कताई
>> Friday, 31 December 2010
ख़्वाबों की पुनिया को
आँखों की तकली से
काता है शिद्दत से
सारी ज़िंदगी मैंने
कभी तो मन माफिक
सूत मिले ,
आज भी कातना
बदस्तूर जारी है ...
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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88 comments:
बस काटना जारी रहे .मन माफिक सूत मिलता रहेगा :).और रेशम भी बनेगा .
नव वर्ष में बहुत से रेशम की दुआओं के साथ
शिखा.
ख़्वाबों की पुनिया को
आँखों की तकली से
काता है शिद्दत से
सारी ज़िंदगी मैंने
कभी तो मन माफिक
सूत मिले ,
आज भी कातना
बदस्तूर जारी है ...
उफ़!कितना गहन लिख दिया…………सीधा दिल को छू गया ………सही कह रही हैं आज भी जारी है देखें कब मुराद पूरी होती है।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
कातना सक्रियता की निशानी है।
सुंदर कविता के लिए आभार
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं
चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई
बस चलते रहिये , मंजिल अपने आप मिल जाएगी ।
सुन्दर रचना ।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
aapki ye dua kabool ho..aamin!
सुंदर कविता के लिए आभार| नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
यही सूत हमें उत्साह से बाँधता रहता है।
यही सूत हमें उत्साह से बाँधता रहता है।
सुंदर कविता के लिए आभार
आपको नव वर्ष की हृार्दिक शुभकामनाये
खुबसूरत रचना ! नये साल की अनंत शुभकामनायें !
koshishe aur khawaab kabhi na kabhi rang laate hain....aapke khaab jaroor pure honge. yahi is naye varsh me apke liye dua hai.
aneko shubh-kamnaayen....naya saal magalmay ho!
कितना ख़ूबसूरत लिखा है...
ये कातते जाना जारी रहे..सतत, सहज, अनवरत.. :)
मिले तो हैं वो धागे,
मजबूत, बेशकीमत.
आस-पास की सारी बुनावट,
इन्ही की तो देन है.
यों धागों को शुक्रिया,
कहना कब आया है?
एक जुलाहे (कबीर) ने जीवन को नया दर्शन दिया और आज आपने ख़्वाबों और आँखों की कताई से मोह लिया..
संगीता दी! नए साल की शुभकाम्नाएँ सारे परिवार के लिये!!
जीवन दर्शन से भरी कविता ..
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
सदाचार - मंगलकामना!
सुन्दर रचना!
नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
बहुत खुबसूरत, आप जरूर कुछ बुन रही होंगी और जहां से ये खुबसूरत शब्दावली उपजी !
बहुत ही सुन्दर और सार्थक भाव लिए कविता |
इक दिन तो बादल बरसेगे ही
नव वर्ष मंगलमय हो |
बहुत ही प्यारी रचना ! ख़्वाबों के पूनियों को आँखों से कातने का नितांत मौलिक बिम्ब बहुत अच्छा लगा ! आपके इतनी मेहनत से काते सभी स्वप्न साकार हों यही कामना है ! इतनी खूबसूरत रचना के लिये आभार एवं शुभकामनायें !
गहरे अर्थो को समेटती एक सशक्त रचना.
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
... atisundar !
नया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
न हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!
संगीता जी , मन का मिले न मिले सूत तो कातना ही है । जीवन इसी का नाम तो है । कविता अच्छी लगी । आपको नववर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं
संगीता जी , मन का मिले न मिले सूत तो कातना ही है । जीवन इसी का नाम तो है । कविता अच्छी लगी । आपको नववर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं
sangeeta ji , bahut hi khubsurat nazm...... aap ko naya sal mubarak ho.
Aapki har manokamna pooree ho!
आज भी कातना बदस्तूर ज़ारी है।
बहुत सुनदर अभिव्यक्ति , बधाई व आपको व आपके ब्लाग के सभी साथियों को नववर्ष की शुभकामनायें।
नूतन वर्ष 2011 की शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट 1/1/11-1/11 की प्रथम वार्ता में शामिल है।
बेहतर रचना....
संगीता जी आपको २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं। नववर्ष तो प्रतिपदा पर मनाता हूं तो नववर्ष की शुभकामनाएं तब ही दूंगा.... फिलहाल ईश्वर से कामना है कि आप खुश रहें और अपनी बेहतरीन रचनाओं से ब्लॉक पाठकों को खुश रखें।
तकली से बचपन याद आ गया .
नए साल की हार्दिक शुभकामनायें.
आप व आपके परिवार वालो को नववर्ष के अवसर
शुभकामनाएँ..........................
जीवन की हर इच्छा , उसके सत्य और जिजीविषा में निहित भावनाओ को आप इतना करीब से पढ़ लेती है . नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .
संगीता जी,
सुभानाल्लाह....बहुत ही खूबसूरत......ये कताई तो उम्र भर यूँही चलती रहनी चाहिए.......नववर्ष की ढेरों शुभकामनाये|
naya saal aapke liye khushiyon ki chaadar laye.. Happy new year masi.. Love u
मन माफिक सुख ना मिले, कितने कातो सूत
।
आँखों में जो ख्वाब दें, केवल वे ही पूत।।
दीदी..
क्या बात है..वाह....और चरखा कहाँ है..हृदय में या दिमाग में.. सूत की गुणवत्ता इस पर बहुत निर्भर करती है न :)
बहुत सुंदर रूपक के साथ नन्ही नज़्म लिखी है आपने
प्यारी रचना....
नव वर्ष की बहुत शुभकामनाये......
सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
यह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...
जय हिंद...
gahan bhavon ki sahaj abhivyakti!
kalam ko pranaam!
behad sundar ,nav varsh mangalmay ho aapko aur aapke apne ko .
बहुत सुन्दर नज़्म, हमेशा की तरह.
नये वर्ष की अनन्त-असीम शुभकामनाएं.
वाह आपने तो गागर में सागर भर दिया है ...
मंगलमय नववर्ष और सुख-समृद्धिमय जीवन के लिए आपको और आपके परिवार को अनेक शुभकामनायें !
अत्यंत सुंदर आलंबन.
नव वर्ष मंगलमय हो, आपके जीवन को नए आयाम दे...
सुन्दर रचना!
आशा है की आपका मार्गदर्शन यूँ ही मिलता रहेगा.
अरविन्द जांगीड.
अत्यंत ही सुन्दर प्रस्तुति
नव वर्ष मंगलमय हो, आपके जीवन को नए आयाम दे
ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत रहेगा
http://arvindjangid.blogspot.com/
आपको तथा आपके परिवार के सभी जनों को वर्ष २०११ मंगलमय,सुखद तथा उन्नत्तिकारक हो.
संगीता दी, मेरा यहाँ आना और गहन चिंतन से रूबरू होना.... अद्भुत... कताई जारी रहे यही सद्कामना है.... आपको नमन. धन्यवाद.
आपको सपरिवार नव वर्ष की बधाई.
सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .
नव - वर्ष २०११ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
kash yah maine likha hota ...
bahut sunder bhaw hain aapke.
Bahut sundar likha aapne.
Nav varsh ki hardik subhkamnai.
बहुत सुंदर कविता , बधाई स्वीकारें !
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
nav varsh ki hardik shubhkamnayen
nav varsh ki hardik shubhkamnayen
निरंतर चलते रहने की प्रेरणा देती रचना...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
ye katna to humesha chalta rahega.... acchi nazm hai mumma... happy new year... :)
गहरी अभिव्यक्ति ... कुछ शब्दों में लम्बी बात कहता आपकी खूबी है ......
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ..
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!
संगीता जी, आपका जवाब नहीं। बहुत शानदार बात कह दी आपने। बधाई।
---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
बहुत शानदार अभिव्यक्ति है..........यही तो जिँदगी है । आभार दी !
कम शब्द ... गहरे भाव
मन माफिक सूत के भाव मन को छू गए। चैरेवेति...चैरेवेति...
नव वर्ष के लिए एक अच्छा संदेश है।
आपके तथा आपके परिवार के लिए नव वर्ष मंगलमय रहे।
bahut gahre bhav.............
शुक्रिया...इतना अच्छा लिखने के लिए!!हम सभी बुनकर की श्रेणी में ही आते है..कभी शब्द बुनते हैं और तो कभी ख्वाब...सूत मन माफिक हों या न हों...कातना बदस्तूर ज़ारी है
bahut sunder ....
sateek prastuti!
ufF!! sangeeta di...itni gahri soch...
yahi to aapki khashiyat hai, kuchh sabdo me sab kuchh kah dete ho..:)
nav-varsh ki bahut saari subhkamnayen...
बहुत प्यारी रचना के लिए बधाई आपको !
bus..kabhi na kabhi to man mafik milega hi....ye sochkar hi to hum zindagi me badhte rehte hain...jina isi ka nam hai...khubsurat rachna k kie badhai...
poonam
जय श्री कृष्ण...आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!
सुन्दर ...अति सुन्दर !
१३ जनवरी को पौष माह का आखिरी दिन यानि ठंड का अंत !इसी दिन लोहरी होती है ।
आप हमारे संग लोहरी मनाने हमारे यहाँ आईएगा ।
आभार
हरदीप
लोहड़ी,पोंगल और मकर सक्रांति : उत्तरायण की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
सुंदर कविता के लिए बधाई आपको !
मन माफिक सूत की तलाश इधर भी जारी है।
मन माफिक सूत की तलाश इधर भी जारी है।
बहुत अच्छा लिखती हैं आप .... आप इतना कुछ कैसे कर लेती हैं? आपके इस योगदान से ब्लॉग जगत कितना समृद्ध हो रहा है ....आपको बधाई.
सचमुच,वो सुबह कभी तो आएगी!
बहुत प्यारी अभिव्यक्ति |बधाई
आशा
छोटी सी नज़्म में गहन जीवन दर्शन..बहुत सुन्दर
ख़्वाबों की पुनिया को
आँखों की तकली से
काता है शिद्दत से
सारी ज़िंदगी मैंने
कभी तो मन माफिक
सूत मिले ,
आज भी कातना
बदस्तूर जारी है ...
bahut umda rachna .......bhavoko ek naya ayam deti hui
.http://amrendra-shukla.blogspot.com
वाह... कितने कम शब्दों में इतने सारे भाव...
संक्षिप्त पर सुंदर भाव..बढ़िया रचना के लिए बधाई
पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है इस कातने मे मगर मन माफिक सूत कब मिलता है। चन्द शब्दों मे सुन्दर बिम्ब प्रयोग। बधाई।
बहुत ही सुन्दर ..उर्जावान रचना ...कातना जीवन निरंतरता का प्रतीक ...आपको कोटि कोटि बधाईयां एवं शुभकामनाएं...
बहुत ख़ूबसूरत...एक निर्मल व थोड़ा सा दुखद एहसास...
कातते रहना ही सबसे ज़रूरी है!
Wow... Ye to kam shabdo mein Rocket hai
बदस्तूर जारी रहे ये!
Diii
itnee kam shabdoon me kitniii baate keh dii aapne.....sach
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