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Thursday, 18 July 2013

आहार बनाम हार


आहार नाम 
हार गया जीवन 
कैसी है नीति ? 


बालक शव 
ममता का चीत्कार
है राजनीति ।


कैसी है शिक्षा 
नहीं लौटेगा लाल 
मारा तृष्णा ने । 


मौन हैं नेता 
विपक्ष पर वार 
स्वयं हैं पाक । 


शर्मिंदगी से 
सिर झुकाये सभी 
आंखे सजल ।

47 comments:

  1. वाकई बहुत दुखद , लगता नहीं कि हम लोग २१वीं सदी में रह रहे है !

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  2. हृदयस्पर्शी.....
    पढ़ती गयी नम आँखों से.
    सादर
    अनु

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  3. सबको शिक्षा मिले, इसलिये खाना। इस गत न जाये यह।

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  4. छपरा की पीडा को आपने हाइकू के रूप में सशक्त शब्द दे दिये, बहुत ही दुखद घटना.

    रामराम.

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  5. हृदयस्पर्शी,बहुत ही सार्थक प्रस्तुति.,,आभार

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  6. बहुत दुखद है यह सरकार के लापरवाही का नतीजा है मर्म स्पर्शी प्रस्तुति------!

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  7. क्या कहा जाए. मर्मस्पर्शी पंक्तियाँ है और मन क्षुब्द्ध है.

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  8. kya kahun bahut hi dukhki baat hai kash ke ab bhi aankhen khunlen
    rachana

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  9. विकल मन
    उजड़ा मधुबन
    हारा जीवन !
    बहुत ही हृदयस्पर्शी हाईकू संगीता जी ! इस घटना ने झकझोर दिया है !

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  10. आपकी यह रचना आज शुक्रवार (19-07-2013) को निर्झर टाइम्स पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

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  11. पता नहीं किस मिट्टी के बन रहे हैं आज इंसान...दुखद :(

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  12. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(20-7-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  13. बहुत सचित्र सुन्दर हाइकू मर्म स्पर्श किया
    latest post क्या अर्पण करूँ !

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  14. और ह्रदय क्षत-विक्षत..

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  15. बड़ी हृदय-विदारक घटना है और साथ-साथ शर्मनाक भी; इतनी बड़ी लापरवाही कोई नई बात नहीं है; आज ना तो किसी को अपने कर्त्तव्य का बोध है और ना किसी के जीवन का कोई मूल्य है! जिन अबोध बच्चों को भोजन के नाम पर विष खाकर मृत्यु मिली , उनके जीवन को लौटाने की ज़िम्मेदारी कौन लेगा??
    आज उन अबोध बच्चों के बारे में सोचकर इन्सान होने पर भी शर्म आती है....

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  16. .अत्यंत दुखद।
    मार्मिक हाइकु।

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  17. दुखद, क्या कहूं


    मेरी कोशिश होती है कि टीवी की दुनिया की असल तस्वीर आपके सामने रहे। मेरे ब्लाग TV स्टेशन पर जरूर पढिए।
    MEDIA : अब तो हद हो गई !
    http://tvstationlive.blogspot.in/2013/07/media.html#comment-form

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  18. कैसी भूख?
    निरीह लड़कपन की बलि चढ़ा-चढ़ा कर
    जीभ लपलपा रही दानवी तृष्णा शान्त न होती !

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  19. सच में निशब्द हैं हम ..... दुखद और अफसोसजनक

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  20. हृदयस्पर्शी ....असीम वेदना ....गर्त मे गिरता इंसान ....क्या कहा जाये ...!!

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  21. सुन्दर हाइकू

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  22. इस दिल को हिला देने वाली घटना को शब्दों में उतर दिया अपने ... निःशब्द कर देती हैं ऐसी घटनाएँ ...

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  23. aapne haiku ke jariye ...sacchai ko bahut sashakt tarike se prastut kiya hain.

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  24. शर्मिंदगी से
    सिर झुकाये सभी
    आंखे सजल ।
    एक सच जिससे मन इन हालातो पे दुखी हो जाता है ...

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  25. बहुत मार्मिक...

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  26. Nice post )
    http://yefehqhnf.com my blog

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  27. सच बयां करते हाइकू मिड डे मील पर ।

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  28. आहार नाम
    हार गया जीवन
    कैसी है नीति ?
    सभी सार्थक हाइकू है मिड डे मील पर !

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  29. मार दिया पापड़ वाले को हाइकु ने।

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  30. sach me...bahut hi sharmnaak ghtnaa he ye................pr hum kucch nhi kr skte ..siwaaye..kuch kehne yaa likhne ke............kaash unje kanaon me kabhi to junn renge

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  31. प्रासंगिक धारदार व्यंग्य हाइकु

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  32. ह्रदय स्पर्शी हाइकु ...!!

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  33. इस घटना का मर्मस्पर्शी वर्णन करते हाइकू । राजनीति क्या क्या निर्मम खेल दिखाती है ।

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  34. आहार नाम
    हार गया जीवन
    कैसी है नीति ?


    मार्मिक हाइकु हैं आदरणीया संगीता स्वरूप जी


    मंगलकामनाओं सहित...

    ♥ रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं ! ♥
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  35. dil bhar aaya ..har jagah awavastha ka bolbala hai ...

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  36. फिर ताज़ा लगे ये हाइकु -जैसे इन्द्रियों के आहार हैं -आँख का रूप ,कान का संगीत ,जीभ का स्वाद वैसे ही नेताओं के आहार है भ्रष्टाचार।

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  37. very sad moment indeed....worst part is no know can say that it will not occur again...

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  38. बहुत सुन्दर ...नमस्ते दीदी

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  39. pata nahin kab honge ye sharmsaar !

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  40. anumpama ji ki baaton se main bhi sahmat hoon ,satya katu satya

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