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ख्वाब

>> Saturday, 13 February 2010





ख्वाब बुन दिया है मैंने



रेत पर उँगलियों से


कि रात भर तेरी


खुशबू से महकती रही


सहर होते ही देखा मैंने


कि मेरी झोली तूने


पारिजात से भर दी थी ...
 
 
 

20 comments:

Apanatva Sat Feb 13, 01:55:00 pm  

Bahut khoob ................

अनामिका की सदायें ...... Sat Feb 13, 06:01:00 pm  

बहुत अच्छी रचना...लेकिन मुझे पारिजात का मतलब नहीं पता...लेकिन मैं इसका मतलब फूलो से लगा कर मान रही हु..और यही सोच रख कर जवाब दे रही हु.

बहुत खूबसूरत...आगे भी इंतजार रहेगा.

मनोज कुमार Sun Feb 14, 01:12:00 am  

वाह! तस्वीर भी!! वाह! वाह!~!

shikha varshney Sun Feb 14, 04:44:00 am  

दी !पारिजात मतलब ? :(

रचना दीक्षित Sun Feb 14, 12:14:00 pm  

वाह संगीता जी वाह आखिर हमें पता चल ही गया क्या ख्वाब बुना था पिछली पोस्ट में. मैनें सोचा था की कोई वेलेंटाइन ख्वाब होगा पर ये तो और भी अच्छा है और हाँ पारिजात को हिंदी में हर श्रिंगार कहते हैं नारंगी रंग की डंठल और सफ़ेद पंखुड़ी होती है और बहुत ही अच्छी सुगंध होती है होली पर इसकी डंठल से केसरिया रंग बनता है

निर्मला कपिला Sun Feb 14, 06:12:00 pm  

बहुत सुन्दर रचना मुझे भी परिजात का अर्थ नही मालूम मगर मै भी फूल कलियों से ही इसे ले रही हूँ । बधाई इस लाजवाब रचना के लिये

संगीता स्वरुप ( गीत ) Sun Feb 14, 06:14:00 pm  

रचना जी ने बिलकुल सही बताया है ..पारिजात हरश्रृंगार के फूलों को ही कहते हैं ..

आप सभी का आभार...

rashmi ravija Tue Feb 16, 12:36:00 pm  

बहुत सुन्दर कविता....संगीता जी...सुबह सुबह रास्ते के किनारे,जमीन पर बिछे पारिजात की छोटी सी चादर पर रोज ही नज़र पड़ जाती है...अब आपकी कविता याद आ जाया करेगी..
मेरा email id है rashmeeravija26@gmail.com कृपया कुछ नया पोस्ट करें तो इत्तला कर दें...कई बार अच्छी रचनाएं पढने में बहुत देर हो जाती है..इस बार भी हो गयी...सॉरी

Ashish (Ashu) Tue Feb 16, 09:15:00 pm  

मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत बढ़िया लिखा है उम्दा रचना

सुरेन्द्र "मुल्हिद" Thu Feb 18, 11:33:00 am  

sangeeta ji, mere blog par aane ke liye shukriyaa....aise he kripa karte rahiyega!!

aapki rachna bilkul khaabon ki duniyaa jaisi hai....

Akanksha Yadav Thu Feb 18, 04:46:00 pm  

अद्भुत...उम्दा गीत. दिल को छूती हैं.

....................................
"शब्द-शिखर" पर इस बार अंडमान के आमों का आनंद लें.

Khare A Sat Feb 20, 03:27:00 pm  

DI bahut hi sundar ehsaas piroye hain aapne in panktiyun me
badhai

daanish Sat Feb 20, 11:11:00 pm  

aashaaoN ka daaman thaame hue
mn ke halaat ka izhaar karti huee
kaamyaab rachnaa
b a d h a a e e

Reetika Sat Feb 20, 11:15:00 pm  

mukkamal ho gayee zindagi.... behad spasht aur sundar rachna !

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) Sun Feb 21, 04:55:00 pm  

waah....aapki jholi paarijaat ke saath-sath kavita ke aise hi phoolon se hari-bhari rahe....!!

AJEET Mon Feb 22, 09:05:00 pm  

Its really beautiful !!!

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