ऐसा तेरा आना .............
>> Wednesday, 2 June 2010
ख़्वाबों में
तेरा आना
और
बिना दस्तक दिए
चले जाना
सालता है मुझे
जागी आँखों से
गुमसुम सी
कदमों के निशाँ
गिना करती हूँ
.
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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67 comments:
कम शब्दों में सुन्दर रचना !
कदमों के निशाँ से पहचान करनी होगी
बेहतरीन रचना
sunder rachna
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
waah prem ki peeda badhiya chalki hai...
सालता है मुझे
जागी आँखों से
गुमसुम सी
कदमों के निशाँ
गिना करती हूँ
बेहद प्रभावी !
बहुत सुंदर
बेहतरीन बिंब के साथ प्रभावी रचना
आभार संगीता जी
बहुत ख़ूबसूरता नज़्म
कम शब्दों में सुन्दर रचना !
ख्ववाब में तेरा आना ... बिन दस्तक चला जाना ...
कुछ शब्दों का प्रेम भरा उलाहना ... अच्छा लगा ...
बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण रचना , कम शब्दों में बहुत ज्यादा
क्या बात है.... वैसे जो बिना दस्तक दिए चला गया उसके निशाँ क्यों ढूँढने? :)
बहुत ही अच्छी रचना है दी !
जागी आँखों से,गुमसुम सी
कदमों के निशाँ,गिना करती हूँ
behtareen!!
Ab to qadmon ke nishan tak nahi milte...
वाह! क्या भावपूर्ण अभिव्यक्ति है!
रचना उत्तम
रचना के साथ सटीक चित्र .............आहा ...........अभिनव !
सुन्दर रचना.."
चित्र एवं नज्म बहुत कुछ कह गये ।
प्रशंसनीय ।
दस्तक दें भी तो कैसे...
जागी आँखों के ख्वाब..
पलकों के दर बंद न हों तो दस्तक कैसे दे कोई
तभी तो दस्तक सुनाई नहीं देती,
पर क़दमों के निशाँ दिखते हैं...
बहुत सुंदर!!
सुन्दर रचना...
ये निशाँ मुझे जीवन देते हैं, और एक सोच...
बहुद कम शब्द और बेहद प्रभावी रचना
बेहद सुन्दर ....
वाह..!
आपने तो लोटे में समन्दर भर दिया!
sundaram.....
बेहद सुन्दर ....
संगीता जी
आपकी रचना बहुत ही शानदार है।
चित्र भी आपने जबरदस्त लगाया है। कविता के साथ मैच करता हुआ।
आपको बधाई।
सुन्दर अभिव्यक्ति...कम शब्दों में गहरी बात...हमेशा की तरह...
बढ़िया है...
बहुत ही कम शब्दों में सुन्दर अभिव्यक्ति!
अद्भुत सुन्दर और शानदार रचना! आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ की जाए कम है! कम शब्दों में उम्दा रचना!
गागर में सागर...सरल और सहज भाव मन को मोह लेते हैं.
waaah kya baat hai badhaiyan aapko bahut bahut
bahut khoob .
कम शब्दों में अधिक कहा गया है!
बहुत सुंदर रचना.
लो जी आपने तो कदमो की पद-छाप ही ले ली है तो बस उन्ही को देखा कीजिये ना (हा.हा.हा.)
और जब आये ही वो बिना दस्तक दिए थे तो आपको पता कैसे चल गया? और पता चल गया तो काहे नहीं रोका भई.
आह दिल को छू गयी आपकी ये छोटी सी नज़्म और हाँ यद् दिला गयी ये पिक्स ३ idiots की पिक्चर की भी.
बधाई.
...बेहतरीन !!!
jagi aankho se kadmo ke nisha gina karti hoon.........:)
Di !! aap log kaise itne sadhe hue sabdo me aapni baato ko pathak tak pahucha paati hain........:)
ek saar-garbhit rachna...!!
बहुत सुंदर रचना....
chitra achchhe khoj nikale hain aapne. kavitaa bhi theek hai. gagar mey sagar...
संतुलित शब्दों में भावों का अथाह सागर समाये नज़्म बहुत मोहक है, और साथ में लगे हुए कदमों के निशान तो खुद ही कुछ बोल रहे हैं. अद्भुत संयोजन.
Hi..
Sundar nazm..
DEEPAK..
कम शब्दों में बहुत कुछ कह देने का हुनर है आप के पास . साथ ही चित्र भी इतने उपयुक्त होते है कि क्या कहे .. बहुत खूब ..
kin lafzon mein prashansa karoon..........seedhe dil mein utarte chale gaye.........bahut hi prabhavshali rachna.
bahut sunder kavita... kam shabdon me behad bhavpurn rachna
सुन्दर सारगर्भित रचना
संगीता जी
बहुत सुंदर रचना...गागर में सागर....
सुंदर चित्र.....
चंद शब्दों में गहरी बात कहना कोई आपसे सीखे...बहुत अच्छी रचना...
नीरज
aapka jabab nahi! bahut sundar
आहटों को रात भर गिना है मैंने
सुबह देखा तो कोई निशान वहां न था ...
कदमों के निशाँ
गिना करती हूँ
very effective...
सुंदर अच्छी कविता
bahut sundar rachna./ kam shbdo me shbdo ka soundarya barkaraar rakhna bhi visheshta hoti he jo aapme jhalakati he.
सुंदर भाव लिए रचना |बहुत अच्छी लगी |बधाई
आशा
खूबसूरत ।
सचमुच लाजवाब कर दिया आपने।
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रूपसियों सजना संवरना छोड़ दो?
मंत्रो के द्वारा क्या-क्या चीज़ नहीं पैदा की जा सकती?
क़दमों के निशाँ कितने गिने अभी तक ...........
''सालता' शब्द का प्रयोग अच्छा लगा
कितना अच्छा लिखती हैं आप और चित्र भी कितने सुन्दर .
आपकी रचनाएँ गागर में सागर के सामान होती हैं ! कम शब्दों में कितनी गहरी और गंभीर संवेदना से रू ब रू करा देती हैं आप ! बहुत खूब !
प्रशंसनीय रचना।
सुन्दर.
बहुत अच्छी कविता .. मुझे तो बहुत पसंद आई.
________________________
कल 7 जून को 'पाखी कि दुनिया' में समीर अंकल जी की प्यारी सी कविता पढना ना भूलियेगा.
सुंदर भाव पूर्ण रचना. साधुवाद.
कम शब्दों में सुन्दर रचना ....
behtareen
vivj2000.blogspot.com
waah..bahut khoob.. masi jaan
waah masi jaan..lajawaab
ye nishan....mahsoos hue, kya kahun
कदमों के निशां ,माशा अल्ला कितनी बड़ी बात कही गई है।
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