आंसू और बारिश
>> Friday, 21 October 2011
मिलते होंगे
लोगों को
न जाने
कितने कंधे
रोने के लिए ,
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ .
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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80 comments:
बहुत सुन्दर रचना....जैसे मेरे दिल की भी बात हो.
रचना के भाव मन को गीला कर गए।
कठोरता को नम करती बारिश की बूदें।
वाकई काँधे कब सिर के नीचे से सरक जायें कोई भरोसा नहीं बारिश हमेशा वफादारी से साथ निभाती है ! बहुत कोमल सुन्दर रचना !
सुँदर भाव . कोमलता टपक रही है . आभार
सिर्फ आंसू काफी नहीं होते गम भुलाने के लिए ,आंसुओं की बरसात हो तो कुछ बात बने ! इस मीठी कविता के लिए बहुत बहुत बधाई !
बेशक कर मोहब्बत बारिशों से तू.
एक कंधा सदा हाजिर है
बस ये याद रखना.
बहुऊऊऊऊत कोमल रचना.
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ .
वाह ...बहुत ही नाजुक अहसास ... ।
सुभानाल्लाह.......दिल जीत लिया......बहुत ही खूबसूरत|
दूसरों के सर पर कंधे रख कर ना रोने वालों के लिए बरसात कितनी अपनी है ...
सुन्दर !
बहुत बडी बात कह दी………………महसूस कर रही हूँ।
kandhe to saath chhod bhi den ye fuhaaren chehre per saath rahti hain
bahut sundar rachna...aabhar
komal aur behad sundar bhav liye hamesha ki tarah ek aur bahtareen rachnaa bahut kam shabdon men, aur bahut hee salartaa se aap ki har post ek gahari baat badi asani se kah jaati hai jo mere man ko bahut baahti hai .....
वाह आंटी...क्या गजब का लिखा है।
सादर
sach kaha aapne aunty.hajaron kandein utne bhale nahi lagte jitni barish ki boondein apne me sama bhi leti hai ansuon ko aur kisi ko khabar bhi nahi hoti
भावपूर्ण प्रस्तुति,
अति सुन्दर , बधाई स्वीकारें.
क्या कहने,
बहुत सुंदर
बहुत खूबसूरत सच !
bhaut hi khubsurat....
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
एहसास का खूबसूरत स्वर ...
संगीता जी,
आपकी हर रचनाएँ हमेशा अच्छी होती है,सुंदर पोस्ट...बधाई.....
बहुत खूब ! लाज़वाब कोमल अहसास..
बारिशों को ...अश्क छिपाने का हुनर आता है ...सुन्दर !!
bhavo me chhupa athaah dard dard de gaya.
वाह दी....
भीगी भिगोती सी रचना....
सादर...
बारिश भी सखी के कंधे सी हो जाती है जब मन ऐसे भावों से भर जाए. सुंदर कविता.
ये बहाना भी अच्छा लगा. कविता का भावपक्ष बहुत प्रबल है.
सही है।
बारिश काफी सकून देती है गम के मारों को।
शानदार नज़म बहुत खूब.
♥
मिलते होंगे
लोगों को
न जाने
कितने कंधे
रोने के लिए ,
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ
जो साथ निभाता है उससे मुहब्बत होना लाज़मी भी है आदरणीया संगीता जी
क्या बात है !
वाह ! अच्छा अंदाज़े-बयां है …
बधाई !
साथ ही
दीपावली की बधाइयां !
शुभकामनाएं !
मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह ..
बहुत खूब !!
जबरदस्त......
bhaut khub....
बहुत खूब !
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ
सही कहा है आपने कांधे की क्या बात है, रोती है साथ - साथ अपने की तरह....कोमल अहसास
बहुत अच्छा कहा !
काहे को रोना, सावन का साथ दो।
वह:क्या गजब का लिखा है। आभार..
aansu aur barish ka rishta purana hai...
मम्मा, साथ और सहारा देने में वाक़ई बहुत फ़र्क है...:)
सुन्दर सृजन के लिए बधाई स्वीकारें.
समय- समय पर मिले आपके स्नेह, शुभकामनाओं तथा समर्थन का आभारी हूँ.
प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.
रचना अत्यंत सुंदर बन पडी है बहुत बहुत बधाई
हम ही अपने असली साथी हैं...!
बहुत खूब ... बारिश आंसुओं का एहसास नहीं होने देती ...
बहुत ही खूबसूरत
बरसात का मौसम बड़ा ज़ालिम हैं क्यों आंसू बहाता हैं
इतना पानी कम नहीं,जो आँखों से बरसाता हैं !
कोमल रचना!
"मिलते होंगे
लोगों को
न जाने
कितने कंधे
रोने के लिए ,
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ ."
कम शब्दों में गहरी बात...
गागर में सागर......
गागर में सागर......
बहुत सुंदर ...गहरी बात
इस ब्लॉग पर बहुत तनाव है। अब नहीं लौटूंगा।
bhut achcha.
ज़बरदस्त भावों से लबरेज़.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
kya khoob keha hai!
पूरे परिवार को दीपावली,धनतेरस,भाईदूज,की हार्दिक शुभकामनाए.....
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
bhaut khubsurat.... happy diwali....
कभी आंसुओं को छुपाती ये बारिश, तो क्यूं न अच्छी लगे ।
पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । दीपावली की शुभकामनाएं । धन्यवाद ।
bahut sunder , happy deepawali sangeeta ji
क्षमा प्रार्थी हूँ | एक जगह पर खाली बटन रह गया जहाँ पर आपका नाम लिखा जाना था | गलती सुधर दी गयी है | नीचे से दूसरी लाइन पर आपका नाम लिखा हुआ है | आप इस लिंक पर चैक करें |
komal-komal si......bhawpoorn.
Bahut hi sunder prastuti....
Aapko Diwali ki dher sari shubhkamnayein:)
बहुत सुन्दर रचना...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
bahut sundar rachna sangeeta ji
दुआ है ये साथ बना रहे ...
:))
गंभीर कविता...
waao different perspective
अँसूओं की बारिश किसी कन्धे से कम नहीं। सुन्दर भा
आपका पोस्ट अच्छा लगा । .मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! बधाई!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
baarish aur nayano ka to humesha ka saath raha hai...lajabaab.
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ "
बहुत ख़ूबसूरत...!
बहुत सुन्दर रचना.
बहुत सुन्दर रचना
मुझे तो
बारिश से
मुहब्बत है
जो निभाती है
हर बार
मेरा साथ..wakai lajabab..riston ko banane me koi mahanta nahi mahanta hai riston ko nibhane mein..sadar badhayee aaur pranam ke sath
मुझे भी बारिश से बहुत मोहब्बत है दीदी ..
उफ्फ्फ
कितनी कोमल कविता लिखी है आपने
प्रणाम !
mann bhig gaya,sunder bhav,ajj bahut dino baad khub saari sunder si kavitayin padhi,waqt ke kami ke kaaran sabhi par comment nahi kar paa rahi sangeeta ji,magar sach kahu behad sukun mila.sadar mehek.
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