सुदृढ़ बाहें ...... ( पितृदिवस पर कुछ हाइकु )
>> Sunday, 16 June 2013
विशाल वृक्ष
जैसे देता है छाया
पिता ही तो हैं ।
पिता की गोदी
आश्रय संबल का
डर भला क्यों ?
पिता का डर
रखे अनुशासित
चढ़े सोपान ।
सुदृढ़ बाहें
आशवस्त है मन
पिता तो हैं ही ।
पिता का साया
हर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।
पिता का हाथ
विशाल बरगद
सुकून मिले ।
55 comments:
शुभ प्रभात....
आज फादर्स डे
पितृ दिवस
नमन उनको
शुभप्रभात
सार्थक सामयिक हाइकु
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (16-06-2013) प्यार: पापा का : चर्चा मंच 1277 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सार्थक सुन्दर हाइकु ...!!
बहुत सुन्दर हायकू हैं दी ....
पढ़ कर अपने पापा को बहुत मिस कर रही हूँ...
:-(
सादर
अनु
बहुत सुन्दर हायकू!
latest post पिता
LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !
बहुत ही सामयिक और भावमय हाइकू, पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
पितृ दिवस पर बहुत सुंदर हायकू. पिता की भूमिका का उचित सम्मान होना आवश्यक है. पितृ दिवस पर अनेकानेक शुभकामनाएं.
सचमुच पिता की छत्र छाया सदा सुरक्षा प्रदान करती है।
सभी को शुभकामनायें।
सुन्दर अभिव्यक्ति .आभार
हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
भारतीय नारी
Sundar sarathak ...haayku
सुन्दर हाइकू..
दीदी नमस्कार
पितादिवास की हार्दिक बधाई
जबरदस्त हाइकु
.बेहतरीन अभिव्यक्ति .उम्दा प्रस्तुति आभार . मगरमच्छ कितने पानी में ,संग सबके देखें हम भी . आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN "झुका दूं शीश अपना"
बहुत सुन्दर और सार्थक हाइकु...
पिता के प्रेम को अलग अलग अंदाज़ और विभिन्न रंगों मिएँ बाँधा है इन हाइकू में ...
आज के दिन की बधाई ... सब को माता-पिता का प्यार मिले .... और सब बच्चे भी उनका ध्यान रखें ... आमीन ...
सभी सुन्दर हाइकू है ...आपसे सिखने पड़ेंगे :)
एकदम सटीक हाइकू
पिता जैसा कोई नहीं हो सकता.
ब्लॉग बुलेटिन की फदर्स डे स्पेशल बुलेटिन कहीं पापा को कहना न पड़े,"मैं हार गया" - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
पितृ दिवस को समर्पित बेहतरीन व सुन्दर HAIKU...
शुभकामनायें...
एक बच्चे के लिए माता और पिता दोनों ही ज़रूरी होते हैं मगर एक बेटी के लिए माँ करीब हो न हो पिता हमेशा ही ज्यादा करीब होते है बहुत ही सार्थक हाइकू
पिता के सानिध्य के हर भाव हर रस हर रंग को आपने सुंदर शब्दचित्रों के माध्यम से ब्लॉग के कैनवस पर उकेर दिया है ! सभी हाईकू बहुत ही सुंदर हैं ! पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें संगीता जी !
पिता की छाँव बरगद सी ही !
खूबसूरत भाव !
स्निग्ध वात्सल्य से दीपित.
तुम्हारा मुख
जैसे चाँदनी नहाई बिरछ की डाल!
मुग्ध हूँ मैं .
सुफल रच
पुरुषत्व का !
पिता का साया
हर बच्चे को मिले
यही है दुआ । ... आमीन
पितृ दिवस पिता को समर्पित बहुत ही सुन्दर हाइकू ………गागर में सागर भरते हुये ।
बहुत सुंदर भावमय हाइकू, पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. लाजबाब प्रस्तुति,,,
RECENT POST: जिन्दगी,
pita ke har roop ko aur unake har karya ko haaikoo men samet kar isa divas ko sarthak bana diya . bahut sundar haaikoo.
bahut sahi hai.
अपने में व्यावहारिकता समेटे हुए सुन्दर हाइकू है !
ma ka pyar aur pita ka pyarbhara anushasan dono hee jaroori.
pitru diwas kee shubh kamanaen.
बहुत खूब पिता का स्वार्थहीन छाता रहे सब के सिर पर सलामत .
बहुत सुंदर हाइकू .
पिता का साया
हर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।
खूबसूरत भाव !!!
पितृदिवस पर सुंदर हाइकू ।
bahut hu pyaari hain sabhi........papa kki bdii yaad aa rhi he......:)
पिता की भूमिका का वर्णन करते भावपुर्ण हाइकू....
जब तक पिता जी हैं
बुढ़ापा नहीं आता
उम्र चाहे ६० बर्ष की हो.
बहुत गजब के हाइकू.
मैंने ऐसे विषय पर; जो आज की जरूरत है एक नया ब्लॉग बनाया है. कृपया आप एक बार जरुर आयें. ब्लॉग का लिंक यहाँ साँझा कर रहा हूँ- नया ब्लॉग नई रचना
लजवाब सृजन। शुभकामनाएं।
शुक्रिया यशोदा
रोहिताश जी , बिल्कुल सही कहा , जब तक पिता रहते हैं बुढापा नहीं आता ।
सुशील जी ,
आभार
वाह दीदी, भावों से भरे हाइकु और पितृ स्नेह के अलग अलग रंग!! सच में अनुशासन और स्नेह का दूसरा नाम है पिता। बरगद सरीखे पिता की। बराबरी दुनियां का कोई इन्सान नहीं कर सकता। और इस दुआ के लिए क्या कहूं !!
पिता का साया
हर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।!!
मेरी भी यही कामना है। समस्त पितृ सत्ताको नमन 🙏🙏🙏🌷🙏🙏
बहुत सुंदर हाइकु
किसी नीरवता में जल से अधभरे मटके में टप्-टप् कर के टपकते अनमोल बूँदों की सरगम-सी आपकी नन्हीं-नन्हीं (हाइकू) रचनाएं तान छेड़ती हुई .. (विधा की जानकारी नगण्य है वैसे) ..
पिता का साथ
क़ुदरती सौगात
रहे हमेशा ..
एक प्रयास .. बस यूँ ही ...
प्रिय रेणु ,
मेरे मन के भाव हाइकू जैसी छोटी रचना में तुम इतनी विस्तृत रूप से पा सकीं । बस ये दुआ तो सबके लिए मन से है काश ऐसा हो भी ।
अनुराधा जी ,
बहुत बहुत शुक्रिया ।
इतनी सुंदर टिप्पणी के लिए आभार सुबोध जी ।
आपका बस यूँ ही सा प्रयास देख लग तो नहीं रहा कि आपको विधा की जानकारी नहीं है। बहुत सुंदर और सटीक हाइकू रचा है आपने ।
पिता का साया
हर बच्चे को मिले
यही है दुआ ।!!
लाजवाब हायकु हैं सभी पिता दिवस पर
पिता का डर
रखे अनुशासित
चढ़े सोपान ।
सही कहा जो अनुशासन पिता सिखाते हैं वह कोई नहीं सिखा सकता...
सुन्दर तस्वीरों ने और भी चार चाँद लगा दिये है...
लाजवाब ..बहुत ही लाजवाब।
सुधा जी ,
आपकी प्रतिक्रिया हमेशा उत्साहवर्धन करती है। आभार ।
मर्मस्पर्शी हाइकु
आज फिर आपके ब्लॉग और उस पर पुराने पुराने साथियों के कमेंट पढ़ कर ब्लॉग के दिनों की याद आ गई …
दिल से शुक्रिया मोनिका 🌷
नासवा जी ,
उन दिनों को उस समय के ब्लॉगर्स कभी नहीं भूल सकते ।अब तो पुरानी यादें ही हमारी धरोहर हैं ।
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