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घर गुलज़ार .... बिटिया से ( हाइकु )

>> Friday 24 August 2012



नन्ही बिटिया 
महकता आँगन 
खुशी के पल । 


पलाश खिले 
घर गुलज़ार है 
बेटी जो आई ।


प्यारी सी धुन 
बिटिया की मुस्कान 
गूँजे संगीत .


बेटी का आना 
सावन की फुहार 
ज़िंदगी मिली .


बेटी  मुस्कायी 
खिल गयी बगिया
फूल ही फूल .


मेरी है छाया 
मन हुलसित है 
प्रभु की माया .


दिया जो तूने 
आँचल में  बेटी को 
गोद है भरी .


बिना बेटी के 
घर निष्प्राण लगे 
नैन तरसें .



54 comments:

वाणी गीत Fri Aug 24, 10:43:00 am  

बेटियों की इतनी प्यारी क्षणिकाएं ....या हायकू कहना ठीक होगा !
अपनी अभिव्यक्ति में हमारी भी शामिल मानिए !

प्रतिभा सक्सेना Fri Aug 24, 11:01:00 am  

बहुत प्यारी हैं क्षणिकायें !
-पर प्यारे दोनों है बेटी और बेटा भी.तभी तो भाई-बहिन का जोड़ा -सहोदर का सुख और घर की रौनक .बेटी,बेटा दोनों का स्वागत !

संगीता स्वरुप ( गीत ) Fri Aug 24, 11:08:00 am  

आभार वाणी जी और प्रतिभा जी ,

बेटा और बेटी दोनों का स्वागत है .... बेटे का तो सभी स्वागत करते हैं ..... लेकिन बेटियों से कुछ लोग मुंह मोड लेते हैं ....

जबकि सच्चाई है कि बेटियाँ माँ के मन के ज्यादा करीब होती हैं ...

Sadhana Vaid Fri Aug 24, 11:12:00 am  

बहुत प्यारे हाईकू संगीता जी ! आनंद आ गया ! उतनी ही मोहक तस्वीरें हैं !

बेटी आई
खिला उपवन
बहार छाई !

मन बाग-बाग हो गया !

महेन्द्र श्रीवास्तव Fri Aug 24, 11:58:00 am  

ओह.. क्या कहने
बहुत अच्छा लगा

पी.सी.गोदियाल "परचेत" Fri Aug 24, 11:58:00 am  

इसमें कोई संदेह नहीं कि बिटिया अगर घर के आँगन में हो, तो घर की रौनक और चमक-दमक कुछ और ही होती है !

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया Fri Aug 24, 12:08:00 pm  

जिन्दगी के हर जशन को अधूरा पाओगे
अगर बेटियों के आगमन से इतना कतराओगे,
जीवन का ये अनमोल सुख कैसे पाओगे,,,,

मनमोहक चित्रों के साथ लाजबाब हाइकू ,,,,बधाई

RECENT POST ...: जिला अनूपपुर अपना,,,

सदा Fri Aug 24, 12:20:00 pm  

बेटी का आना
सावन की फुहार
ज़िंदगी मिली .

सभी एक से बढ़कर एक हाइकू ...

Dr.J.P.Tiwari Fri Aug 24, 12:23:00 pm  

बेटी पर हाइकु, वह इतना प्यारा-प्यारा. साथ में हँसते-बोलते चित्र भी. बाहा! आनंद आनद आ गया मन को भी, नेत्र को भी. सोचता हूँ हाकु पर भी एक बार हाथ अजमा ही लिया जाय. यह विधा मुझे डूबने नहीं देगी, ऐसा विश्वास है.

सुधाकल्प Fri Aug 24, 01:34:00 pm  

मेरी है छाया

मन हुलसित है

प्रभु की माया

बहुत सुन्दर हायकू !पढ़कर अतीत की वादियों में खो गई | रचना में बेटी के प्रति उमड़ती भावनाओं को बहुत अच्छे से व्यक्त किया है |

सच ,बेटी शब्द में समायी है \पायल की झंकार |

मनोज कुमार Fri Aug 24, 01:45:00 pm  

मन को छू लेने वाली पंक्तियां

डॉ टी एस दराल Fri Aug 24, 01:49:00 pm  

बहुत सुन्दर कोमल अहसास हैं इन हाइकु में .
बेहतरीन .

प्रतुल वशिष्ठ Fri Aug 24, 01:58:00 pm  

संगीता जी, आपके सभी हाइकू पर .... "अह हा!! मीठी मीठी!!"


बिना औलाद
बिटिया की मुराद
लगे प्रसाद. :)

बेटी संवाद
किलक का निनाद
सोखे विषाद. :)

रश्मि प्रभा... Fri Aug 24, 02:45:00 pm  

बेटी का चेहरा
ओस सा टपका
पारदर्शी गहरा

संगीता स्वरुप ( गीत ) Fri Aug 24, 02:50:00 pm  

सभी पाठकों का आभार .....

@ प्रतुल जी ,

आपके हाइकु बहुत पसंद आए ...शुक्रिया

@@ रश्मि जी और साधना जी ,

बेटी पर क्षणिकाएं लाजवाब

मेरा मन पंछी सा Fri Aug 24, 03:07:00 pm  

बहुत सुन्दर हाइकु
:-)

विभा रानी श्रीवास्तव Fri Aug 24, 03:15:00 pm  

बेटी पर हाइकु, वह भी इतना प्यारा-प्यारा (*_*)

सभी एक से बढ़कर एक हाइकू .... :)

कुमार राधारमण Fri Aug 24, 04:37:00 pm  

खिलेंगे फूल
महकेगी बगिया
देखना सब

संध्या शर्मा Fri Aug 24, 04:39:00 pm  

बिन बेटी
सूना आँगन
अधूरा परिवार
मनमोहक चित्रों के साथ हर एक हाइकू लाजबाब...

Amrita Tanmay Fri Aug 24, 05:32:00 pm  

काश! सब नैन बेटियों के लिए ऐसे ही तरसते.. आह सी ही निकलती है बेटियों की स्थिति देखकर .

vandana gupta Fri Aug 24, 05:53:00 pm  

बहुत प्यारे हाईकू

Anupama Tripathi Fri Aug 24, 07:44:00 pm  

सार्थक अभिव्यक्ति ....
उमदा हाइकु ...

Mamta Bajpai Fri Aug 24, 07:49:00 pm  

बड़ी खुबसूरत हैं

प्रवीण पाण्डेय Fri Aug 24, 07:51:00 pm  

भाव की अभिव्यक्ति में प्रभावी हाईकू..

ashish Fri Aug 24, 08:57:00 pm  

सुँदर हाइकू , सब कुछ तो कह दिया .लोगों ने

ऋता शेखर 'मधु' Fri Aug 24, 09:42:00 pm  

आपके हाइकु बहुत सुंदर हैं...एक मैं भी दे रही हूँः)

बिटिया हँसी
फूलों से भर गया
दामन माँ का|

kshama Fri Aug 24, 11:28:00 pm  

Pyaree rachnayen,pyaree tasveeren!

डॉ. मोनिका शर्मा Sat Aug 25, 03:20:00 am  

अति सुंदर हाइकु.....बेटियां ही घर आँगन के प्राण हैं

Anju Sat Aug 25, 03:46:00 pm  

अरे अरे ....ववाह ...सब सुंदर .................................

Kailash Sharma Sat Aug 25, 03:54:00 pm  


बिना बेटी के
घर निष्प्राण लगे
नैन तरसें .

....बिलकुल सच...बहुत सुन्दर हाइकु...

अनामिका की सदायें ...... Sat Aug 25, 07:17:00 pm  

bahut bahut pyari haiku...aur pictures bhi ek se badh kar ek.

दिगम्बर नासवा Sun Aug 26, 05:41:00 pm  

वाह ... मधुर प्रेम का एहसास लिए हाइकू ...
मज़ा आ गया जी ...

Anonymous Mon Aug 27, 12:28:00 pm  

बिना बेटी के
घर निष्प्राण
एक दम सच बात...
बहुत प्यारी बिटिया की फोटो भी और क्षणिकाएं भी..

ManjuMishra
(Manukavya.wordpress.com)

अजित गुप्ता का कोना Mon Aug 27, 01:38:00 pm  

जितने खूबसूरत चित्र उतने ही सुन्‍दर शब्‍द।

Asha Joglekar Tue Aug 28, 08:14:00 pm  

बेटियां होती हैं
घर की रौनक
घर जगमगायें ।

आपकी हाइकू
बहुत सुंदर
मन को भाये ।

Suman Tue Aug 28, 09:22:00 pm  

बहुत सुंदर हाईकू
एकसे एक बढ़िया है !

priyankaabhilaashi Thu Aug 30, 03:01:00 pm  

बहुत सुंदर..!!!!!

कुछ तो बहुत ही भावुक हैं, बोध कराती हैं..बेटी होना क्या होता है..!!!

कोमल भाव..!!!

ANULATA RAJ NAIR Thu Aug 30, 10:51:00 pm  

प्यारी प्यारी.............बहुत प्यारी....
:-)

सादर
अनु

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) Mon Sept 03, 08:29:00 pm  

सभी हाइकू एक से बढ़ कर एक.प्यारे-प्यारे चित्रों ने मन मोह लिया.

virendra sharma Wed Sept 05, 11:08:00 pm  

बढ़िया रचना मौजू ,एक दम से ,समय की पुकार .
कविता से निकलके ,घर के आयें ,
विषम समाज को सम बनाएं ,
बेटियाँ कहलायें .
कोमल भावना से संसिक्त हैं तमाम हाइकु .
बुधवार, 5 सितम्बर 2012
जीवन शैली रोग मधुमेह २ में खानपान ,जोखिम और ....

virendra sharma Sun Sept 09, 11:54:00 pm  

सुन सुन सुन ,
प्यारी अम्मा सुन ,
रागिनी आई सुन .
साड़ी पहले की टिपण्णी स्पैम में गईं .चेक किया करें स्पैम बोक्स .
ram ram bhai
रविवार, 9 सितम्बर 2012
ग्लोबल हो गई रहीमा की तपेदिक व्यथा (गतांक से आगे ...)

Kunwar Kusumesh Mon Sept 10, 08:09:00 pm  

प्यारे हाईकू.

ghughutibasuti Thu Sept 13, 11:23:00 pm  

वाह!
घुघूतीबासूती

Dr (Miss) Sharad Singh Mon Sept 17, 11:53:00 am  

बहुत प्यारी सी, कोमल सी, मन को छू लेने वाली रचनाएं....

Jeevan Pushp Fri Sept 21, 06:17:00 pm  

बहुत सुन्दर, कोमल, प्यारी, न्यारी....!

virendra sharma Mon Sept 24, 08:15:00 pm  

बहुत सशक्त बिम्ब ख़ुशी के इज़हार के मगर फिर भी क्यों -

ये दौर बड़ा हरजाई है ,

बेटियाँ यहाँ कुम्हलाई हैं ,


मुस्टंडों की बन आई है ,

सरकार नहीं परछाईं हैं .

Maheshwari kaneri Thu Sept 27, 10:00:00 pm  

बहुत सुन्दर प्यारे प्यारे से हाईकु..

नादिर खान Wed Oct 31, 01:23:00 pm  

बेटी मुस्कायी
खिल गयी बगिया
फूल ही फूल .

बेहतरीन अभिव्यक्ति ।

Anonymous Sun Jun 23, 01:10:00 pm  

मन को छू लेने वाली पंक्तियां

रफ़्तार

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