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यूँ छिटकी चाँदनी

>> Friday 7 May 2010






तेरी ख्वाहिशों के 

चाँद ने 

मेरे मन के 

सागर को 

ज्यों ही छुआ 

लहरों के 

उद्दाम वेग से 

साहिल पर 

बिछी 

तपती रेत पर 

जैसे 

चाँदनी 

बरस गयी 








46 comments:

vandana gupta Fri May 07, 07:07:00 pm  

उफ़्………।दिल को छू लिया………अन्दर तक उतरते चले गये अल्फ़ाज़्…………गज़ब की प्रस्तुति।
बेह्तरीन अन्दाज़्।

vandana gupta Fri May 07, 07:09:00 pm  

बार बार पढ्ने को दिल कर रहा है।

vandana gupta Fri May 07, 07:10:00 pm  

ऐसा मेरे साथ कम ही होता है मगर आज की इस कविता ने तो दिल मे घर कर लिया।

vandana gupta Fri May 07, 07:11:00 pm  

क्या खूबसूरत भाव है………………सच अनमोल है।

daanish Fri May 07, 07:13:00 pm  

साहिल पर बिछी
तपती रेत जैसे
चांदनी बरसा गयी

मन में बसी खूबसूरत उमंगों को
शोख लफ़्ज़ों का लिबास दे दिया आपने
बहुत अच्छी कविता है

shikha varshney Fri May 07, 07:28:00 pm  

एक एक शब्द लाल गुलाब सा है जिसे बहुत खूबसूरती से गूंथ आपने खूबसूरत सी माला बना दी है...जबरदस्त रोमांटिक कविता दी ...

kshama Fri May 07, 07:52:00 pm  

Kya kahun? Rashk hota hai,jab aap jaise,itne kam shabdon me itna kuchh kah jate hain..hame nishabd kar dete hain!

मुदिता Fri May 07, 07:53:00 pm  

तपती रेत पर

जैसे

चाँदनी

बरस गयी

kya roopak istemaal kiya hai..wah !!!!.. man sheetal ho gaya chandni ki kirnon se :)

M VERMA Fri May 07, 08:24:00 pm  

तपती रेत पर
जैसे
चाँदनी
बरस गयी
तपती रेत पर चादनी को बरसना ही होगा वरना शीतलता कहाँ से आयेगी.
बहुत सुन्दर रचना
सुन्दर भाव

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" Fri May 07, 08:42:00 pm  

तेरी ख्वाहिशों के
चाँद ने
मेरे मन के
सागर को
ज्यों ही छुआ

वाह क्या बात है ... बहुत सुन्दर !

डॉ टी एस दराल Fri May 07, 08:56:00 pm  

बहुत सुन्दर ।
जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवम शुभकामनायें संगीता जी ।

रश्मि प्रभा... Fri May 07, 09:14:00 pm  

और पूरा मन चांदनी से भर गया

rashmi ravija Fri May 07, 09:15:00 pm  

.क्या बात कह दी...तपती रेत पर चांदनी का बरसना..वाह
जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो.

Anonymous Fri May 07, 09:19:00 pm  

गागर में सागर - जन्मदिन की ढेरों बधाइयाँ

सम्वेदना के स्वर Fri May 07, 09:50:00 pm  

हमेशा की तरह कोमल नज़्म...
आज मेरे बेटे का भी जन्मदिन है… आपके चिरायु होने की हम मंगलकामना करते हैं.

दिलीप Fri May 07, 10:21:00 pm  

waah sangeeta ji kya likha hai...bahut hi sundar...aur han...janmdin ki hardik badhaiyan...

विनोद कुमार पांडेय Fri May 07, 10:41:00 pm  

अद्भुत भाव...बहुत .खूबसूरत रचना सुंदर प्रस्तुति के लिए धन्यवाद

अनामिका की सदायें ...... Fri May 07, 11:00:00 pm  

कितनी सच्चाई और पाकीजगी रही होगी उन ख़वाहिशो में जिनकी चांदनी मन की तपती रेत पर भी चांदनी सी शीतलता बिखेर गयी....बहुत गहरे भाव. बधाई.

nilesh mathur Fri May 07, 11:30:00 pm  

वाह! क्या बात है ! कमाल की पंक्तिया और भाव है!

Ra Fri May 07, 11:45:00 pm  

एक अच्छी रचना

Deepak Shukla Sat May 08, 07:39:00 am  

Hi..

Sarvpratham to janm divas ki shubhkamnayen..(joki abhi tippaniyon se pata chala)

Aapki sabhi Kavitain gudh hoti hain.. Adhikanshtah 2-3 baar padhne ke uprant hi koi bhi un par koi tippani de sakta hai..

Aaj ki kavita prem ka shabdik rupantaran hai.. Kahna hi hoga.. WAH KYA KAVITA HAI..

Bhav teri kavita ke aksar..
Dil main asar dikhate aisa..
Tapte se sehra main jaise..
Kabhi kahin ho jaaye barkha..

DEEPAK..

संगीता स्वरुप ( गीत ) Sat May 08, 10:52:00 am  

सभी पाठकों को मेरा हार्दिक अभिनन्दन...और शुक्रिया

डा. दराल, रश्मि रविजा ,राकेश कौशिक , दिलीप ,संवेदना के स्वर ,दीपक शुक्ला , आशीष,
आप सबका शुभकामनायें देने का धन्यवाद ...

@ दीपक शुक्ला,

आपकी पंक्तियाँ बेहद खूबसूरत हैं....शुक्रिया

Ra Sat May 08, 11:13:00 am  

संगीता जी ..जन्मदिन के ढेरो शुभकामनाये .....हम ईश्वर से यही दुआ करते है की ....आपकी जीवन बगिया ....इस तरह ही महकती रहे ....और आपका मार्गदर्शन और स्नेह हमें यू ही मिलता रहे .....********happy birthday ********

राजेन्द्र मीणा ..मेरा परिवार और सभी मित्र

स्वप्निल तिवारी Sat May 08, 11:46:00 am  

mummaa..mummaa..cholly del se aane ke liye..par manish aya hua hai..6 maheene bad to hum ghum rahe hain.. :-)..aur ye chhutki nazm badi dhansu si sketch hai..jaise raat ke waqt samandar me jvar ho lehron ke thik upar chand ho aur chandni lehron se reflect ho kar sahil pe pad rahi ho..mujhe badi pasand ayi nazm..luv u

Shri"helping nature" Sat May 08, 02:41:00 pm  

khub surti ret pe chandni kya baat haiiiiiiiiiiiiiii

Deepak Shukla Sat May 08, 03:26:00 pm  

Sangita di..

Dhanyawad..

DEEPAK..

दीपक 'मशाल' Sat May 08, 03:53:00 pm  

bahut achchhe bhaav lage..
Aadarneeya Sangeeta ma'am ko bahut bahut shubhkaamnaye.. varshgaanth mubarak ho.

Apanatva Sat May 08, 03:58:00 pm  

janm din kee shubhkamnae Sangeeta jee....
hamesha kee tarah ek behatreen rachana......

Urmi Sat May 08, 06:52:00 pm  

जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ की जाए कम है! बेहद सुन्दर और भावपूर्ण रचना!

Tej Sat May 08, 09:03:00 pm  

aacha bhao jagaya hai aap ne.

Anonymous Sun May 09, 07:16:00 pm  

शानदार...

ज्योति सिंह Mon May 10, 03:18:00 pm  

साहिल पर बिछी
तपती रेत जैसे
चांदनी बरसा गयी
wakai dil ko chhoo gayi aapki sundar rachna .

तदात्मानं सृजाम्यहम् Mon May 10, 05:24:00 pm  

संगीताजी
जब हम संवेदना से भरकर कोई नज्म लिखते हैं, हमें लगता है-हमारे साथ जमाने के भी जख्म रिसते हैं। तभी तो इन नज्मों को पढ़कर कोई वाह-वाह करता है और कोई सिर्फ एक गहरी सर्द आह भरता है।

sm Tue May 11, 12:28:00 am  

bahut achchhe bhaav lage.

Asha Joglekar Wed May 12, 09:04:00 am  

बहुत सुंदर । आपकी चांदनी ने रेत के साथ साथ मन भी शीतल कर दिया ।

Anonymous Wed May 12, 11:58:00 am  

bahut hi sundar rachna...
kamaaal ke bhaw hain...
yun hi likhte rahein...
-----------------------------------
mere blog mein is baar...
जाने क्यूँ उदास है मन....
jaroora aayein
regards
http://i555.blogspot.com/

दिपाली "आब" Wed May 12, 03:40:00 pm  

bahut pyari si nazm kahi hai masi jaan..
loved this one

Kulwant Happy Wed May 12, 09:39:00 pm  

उम्दा रचना।

निर्झर'नीर Fri May 14, 04:22:00 pm  

तपती रेत पर
जैसे
चाँदनी
बरस गयी

speechless

मनोज कुमार Thu May 20, 07:36:00 am  

तपती रेत पर

जैसे

चाँदनी

बरस गयी

उफ़!!

Amrita Tanmay Sat Oct 30, 11:25:00 pm  

एक ही साँस में आपको पढ़ गयी और एक ही साथ टिपण्णी करने के लिए माफ़ी चाहती हूँ . आपकी सारी रचना बहुत अच्छी है . जितनी तारीफ करूँ कम ही होगा . बहुत आनंद आया आपको पढ़ कर . बधाई ..........

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