भ्रष्ट आचार
>> Friday 25 October 2013
स्वतंत्र भारत की नीव में
उस समय के नेताओं ने
अपनी महत्त्वाकांक्षाओं के
रख दिये थे भ्रष्ट आचार
फिर देश से कैसे
खत्म हो भ्रष्टाचार ?
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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