विशाल वृक्ष
जैसे देता है छाया
पिता ही तो हैं ।
पिता की गोदी
आश्रय संबल का
डर भला क्यों ?
पिता का डर
रखे अनुशासित
चढ़े सोपान ।
सुदृढ़ बाहें
आशवस्त है मन
पिता तो हैं ही ।
पिता का साया
हर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।
पिता का हाथ
विशाल बरगद
सुकून मिले ।
शुभ प्रभात....
ReplyDeleteआज फादर्स डे
पितृ दिवस
नमन उनको
शुभप्रभात
ReplyDeleteसार्थक सामयिक हाइकु
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (16-06-2013) प्यार: पापा का : चर्चा मंच 1277 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सार्थक सुन्दर हाइकु ...!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हायकू हैं दी ....
ReplyDeleteपढ़ कर अपने पापा को बहुत मिस कर रही हूँ...
:-(
सादर
अनु
बहुत सुन्दर हायकू!
ReplyDeletelatest post पिता
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
बहुत ही सामयिक और भावमय हाइकू, पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
पितृ दिवस पर बहुत सुंदर हायकू. पिता की भूमिका का उचित सम्मान होना आवश्यक है. पितृ दिवस पर अनेकानेक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteसचमुच पिता की छत्र छाया सदा सुरक्षा प्रदान करती है।
ReplyDeleteसभी को शुभकामनायें।
सुन्दर अभिव्यक्ति .आभार
ReplyDeleteहम हिंदी चिट्ठाकार हैं
भारतीय नारी
Sundar sarathak ...haayku
ReplyDeleteसुन्दर हाइकू..
ReplyDeleteदीदी नमस्कार
ReplyDeleteपितादिवास की हार्दिक बधाई
जबरदस्त हाइकु
.बेहतरीन अभिव्यक्ति .उम्दा प्रस्तुति आभार . मगरमच्छ कितने पानी में ,संग सबके देखें हम भी . आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN "झुका दूं शीश अपना"
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक हाइकु...
ReplyDeleteपिता के प्रेम को अलग अलग अंदाज़ और विभिन्न रंगों मिएँ बाँधा है इन हाइकू में ...
ReplyDeleteआज के दिन की बधाई ... सब को माता-पिता का प्यार मिले .... और सब बच्चे भी उनका ध्यान रखें ... आमीन ...
सभी सुन्दर हाइकू है ...आपसे सिखने पड़ेंगे :)
ReplyDeleteएकदम सटीक हाइकू
ReplyDeleteपिता जैसा कोई नहीं हो सकता.
ब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन कहीं पापा को कहना न पड़े,"मैं हार गया" - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteपितृ दिवस को समर्पित बेहतरीन व सुन्दर HAIKU...
ReplyDeleteशुभकामनायें...
एक बच्चे के लिए माता और पिता दोनों ही ज़रूरी होते हैं मगर एक बेटी के लिए माँ करीब हो न हो पिता हमेशा ही ज्यादा करीब होते है बहुत ही सार्थक हाइकू
ReplyDeleteपिता के सानिध्य के हर भाव हर रस हर रंग को आपने सुंदर शब्दचित्रों के माध्यम से ब्लॉग के कैनवस पर उकेर दिया है ! सभी हाईकू बहुत ही सुंदर हैं ! पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें संगीता जी !
ReplyDeleteपिता की छाँव बरगद सी ही !
ReplyDeleteखूबसूरत भाव !
स्निग्ध वात्सल्य से दीपित.
तुम्हारा मुख
जैसे चाँदनी नहाई बिरछ की डाल!
मुग्ध हूँ मैं .
सुफल रच
पुरुषत्व का !
पिता का साया
ReplyDeleteहर बच्चे को मिले
यही है दुआ । ... आमीन
पितृ दिवस पिता को समर्पित बहुत ही सुन्दर हाइकू ………गागर में सागर भरते हुये ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावमय हाइकू, पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. लाजबाब प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST: जिन्दगी,
pita ke har roop ko aur unake har karya ko haaikoo men samet kar isa divas ko sarthak bana diya . bahut sundar haaikoo.
ReplyDeletebahut sahi hai.
ReplyDeleteअपने में व्यावहारिकता समेटे हुए सुन्दर हाइकू है !
ReplyDeletema ka pyar aur pita ka pyarbhara anushasan dono hee jaroori.
ReplyDeletepitru diwas kee shubh kamanaen.
बहुत खूब पिता का स्वार्थहीन छाता रहे सब के सिर पर सलामत .
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाइकू .
ReplyDeleteपिता का साया
ReplyDeleteहर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।
खूबसूरत भाव !!!
पितृदिवस पर सुंदर हाइकू ।
ReplyDeletebahut hu pyaari hain sabhi........papa kki bdii yaad aa rhi he......:)
ReplyDeleteपिता की भूमिका का वर्णन करते भावपुर्ण हाइकू....
ReplyDeleteजब तक पिता जी हैं
ReplyDeleteबुढ़ापा नहीं आता
उम्र चाहे ६० बर्ष की हो.
बहुत गजब के हाइकू.
मैंने ऐसे विषय पर; जो आज की जरूरत है एक नया ब्लॉग बनाया है. कृपया आप एक बार जरुर आयें. ब्लॉग का लिंक यहाँ साँझा कर रहा हूँ- नया ब्लॉग नई रचना
रोहिताश जी , बिल्कुल सही कहा , जब तक पिता रहते हैं बुढापा नहीं आता ।
Deleteलजवाब सृजन। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसुशील जी ,
Deleteआभार
शुक्रिया यशोदा
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाह दीदी, भावों से भरे हाइकु और पितृ स्नेह के अलग अलग रंग!! सच में अनुशासन और स्नेह का दूसरा नाम है पिता। बरगद सरीखे पिता की। बराबरी दुनियां का कोई इन्सान नहीं कर सकता। और इस दुआ के लिए क्या कहूं !!
ReplyDeleteपिता का साया
हर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।!!
मेरी भी यही कामना है। समस्त पितृ सत्ताको नमन 🙏🙏🙏🌷🙏🙏
प्रिय रेणु ,
Deleteमेरे मन के भाव हाइकू जैसी छोटी रचना में तुम इतनी विस्तृत रूप से पा सकीं । बस ये दुआ तो सबके लिए मन से है काश ऐसा हो भी ।
पिता का साया
Deleteहर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।!!
लाजवाब हायकु हैं सभी पिता दिवस पर
पिता का डर
रखे अनुशासित
चढ़े सोपान ।
सही कहा जो अनुशासन पिता सिखाते हैं वह कोई नहीं सिखा सकता...
सुन्दर तस्वीरों ने और भी चार चाँद लगा दिये है...
लाजवाब ..बहुत ही लाजवाब।
सुधा जी ,
Deleteआपकी प्रतिक्रिया हमेशा उत्साहवर्धन करती है। आभार ।
बहुत सुंदर हाइकु
ReplyDeleteअनुराधा जी ,
Deleteबहुत बहुत शुक्रिया ।
किसी नीरवता में जल से अधभरे मटके में टप्-टप् कर के टपकते अनमोल बूँदों की सरगम-सी आपकी नन्हीं-नन्हीं (हाइकू) रचनाएं तान छेड़ती हुई .. (विधा की जानकारी नगण्य है वैसे) ..
ReplyDeleteपिता का साथ
क़ुदरती सौगात
रहे हमेशा ..
एक प्रयास .. बस यूँ ही ...
इतनी सुंदर टिप्पणी के लिए आभार सुबोध जी ।
Deleteआपका बस यूँ ही सा प्रयास देख लग तो नहीं रहा कि आपको विधा की जानकारी नहीं है। बहुत सुंदर और सटीक हाइकू रचा है आपने ।
मर्मस्पर्शी हाइकु
ReplyDeleteदिल से शुक्रिया मोनिका 🌷
Deleteआज फिर आपके ब्लॉग और उस पर पुराने पुराने साथियों के कमेंट पढ़ कर ब्लॉग के दिनों की याद आ गई …
ReplyDeleteनासवा जी ,
Deleteउन दिनों को उस समय के ब्लॉगर्स कभी नहीं भूल सकते ।अब तो पुरानी यादें ही हमारी धरोहर हैं ।