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रौनक -ऐ - ज़िन्दगी

>> Monday, 5 January 2009

बेनूर सी आंखों में , ख़्वाबों की चमक दी है

एहसास -ऐ - अकेलेपन को , चाहत की कसक दी है

लगता है कि तेरे बिन ये साँसे , चलती भी नही हैं

इस कदर मेरी ज़िन्दगी को तूने रौनक दी है.

20 comments:

विजय तिवारी " किसलय " Mon Jan 05, 10:58:00 pm  

आदरणीया संगीता जी,
अभिवंदन
आपने सच्चे और निश्छल प्रेम को यथोचित शब्दांकित किया है.

"लगता है कि तेरे बिन,ये सांसें चलती भी नहीं हैं
इस कदर मेरी जिंदगी को,तू ने रौनक दी है."
आपका मित्र
- विजय तिवारी " किसलय "

Amit K Sagar Tue Jan 06, 07:45:00 pm  

वाह! उम्दा! और क्या कहूं...आगे भी पढ़ते रहना चाहूंगा...जारी रहें.
अमित के सागर

Anonymous Tue Jan 06, 07:58:00 pm  

आपका स्वागत है,
सुन्दर शब्दों का संकलन है, जारी रखें.
बधाई
रजनीश के झा
http://rajneeshkjha.blogspot.com/

Prakash Badal Tue Jan 06, 08:06:00 pm  

ranjita ji badhia sher,
aapka swaagat hai blog jagat men.

Unknown Tue Jan 06, 11:00:00 pm  

bahut khub likha hai...bahut acchi rachna hai...

Vinay Wed Jan 07, 04:29:00 am  

प्रयासरत रहें आप बहुत अच्छा लिख सकती हैं

---मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम

श्यामल सुमन Wed Jan 07, 07:49:00 am  

सपनों की चमक से तो सजती है जिन्दगी।
अपनों के साथ में जो बनती है बन्दगी।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

प्रदीप मानोरिया Wed Jan 07, 09:27:00 am  

बहुत भावभीनी रचना ह्रदय की गहराईयों की आवाज़ शब्दों के प्रवाह में बह निकली है आपका स्वागत है .... मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें
वोह रौनक रहे ज़िंदगी में सदा
कबूल होतुमको मेरी यह दुआ

!!अक्षय-मन!! Wed Jan 07, 11:05:00 am  

बहुत खूब बहुत ही अच्छा लिखा है......
ख्वाबों की चमक......
चाहत की कसक ..
उसकी दी रोनक ..
बहुत ही अच्छे शब्द....


अक्षय-मन

Unknown Wed Jan 07, 11:25:00 am  

हिन्दी चिठ्ठा विश्व में आपका हार्दिक स्वागत है, खूब लिखें, मेरी शुभकामनायें…

taanya Wed Jan 07, 12:34:00 pm  

benoor si aankho ki chamak
tere pyar ko tere paas bulati hogi..
tere chaahat ki kasak
usko bhi kasak de jati hogi..
us bin gar teri saanse na chalti hongi..
uski saanse bhi to
tujh bin atakti hongi..
jaisi raunke tujhe
uske pyaar se mili..
uski zindgi bhi to
pur-noor hui jatii hogi..

SANGEETA JI...SORRY MUJH SE AISA HI JAWAAB BAN PADTA HAI..JAB B MAIN AAPKI SHAYRI PADHTI HU..

HOPE U WILL LIKE IT..

अभिषेक मिश्र Wed Jan 07, 12:56:00 pm  

Khubsurat bhavnaon ki sundar abhivyakti. Swagat.

Manjit Thakur Wed Jan 07, 02:09:00 pm  

स्वागत और बधाई..।

रचना गौड़ ’भारती’ Wed Jan 07, 09:48:00 pm  

नववर्ष् की शुभकामनाएं
कलम से जोड्कर भाव अपने
ये कौनसा समंदर बनाया है
बूंद-बूंद की अभिव्यक्ति ने
सुंदर रचना संसार बनाया है
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

हें प्रभु यह तेरापंथ Thu Jan 08, 03:00:00 am  

आदरणीया संगीता जी,
अभिवंदन

आप द्वारा रचीत कविता ने मेरे दिल को छु लिया। अति सुन्दर॥॥॥।



अतः मे मुझे याद आ रहा है महर्षि रमण का लिखा वो वाक्य " नारि पति के लिये चरित्र, सतान के लिये ममता, समाज के लिये शील , विश्व के लिये दया और प्राणी के लिये करुणा सजोने वाली महाप्रकृति है" यह लेख पढने के लिये मेरे ब्लोग को देखे।

जय हिन्द।

HEY PRABHU YEH TERA PATH
http://ombhiksu-ctup.blogspot.com/
ctup.bhikshu@gmail.com

ज्योत्स्ना पाण्डेय Fri Jan 09, 11:56:00 am  

ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है!
मेरी शुभकामनाएं!
मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है.

Pratik Maheshwari Fri Jan 09, 05:32:00 pm  

काफ़ी कम लफ्जों में पूरी बात कह दी..
- शुभकामनाएं

Unknown Mon Jan 12, 03:50:00 pm  

swagat hai....achha likha hai.....!!!likhte raho.....??

Jai Ho Magalmay Ho...

Anonymous Sat Feb 14, 12:27:00 am  

सुंदर और रमणीय अभिव्यक्ति .. शुभ कामनाएं

arvind Tue Oct 06, 06:44:00 pm  

wahh tu padosi ke jo aati
saath lati dhadkane
mai tadap uthta hun paakar
tere dil ki dhadkane

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