ऑंखें
>> Monday, 14 December 2009
बिना काजल के हैं कजरारी आँखें
पैनी धार सी हैं ये कटारी आँखें
वार तो नहीं किया तूने मुझ पर
क़त्ल कर गयीं ये तेरी प्यारी आँखें
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ख़ामोशी
>> Sunday, 13 December 2009
खामोश रह कर भी तुझसे बात करते हैं
आवाज़ नहीं आती पर लब हिलते हैं
ज़रा ध्यान से सुन कान लगा कर ज़रा
चुप रह कर भी हम बहुत कुछ कहते हैं.
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