .

    ReplyDelete
  13. संगीता जी, आपके सभी हाइकू पर .... "अह हा!! मीठी मीठी!!"


    बिना औलाद
    बिटिया की मुराद
    लगे प्रसाद. :)

    बेटी संवाद
    किलक का निनाद
    सोखे विषाद. :)

    ReplyDelete
  14. बेटी का चेहरा
    ओस सा टपका
    पारदर्शी गहरा

    ReplyDelete
  15. सभी पाठकों का आभार .....

    @ प्रतुल जी ,

    आपके हाइकु बहुत पसंद आए ...शुक्रिया

    @@ रश्मि जी और साधना जी ,

    बेटी पर क्षणिकाएं लाजवाब

    ReplyDelete
  16. बहुत सुन्दर हाइकु
    :-)

    ReplyDelete
  17. बेटी पर हाइकु, वह भी इतना प्यारा-प्यारा (*_*)

    सभी एक से बढ़कर एक हाइकू .... :)

    ReplyDelete
  18. खिलेंगे फूल
    महकेगी बगिया
    देखना सब

    ReplyDelete
  19. बिन बेटी
    सूना आँगन
    अधूरा परिवार
    मनमोहक चित्रों के साथ हर एक हाइकू लाजबाब...

    ReplyDelete
  20. काश! सब नैन बेटियों के लिए ऐसे ही तरसते.. आह सी ही निकलती है बेटियों की स्थिति देखकर .

    ReplyDelete
  21. बहुत प्यारे हाईकू

    ReplyDelete
  22. सार्थक अभिव्यक्ति ....
    उमदा हाइकु ...

    ReplyDelete
  23. बड़ी खुबसूरत हैं

    ReplyDelete
  24. भाव की अभिव्यक्ति में प्रभावी हाईकू..

    ReplyDelete
  25. सुँदर हाइकू , सब कुछ तो कह दिया .लोगों ने

    ReplyDelete
  26. आपके हाइकु बहुत सुंदर हैं...एक मैं भी दे रही हूँः)

    बिटिया हँसी
    फूलों से भर गया
    दामन माँ का|

    ReplyDelete
  27. Pyaree rachnayen,pyaree tasveeren!

    ReplyDelete
  28. अति सुंदर हाइकु.....बेटियां ही घर आँगन के प्राण हैं

    ReplyDelete
  29. अरे अरे ....ववाह ...सब सुंदर .................................

    ReplyDelete

  30. बिना बेटी के
    घर निष्प्राण लगे
    नैन तरसें .

    ....बिलकुल सच...बहुत सुन्दर हाइकु...

    ReplyDelete
  31. bahut bahut pyari haiku...aur pictures bhi ek se badh kar ek.

    ReplyDelete
  32. वाह ... मधुर प्रेम का एहसास लिए हाइकू ...
    मज़ा आ गया जी ...

    ReplyDelete
  33. बिना बेटी के
    घर निष्प्राण
    एक दम सच बात...
    बहुत प्यारी बिटिया की फोटो भी और क्षणिकाएं भी..

    ManjuMishra
    (Manukavya.wordpress.com)

    ReplyDelete
  34. जितने खूबसूरत चित्र उतने ही सुन्‍दर शब्‍द।

    ReplyDelete
  35. बेटियां होती हैं
    घर की रौनक
    घर जगमगायें ।

    आपकी हाइकू
    बहुत सुंदर
    मन को भाये ।

    ReplyDelete
  36. बहुत सुंदर हाईकू
    एकसे एक बढ़िया है !

    ReplyDelete
  37. बहुत सुंदर..!!!!!

    कुछ तो बहुत ही भावुक हैं, बोध कराती हैं..बेटी होना क्या होता है..!!!

    कोमल भाव..!!!

    ReplyDelete
  38. प्यारी प्यारी.............बहुत प्यारी....
    :-)

    सादर
    अनु

    ReplyDelete
  39. सभी हाइकू एक से बढ़ कर एक.प्यारे-प्यारे चित्रों ने मन मोह लिया.

    ReplyDelete
  40. बढ़िया रचना मौजू ,एक दम से ,समय की पुकार .
    कविता से निकलके ,घर के आयें ,
    विषम समाज को सम बनाएं ,
    बेटियाँ कहलायें .
    कोमल भावना से संसिक्त हैं तमाम हाइकु .
    बुधवार, 5 सितम्बर 2012
    जीवन शैली रोग मधुमेह २ में खानपान ,जोखिम और ....

    ReplyDelete
  41. सुन सुन सुन ,
    प्यारी अम्मा सुन ,
    रागिनी आई सुन .
    साड़ी पहले की टिपण्णी स्पैम में गईं .चेक किया करें स्पैम बोक्स .
    ram ram bhai
    रविवार, 9 सितम्बर 2012
    ग्लोबल हो गई रहीमा की तपेदिक व्यथा (गतांक से आगे ...)

    ReplyDelete
  42. प्यारे हाईकू.

    ReplyDelete
  43. वाह!
    घुघूतीबासूती

    ReplyDelete
  44. बहुत प्यारी सी, कोमल सी, मन को छू लेने वाली रचनाएं....

    ReplyDelete
  45. बहुत सुन्दर, कोमल, प्यारी, न्यारी....!

    ReplyDelete
  46. बहुत सशक्त बिम्ब ख़ुशी के इज़हार के मगर फिर भी क्यों -

    ये दौर बड़ा हरजाई है ,

    बेटियाँ यहाँ कुम्हलाई हैं ,


    मुस्टंडों की बन आई है ,

    सरकार नहीं परछाईं हैं .

    ReplyDelete
  47. बहुत सुन्दर प्यारे प्यारे से हाईकु..

    ReplyDelete
  48. बेटी मुस्कायी
    खिल गयी बगिया
    फूल ही फूल .

    बेहतरीन अभिव्यक्ति ।

    ReplyDelete
  49. मन को छू लेने वाली पंक्तियां

    ReplyDelete

आपकी टिप्पणियां नयी उर्जा देती हैं....धन्यवाद