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हरसिंगार से ख्वाब

>> Tuesday, 10 May 2011



हरसिंगार से 

मेरे ख्वाब 

महकते रहे 

सारी रात 

पर सुबह  के 

सूरज ने आ 

उन्हें मिट्टी में 

मिला दिया 

82 comments:

Urmi Tue May 10, 10:11:00 am  

वाह! बहुत खूब लिखा है आपने! ख़ूबसूरत फूल सूरज की किरणों से मुरझा गए!

Unknown Tue May 10, 10:16:00 am  

छोटी कविता में सारा रचना संसार ,अभिव्यक्ति का अनुपम उदहारण ,संगीता जी बधाई

Satish Saxena Tue May 10, 10:43:00 am  

सपने तो टूटेंगे ही ....शुभकामनायें आपको !

ashish Tue May 10, 10:47:00 am  

सपनो के फूल सूर्य की किरणों से झुलसकर जमींदोज हुए , निराशा भरे क्षण कई बार मानव को अपने सपनों के बारे गंभीरता से सोचने को मजबूर करते है ताकि सपने कुम्भला ना सकें .

मुकेश कुमार सिन्हा Tue May 10, 10:49:00 am  

khababo ko harsingar bana diya..wah di..!!

di shikayat hai, aap mere blog pe aana bhul gayee ho..

रश्मि प्रभा... Tue May 10, 10:50:00 am  

per hersingaar hersingar hi raha ...khilta raha jhadta raha

Sadhana Vaid Tue May 10, 10:58:00 am  

सुबह के सूरज के साथ सपनों का अंत होना तो अवश्यम्भावी है लेकिन इतने सुन्दर और सुरभित सपने हमारे दिन रात एवं जीवन को भी सुरभित कर दें तो अच्छा हो ! छोटी सी, मीठी सी, महकती सी रचना बहुत प्यारी रचना !

vandana gupta Tue May 10, 10:59:00 am  

आपने तो मिट्टी मे मिलाकर हमारा दिल तोड दिया………महकते रहने देना चाहिये था ना।

Surendra shukla" Bhramar"5 Tue May 10, 11:48:00 am  

अरे संगीता जी ये क्या हो गया ..सूरज भी कितना बेदर्दी है न ..
ख्वाब तो ऐसे ही होते है बनते हैं रचते हैं राज महल और फिर पल भर में तूफान आंधी खांई में गिरना ..
बहुत खूब छोटी रचनाओ में आप की इतना दम हम तो खो ही जाते हैं

शुक्ल भ्रमर ५

सदा Tue May 10, 12:11:00 pm  

वाह ... बेहतरीन ।

Khare A Tue May 10, 12:18:00 pm  

big thing in small package!
yahi aapka kamaal he!

रचना दीक्षित Tue May 10, 12:29:00 pm  

लाजवाब!!!चंद शब्द और गहरी व्यथा

संध्या शर्मा Tue May 10, 01:33:00 pm  

हरसिंगार से ख्वाब सारी रात महकते रहे......... सुबह होते मिट्टी में मिल गए..इन्हें फिर से महकाकर सजा दीजिये ना....:(

shikha varshney Tue May 10, 01:37:00 pm  

कोई बात नहीं कल फिर खिलेंगे फूल, और महकेंगे.
कम पंक्तियों में सब कुछ कह देने की पुरानी और और खूबसूरत आदत है आपकी :)
बहुत ही गहरी रचना.

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " Tue May 10, 02:06:00 pm  

वाह संगीता जी !

अति सुन्दर भाव और उनकी खूबसूरत प्रस्तुति |

Nidhi Tue May 10, 02:08:00 pm  

हरसिंगार महकते हैं .....टूट कर झरते हैं ..ख़्वाबों की तरह ..............वाह बहुत खूब !

Unknown Tue May 10, 03:59:00 pm  

सूरज ऐसा भी करता है, वाह.
लाजवाब

दुनाली पर पढ़ें-
कहानी हॉरर न्यूज़ चैनल्स की

डॉ टी एस दराल Tue May 10, 05:04:00 pm  

ख्वाब
महकते रहे
सारी रात --

यह भी एक उपलब्धि है ।
अति सुन्दर ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' Tue May 10, 05:08:00 pm  

बहुत खूब!
सुन्दर क्षणिका!
--
हरसिंगार के फूल से, बिखर याएँ जब ख्वाब।
आगत का स्वागत करो, थोड़े दिन की आब।।

मनोज कुमार Tue May 10, 05:35:00 pm  

वाह! बहुत सुंदर प्रयोग।

sheetal Tue May 10, 05:46:00 pm  

bahut sundar likha hain aapne.
sangeeta didi ek baat puchna chahungi aap se kya aap mujhse dosti karengi agar aap uchit samjhe to.

Vaanbhatt Tue May 10, 06:11:00 pm  

एक रात का महकता जीवन काफी नहीं है क्या...रोज ताजे ख्वाब...लम्बी बासी जिंदगी से तो ये छोटे-छोटे ख्वाब ही भले...

mukti Tue May 10, 06:15:00 pm  

बहुत सुन्दर !

विभूति" Tue May 10, 06:55:00 pm  

bhut hi kam panktiya per bhut bhut sunder jaise sab kuch khudh me sameteti hui rachna...

Anonymous Tue May 10, 08:50:00 pm  

हरसिंगार से ख्वाब - रात महकती रही और सुबह होते आपके इर्द गिर्द , कुछ ऐसा ही लगा

राज भाटिय़ा Tue May 10, 08:57:00 pm  

यह सुरज भी तो नये सपनो की सुबह ले कर आया हे... बहुत सुंदर रचना, धन्यवाद

Sushil Bakliwal Tue May 10, 09:34:00 pm  

अति उत्तम ! चित्रमयी तुलना...

केवल राम Tue May 10, 10:13:00 pm  

यह जीवन का सत्य है ...इसे स्वीकारना चाहिए ..!

डॉ. मोनिका शर्मा Tue May 10, 10:23:00 pm  

बहुत बढ़िया ..... सपनों का टूटना भी दर्द तो देता ही है......

Taru Tue May 10, 10:27:00 pm  

mummaa....bahut bahut chhoti hai......:( aur aapki un kamaal chhutku nazmon ke barabar ki bhi nahin :(

sorry mumma :( !!

राजेश उत्‍साही Tue May 10, 10:47:00 pm  

बात कुछ अधूरी सी लगी।

वाणी गीत Wed May 11, 06:50:00 am  

यह मत सोचना कि अवधि कितनी ?
उतनी ही जितनी पलको की हाँथों में थमे आँसू की उम्र !

फूल हमें यही तो सिखाते हैं , जितनी देर रहे खुशबू से भर दिया !

दर्शन कौर धनोय Wed May 11, 07:51:00 am  

वाह क्या बात है ?सपनो में भी खुशबु भर दी ...

Maheshwari kaneri Wed May 11, 02:58:00 pm  

आप ने तो ‘गागर में सागर’ भर दिया । एहसास की सुन्दर अभिव्यक्ति है

रेखा श्रीवास्तव Wed May 11, 03:56:00 pm  

रात के सपने होते ही ऐसे हैं कि सूरज निकलने के साथ ही ख़त्म हो जाते हैं . वे तो छलावा हैं लेकिन हरसिंगार सी महक उन्हें जेहन में हमेशामहकाए रहते हैं.

बाबुषा Wed May 11, 04:27:00 pm  

ख्वाब की क्षणभंगुरता ! और जीवन भी ख्वाब सा ? है न माँ?

Unknown Wed May 11, 10:51:00 pm  

is sundar rachna ke saath matridivas ki bhi badhai .

Aruna Kapoor Thu May 12, 12:44:00 pm  

ख्वाबों की दुनिया की बात ही निराली होती है..संगीता जी!...आप भी बात का बतंगड में ख्वाबों के रंगो क लुफ्त उठाएं!

Akshitaa (Pakhi) Thu May 12, 05:50:00 pm  

बहुत सुन्दर रचना ..बधाई.
_____________________________
पाखी की दुनिया : आकाशवाणी पर भी गूंजेगी पाखी की मासूम बातें

Rajesh Kumari Sat May 14, 09:28:00 am  

der se padhne ke liye kshma chahti hoon.ek sunder ahsaas sunder kshanika padhne ko mili.

दर्शन कौर धनोय Sat May 14, 10:26:00 am  

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी आज के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

Unknown Sat May 14, 11:57:00 am  

CHAND SHABDO ME SUNDAR PRASTUTI.
WAAH...

Asha Lata Saxena Sat May 14, 02:01:00 pm  

एक भावपूर्ण प्रस्तुति |
बधाई
आशा

***Punam*** Sat May 14, 06:43:00 pm  

khoobsoorat...
chhoti kavita ..
badi baat...!!

पूनम श्रीवास्तव Sat May 14, 06:55:00 pm  

sangeeta di
bahut hi badhiya aur behatreen aapne to is chhoti si rachna ko itni gahrai se likha hai mano gagar me sagar hi pura samet liya.
bahut bahut badhai
hardik abhinandan
poonam

रेखा Sat May 14, 06:56:00 pm  

सुख और दुख तो एक दूसरे के पूरक है . ये तो लगा ही रहता है.

रेखा Sat May 14, 06:56:00 pm  

सुख और दुख तो एक दूसरे के पूरक है . ये तो लगा ही रहता है.

संगीता स्वरुप ( गीत ) Sat May 14, 07:49:00 pm  

PRIYANKA RATHORE has left a new comment on your post "हरसिंगार से ख्वाब":

bahut khoob....aabhar

संगीता स्वरुप ( गीत ) Sat May 14, 07:49:00 pm  

Akshita (Pakhi) has left a new comment on your post "हरसिंगार से ख्वाब":

बहुत सुन्दर रचना ..बधाई.
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पाखी की दुनिया : आकाशवाणी पर भी गूंजेगी पाखी की मासूम बातें

Vivek Jain Sat May 14, 09:15:00 pm  

चार लाइनें और कई बार पढ़ी मैंनें, लाजवाब!
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

निवेदिता श्रीवास्तव Sat May 14, 09:52:00 pm  

कुछ भी हो जाये हरसिंगार ने अपनी प्रकॄति नही बदली यही उसका सत्य है ....आभार !

M VERMA Sun May 15, 05:42:00 am  

बेहतरीन यथार्थमय बिम्ब
बहुत खूब

ज्योति सिंह Sun May 15, 06:57:00 pm  

पर सुबह के

सूरज ने आ

उन्हें मिट्टी में

मिला दिया
aap bahut sundar likhti hai

Asha Joglekar Sun May 15, 09:57:00 pm  

sooraj ne chahe mitti men mila diya par kwabon ne rat to mehaka dee. Bahut sunder taje hawa ke zonke see kshanika.

Udan Tashtari Sun May 15, 11:23:00 pm  

बहुत सुन्दर.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" Mon May 16, 12:40:00 pm  

ऐसा ही होता है ... हकीकत का उजाला कई बार सपनो को तोड़ देता है ...

Anonymous Mon May 16, 02:56:00 pm  

दुनिया में जो कुछ भी सुन्दर है वो क्षणभंगुर है.......बहुत सुन्दर पोस्ट.......प्रशंसनीय |

Rachana Mon May 16, 11:28:00 pm  

उन्हें मिट्टी में

मिला दिया
sahi hai pr fir mahkenge sapne

हरसिंगार से

मेरे ख्वाब

महकते रहे
harsingar se khvab sunder soch
yatharth chitran
sunder kavita
badhai
rachana

Shabad shabad Tue May 17, 06:40:00 am  

बढ़िया क्षणिका!
सुन्दर तथा गहरे भाव !

rahul Tue May 17, 01:54:00 pm  

very nice... short and sweet

Aruna Kapoor Wed May 18, 09:22:00 pm  

बहुत सुंदर कल्पना!..काश कि रात कभी न ढलती!...धन्यवाद संगीताजी!

36solutions Thu May 19, 01:40:00 pm  

शाश्‍वत से द्वंद. सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति.

Dr Varsha Singh Fri May 20, 06:02:00 pm  

बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
हार्दिक शुभकामनायें ! एवं साधुवाद !

नश्तरे एहसास ......... Sat May 21, 11:23:00 am  

जितनी सुंदर रचना उतनी ही सुंदर प्रस्तुति.....

Minakshi Pant Sat May 21, 06:40:00 pm  

क्या बात है :)
खुबसूरत रचना |

ASHOK BAJAJ Sun May 22, 08:27:00 pm  

बहुत सुन्दर रचना !

दिनेश शर्मा Sun May 22, 08:48:00 pm  

बहुत खूब। सुन्दर रचना,प्रेरणाप्रद भी।

सुधाकल्प Mon May 23, 11:43:00 pm  

छोटी सी नज्म ने बहुत कुछ कह दिया।
सुधा भार्गव

Unknown Tue May 24, 06:18:00 pm  

गहरी व्यथा,सुन्दर रचना

Yashwant R. B. Mathur Mon Aug 22, 11:04:00 am  

जन्माष्टमी की शुभ कामनाएँ।

कल 23/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

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