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सौगातें

>> Saturday 30 January 2010




मैंने महज़ तुझसे


प्यार माँगा था


मैंने बस तुझसे


वफ़ा चाही थी


मैंने तेरी ही


खुशियों के लिए


अपनी झोली


फैलाई थी


पर तूने


भेज दीं हैं


सौगातें


मेरे हिस्से की


जिसमें हैं


तेरी नफरत ,


रुसवाई औ बेवफाई

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लोरी

>> Thursday 28 January 2010




कागज़ पर उतार



अपने जज्बातों को


रख लिया है सिराहने


जब भी बेचैन हुए


लोरी सुना दी

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पंडोरा बॉक्स

>> Wednesday 27 January 2010





पंडोरा बॉक्स की ही तरह है



ये अंखियों की डिब्बी


ज़रा खोल दो तो


सारे ख्वाब


बाहर कूद आते हैं.

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घुंघरू

>> Thursday 21 January 2010




ख़ामोशी के घुंघरू भी



करते हैं बहुत शोर


कभी कभी


महफ़िल में भी


तन्हाई होती है


चारों ओर .

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चिंगारी



राख के नीचे



चिंगारी अभी बाकी है


ज़रा प्यार का पंखा


झल कर तो देखो

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यादों की पोटली

>> Tuesday 19 January 2010








यादों की पोटली



जब सिरहाने रखी


तो विस्मृत सी बातें


निकल आयीं उसमें से,


और नींद आँखों से


कोसों दूर हो गयी.



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ठिठोली

>> Saturday 16 January 2010



तन्हाई में आज



चाँद, चांदनी संग


ठिठोली कर रहा था


सितारे सब


तेरे आंचल में


शर्मा कर छुप गए .

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चमक

>> Friday 15 January 2010



हथेलियों ने



सहला दिया था


आँखों को


और समेट लिए थे


सारे मोती


वापस आ गयी है


आँखों में


फिर से वो चमक


जिसकी रोशनी में


तुम नहाया करते थे

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इंतज़ार

>> Wednesday 13 January 2010


इंतज़ार में तेरे
बैठे हैं
दो दीप जलाये
आस है कि
कभी तो
तेल ख़तम होने से
पहले आए
 
 

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पायदान

>> Tuesday 12 January 2010




दिल के पायदान पे



कदम रख


तेरे अक्स ने


दस्तक दी है


अब मुझे


आफताब औ महताब भी


अज़ीज़ नहीं .
 
 
 
 
 
 

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गुनाह

>> Saturday 9 January 2010








गुनाह किया जो मैंने


उसकी न कोई माफ़ी है


तेरी आँख से गिरी


टप से वो बूंद


यही सजा


मेरे लिए काफी है.





 


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ऐतबार

>> Friday 8 January 2010






ख्वाहिशे सुलगती हैं




दिल बेचैन है




नजारों पर नज़रें




टिकती नहीं हैं




ऐतबार भी नहीं




अब तो




किसी पैगाम पर




रात के बाद




सुबह होती नहीं है

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ख्वाब







निकल कर



गिरह से


एक ख्वाब


पूरा हुआ


अब वो


ख्वाब नहीं


हकीकत था

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रफ़्तार

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