तेरे होने का एहसास
>> Wednesday, 6 April 2011
निशा का
अंतिम प्रहर हो
अम्बर मेघ से
आच्छादित
मेरे मन की
धरती पर
छाई हो
गहन धुंध
ऐसे में -
मात्र तेरे
होने का एहसास
सूरज की
किरण बन
भर देता है
मेरे मन में उजास ..
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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74 comments:
किसी का होना कितना संबल देता है
सुन्दर रचना
Wow ! Its so beautiful n touching ma ! :)
इस उजास का इंतज़ार किसको नहीं होता ! यह रोशनी कभी मंद ना पड़े यही प्रार्थना है ! थोड़े शब्दों में बड़ी मनभावन बात कह दी आपने ! बहुत सुंदर रचना ! बधाई स्वीकार करें !
वाह...बहुत ही खूबसूरत भावमय करते शब्द ....।
कौन है वो?
तेरे होने का एहसास...यही तो जीने की प्रेरणा देता है हमे.......बहुत सुंदर।
कुछ एहसास जीवन रक्षक की भांति होते हैं.और उनका इंतज़ार सबको होता है.
बहुत ही प्यारे अहसास से बुनी बहुत ही प्यारी पंक्तियाँ.
aur main us ujaas se andhera door karti jati hun...
kya likhti hain aap, mann khush ho jata hai
ऐसे में -
मात्र तेरे
होने का एहसास
सूरज की
किरण बन
भर देता है
मेरे मन में उजास ..
bakai khoobsuat ehsaas he ye...
achchha roopak bandha hai aapne
sunder kvita ke lie bdhaai
जीवन में उजाला. अंतस का तमस छू मंतर, निशा का अंत प्रभात का आगमन . हम तो भाव विह्वल है जी . मन की घंटी बज रही है
तेरे होने का विश्वास,
इसी से तो विश्व चल रहा है।
बहुत सुन्दर अहसास ।
ऐसे में -
मात्र तेरे
होने का एहसास
क्या बात है बहुत खूब एहसास
isi vishvas aur ahsaas ke sath to sabhi jee rahe hain.
ahsaah hi shakti bankar sath hota hai.
हर परिस्थिति में वही तो सबसे बड़ा संबल है।
बहुत ही प्यारे अहसास से बुनी बहुत ही प्यारी पंक्तियाँ.
सुन्दर एहसासों को लेकर बढ़िया अभिव्यक्ति!
yahi aas -vishvaas furti jagati hai .behad sundar .
वाह!..यही एह्सास ऑक्सिजन का काम करता है!...बहुत सुंदर रचना!
..बात का बतंगड...में कुछ अलग ही विषय पर मैने लिखा है....अवश्य पधारें!
मात्र तेरे
होने का एहसास
सूरज की
किरण बन
भर देता है
मेरे मन में उजास ..
बहुत ही कम शब्दों बड़े ही खूबसूरत और मनभावन अहसास भर दिए इस रचना में आपने.. बहुत सुंदर रचना.. बधाई स्वीकार करें...
Nahut sahi kaha aapne.Kisi ke hone ka ehsas roshni ka katra hota hai...jismein naha ke ham swarnim kanti se bhar jaate hain ya fir chandra kiran ki sheetal chhanh mein sukoon paate hain..
Aapki nazmein dekhan mein chhotan lage par har le man ka peer....
बहुत कोमल हैं ये एहसास
यह उजास बना रहे ..आशा जिन्दगी का दूसरा नाम है
किसी के होने का अहसास ही कितना सुकून देता है..बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...बहुत सुन्दर
मात्र तेरे
होने का एहसास
सूरज की
किरण बन
भर देता है
मेरे मन में उजास …
स्वजन के स्नेह की स्मृतियों की सुंदर अनुभूति आपकी इस लघु रचना से स्वतः ही छलक रही है ………
बहुत भाव पूर्ण लिखा है आपने …!
आदरणीया संगीता जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
प्रणाम !
अच्छी रचना के लिए आभार !
गणगौर पर्व और नवरात्रि उत्सव की शुभकामनाएं !
साथ ही…
*नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !*
नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!
चैत्र शुक्ल शुभ प्रतिपदा, लाए शुभ संदेश !
संवत् मंगलमय ! रहे नित नव सुख उन्मेष !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
Ek chhoti-si rachana me kitna kuchh kah deteen hain aap!
man ko chu gayi ye rachna
kisi ke hone ka ahsaas bhale
hi wo paas ho ya dur jeevan main
khushiyon ka ujjala bhar deta hain.
ek baar fir aapko is rachna ke liye
badhai deti hun.
insan ta-umr man ke is ujas ko paane ke liye bhatakta rahta hai ....aur aapne paa liya...iske liye badhayi.dua hai uske hone ka ehsas sada aapki jindgi ko ujas deta rahe.
such me kisi ke hone ka ehsaas hi zindgi ko khas banata hai... bhut khubsurat rachna hai...
waah....kam alfaazon mein khoobsurati bharne ka hunar aap mein hi hai! :)
sundar rachana
बहुत बड़ी चीज़ है एहसास -बना रहे हमेशा !यह न हो तो इंसान सिर्फ़ मशीन बन कर रह जाए.
मात्र तेरे
होने का एहसास
सूरज की
किरण बन
भर देता है
मेरे मन में उजास …
संगीता जी शायद हर जज़्बाती इंसान का सच यही है
बहुत ही खूबसूरत भावमय एहसास.....आभार
लाज़वाब अभिव्यक्ति "गीत" जी को बहुत बहुत बधाई।
बहुत ही शानदार लेखन है आपका । आभार संगीता दी ।
kisi ke hone ka ahsas...yhi jivan ko rang deta hai...bahut khoob...aabhar
क्या बात है दीदी ...वाह...सर्दियों की कुनकुनी धूप सा है यह एहसास तो....:) :)
थोड़े शब्दों में बड़ी बात ....कोमल एहसास
बहुत सुंदर रचना
बधाई !
संगीता जी,
खूबसूरत.....किसी के होने से कभी-कभी जिंदगी बदल जाती है ये तो सिर्फ रात है .....प्रशंसनीय|
प्रीत का चमत्कार .
wow ..You made me feel romantic.
Yah ujas hee to hai jo janhan ko roshan kar detee hai chahe wah man ka jahna ho ya baharee.
Sundar !
sangeta ji, jab suraj paas ho to andhera kahan phatkega...sundar bhaav...
बहुत खूब ! ! शुभकामनायें आपको !!
बहुत खूब!
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
अहसास का खूबसूरत बयान...
अंतस को छूते अहसासों की सुन्दर कविता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं...
किसी अपने का होने का अहसास ही ज़िंदगी में विश्वास भर देता है। सुंदर।
bahut sunder ......
वाह...वाह .....
ये उजास यूँ ही भरा रहे ....!!
first time aapke blog per visit kiya hai.bahut pyaari najm padhne ko mili.aapki sabhi rachnayen ek ek ker padhna chahungi.bahut achcha lagta hai apni rachnaaon per auoron ki pratikriyayen janna.sadhanyavaad aapko badhaai.
किसी के होने का विश्वास ही आत्मविश्वास बन जाता है । प्रभाव जगाती रचना ....
सुंदर कविता..यूँ ही भरा रहे ये उजास ...
bahut sundar.....
ahsas bahut kuchh de jata hai...
wah.....ati sundar....
bahut sunder yehsas
यही अहसास तो जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
उत्तम भावों को अभिव्यक्त करती सुंदर कविता।
एक चोरी के मामले की सूचना :- दीप्ति नवाल जैसी उम्दा अदाकारा और रचनाकार की अनेको कविताएं कुछ बेहया और बेशर्म लोगों ने खुले आम चोरी की हैं। इनमे एक महाकवि चोर शिरोमणी हैं शेखर सुमन । दीप्ति नवाल की यह कविता यहां उनके ब्लाग पर देखिये और इसी कविता को महाकवि चोर शिरोमणी शेखर सुमन ने अपनी बताते हुये वटवृक्ष ब्लाग पर हुबहू छपवाया है और बेशर्मी की हद देखिये कि वहीं पर चोर शिरोमणी शेखर सुमन ने टिप्पणी करके पाठकों और वटवृक्ष ब्लाग मालिकों का आभार माना है. इसी कविता के साथ कवि के रूप में उनका परिचय भी छपा है. इस तरह दूसरों की रचनाओं को उठाकर अपने नाम से छपवाना क्या मानसिक दिवालिये पन और दूसरों को बेवकूफ़ समझने के अलावा क्या है? सजग पाठक जानता है कि किसकी क्या औकात है और रचना कहां से मारी गई है? क्या इस महा चोर कवि की लानत मलामत ब्लाग जगत करेगा? या यूं ही वाहवाही करके और चोरीयां करवाने के लिये उत्साहित करेगा?
क्या बात है संगीता जी! छोटी-छोटी नज़्म लिखने में तो आप सिद्ध हस्त हैं.
भावपूर्ण रचना|
तेरे होने का एहसास मात्र ही काफी है जीने के लिए|
Wah! Aprateem rachana!Kitna sundar ehsaas hoga ye!
"ऐसे में -
मात्र तेरे
होने का एहसास
सूरज की
किरण बन
भर देता है
मेरे मन में उजास .."
और फिर हर सू उजाला ही उजाला ....
खूबसूरत !!
खूबसूरत.......प्रशंसनीय
अति उत्तम ,अति सुन्दर और ज्ञान वर्धक है आपका ब्लाग
बस कमी यही रह गई की आप का ब्लॉग पे मैं पहले क्यों नहीं आया अपने बहुत सार्धक पोस्ट की है इस के लिए अप्प धन्यवाद् के अधिकारी है
और ह़ा आपसे अनुरोध है की कभी हमारे जेसे ब्लागेर को भी अपने मतों और अपने विचारो से अवगत करवाए और आप मेरे ब्लाग के लिए अपना कीमती वक़त निकले
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
आदरणीय बहन सुश्रीसंगीताजी,
अद्भुत रचना।
"TO BE 4 SOME ONE (GOD..!!)"
समर्पण भाव का सटीक बयान,आपको ढेरों बधाई।
"मात्र तेरे
होने का एहसास
सूरज की
किरण बन
भर देता है
मेरे मन में उजास।"
धन्यवाद।
मार्कण्ड दवे।
प्यारे दोस्तों,
अगर आप मूल रचनाकार हैं,तो आपके सृजनकी रक्षा के लिए, निम्न आलेख, मेरे ब्लॉग पर, आकर ज़रूर पढें ।
कॉपीराइट एक्ट | HELPFUL HAND BOOK
(प्रतिलिपि अधिकार अधिनियम)
[url=http://mktvfilms.blogspot.com/2011/04/helpful-hand-book.html]कॉपीराइट एक्ट|HELPFUL HAND BOOK[/url]
http://mktvfilms.blogspot.com/2011/04/helpful-hand-book.html
मार्कण्ड दवे।
एहसास की सुन्दर अभिव्यक्ति है। मातृ दिवस की बधाई । धन्यवाद ।
एक एक कर आपकी हर रचना पढ़ रही हूँ और हर रचना एक से बढ़ कर एक लग रही है....
यह भी बहुत अची लगी!!हमारे ब्लॉग पर आकर कमेन्ट करने क लिए बहुत बहुत धन्यवाद्.....:)
हमने आपको फोल्लो कर लिया है......
sundar rachna nehaji jaari rakhe....
kabhi fursat mile to hamare dar par bhi tashrif laiyega.
pata hai .http://kashikenjare.blogspot.com/
बहुत सुंदर भाव |
आशा
ek khubsurat sham ka suhana varnan waah.
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