copyright. Powered by Blogger.

दंश ..

>> Tuesday 24 May 2011




जब  भी 
मन के 
चूल्हे पर 
मैंने 
ख़्वाबों क़ी
रोटी  सेकी
तेरे 
दंश भरे 
अंगारों ने 
उसे जला डाला ...


Read more...

हरसिंगार से ख्वाब

>> Tuesday 10 May 2011



हरसिंगार से 

मेरे ख्वाब 

महकते रहे 

सारी रात 

पर सुबह  के 

सूरज ने आ 

उन्हें मिट्टी में 

मिला दिया 

Read more...
रफ़्तार

About This Blog

Labels

Lorem Ipsum

ब्लॉग प्रहरी

ब्लॉग परिवार

Blog parivaar

हमारी वाणी

www.hamarivani.com

लालित्य

  © Free Blogger Templates Wild Birds by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP