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उदासी के जाले

>> Sunday, 28 August 2011




वक्त के हाथों 
पड़ गए थे 
आँखों में 
उदासी के जाले
आज उन्हें 
धो - धो कर 
निकाला है, 
चेहरे  की 
नमी को 
हकीकत की 
गर्मी से 
सुखाया है .

अजनबी ...

>> Tuesday, 9 August 2011




तल्ख़ जुबां 
करती है असर 
जब होता है 
अपनापन 
कहीं न कहीं 
जब हो गए 
अजनबी 
तो सच ही 
तल्खी जाती रही ..

चटख धूप

>> Tuesday, 2 August 2011




यादों की चादर में 
समेट लायी हूँ 
खुशियों की 
चटख धूप 
गम के 
बादलों की ओट से 
उग आया है 
एक सतरंगी 


रफ़्तार

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