copyright. Powered by Blogger.

जिद्दी ख्वाब

>> Tuesday, 22 June 2010



ख्वाब हैं कि

जिद्दी  बच्चे ,

जितना मना करो

उतने ही आ जाते हैं

इन्हें नींद की भी

दरकार नहीं

खुली आँखों में ही

समा जाते हैं.




49 comments:

vandana gupta Tue Jun 22, 03:44:00 pm  

और फिर
जागते मे
देखा स्वप्न
ज़िद्दी बच्चे सा
कभी रूठता है
कभी हँसाता है
कभी रुलाता है
और फिर
प्यार की बयार से
मान भी जाता है

बहुत ही प्यारा जिद्दी बच्चा है इसलिये ये पंक्तियाँ खुद -ब-खुद बन गयीं।बहुत पसन्द आयी आपकी रचना बिल्कुल जिद्दी बच्चे सी।

rashmi ravija Tue Jun 22, 03:46:00 pm  

बहुत बहुत बढ़िया ..ख्वाब सच में जिद्दी बच्चे ही होते हैं ...:)

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' Tue Jun 22, 03:49:00 pm  

बच्चे मन के सच्चे!
सारे जग की आँख के तारे!
--
यही तो वो मुस्कराते सुमन है
जो सबकी आँखों में बस जाते हैं!

shikha varshney Tue Jun 22, 04:10:00 pm  

उफ़..ये जिद्दी बच्चे ....इनके साथ भी कहीं नहीं ..इनके बिना भी चैन नहीं :)

kunwarji's Tue Jun 22, 04:14:00 pm  

जी बहुत ही बढ़िया रही ये आपकी और वंदना जी कि जुगलबंदी....

कुंवर जी,

Dr.R.Ramkumar Tue Jun 22, 04:17:00 pm  

sachmuch .....lakh koshishein bhi in jidendi bachon se sapno se door nahin le jane pateen

kshama Tue Jun 22, 04:17:00 pm  

Bahut hee sundar comment hai Vandna ji kaa! Uske saamne mai kya kahun?

स्वाति Tue Jun 22, 04:20:00 pm  

बहुत बढ़िया ..

मुकेश कुमार सिन्हा Tue Jun 22, 04:54:00 pm  

aapka jiddi bachchha...:P
khushiyan banta hua, dikh raha hai, padhte hi hontho pe halki see muskaan aa gayee........:)

मुकेश कुमार सिन्हा Tue Jun 22, 04:54:00 pm  

aapka jiddi bachchha...:P
khushiyan banta hua, dikh raha hai, padhte hi hontho pe halki see muskaan aa gayee........:)

रावेंद्रकुमार रवि Tue Jun 22, 06:48:00 pm  

मुझे तो नहीं लगता कि
इतने प्यारे-प्यारे बच्चे जिद्दी भी हो सकते हैं!
--
कविता अच्छी है!

अनामिका की सदायें ...... Tue Jun 22, 06:50:00 pm  

चलो किसी की तो जिद्द चलती हे आपके सामने. हा.हा.हा.

mukti Tue Jun 22, 07:57:00 pm  

ओह ! बहुत प्यारी कविता है... मुझे जिद्दी बच्चे अच्छे लगते हैं और ख़्वाब भी. अब दोनों और ज्यादा अच्छे लगेंगे.

sheetal Tue Jun 22, 07:58:00 pm  

ek dam sahi kaha aapne.

Apanatva Tue Jun 22, 08:41:00 pm  

lagta hai saare khwab aapke hisse aagaye...........hum q me peeche hee rah gaye....:)
jokes apart.acchee abhivykti.

sandhyagupta Wed Jun 23, 12:03:00 am  

Bachchon aur khwabon ki tarah hi pyari rachna.

Udan Tashtari Wed Jun 23, 09:52:00 am  

प्यारी सी रचना पढ़कर मन प्रसन्न हुआ!

रश्मि प्रभा... Wed Jun 23, 11:56:00 am  

तभी तो.... इन ख़्वाबों से हम कहते हैं -'तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती , नज़ारे हम क्या देखें '

राजकुमार सोनी Wed Jun 23, 01:13:00 pm  

पंजाबी के प्रसिद्ध कवि अवतार सिंह पाश ने कहा है कि सचमुच सबसे खतरनाक होता है हमारे ख्वाबों का मर जाना। जो आदमी ख्वाब नहीं देखता है वह कुछ भी नहीं देखता।
ख्वाब ही दुनिया को बेहतर बनाते हैं... इसलिए यदि ख्वाब जिद्दी है तो ज्यादा अच्छे है और जिद्दी बच्चे के समान है और भी बेहतर... यानी निश्चल ख्वाब..
मैं तो जिद्दी ख्वाबों को बेहद पसन्द करता हूं।
इतने सुंदर भावों से सजी रचना के लिए आपको बधाई।
आपको पढ़कर अच्छा लगता है क्योंकि आपकी हर रचना में एक नया नजरिया तो होता ही है।

दिगम्बर नासवा Wed Jun 23, 01:16:00 pm  

और खुली आँखों से देखे ख्वाब ... बहुत लाजवाब होते हैं ... अच्छा लिखा बहुत ही ...

रचना दीक्षित Wed Jun 23, 04:40:00 pm  

सच कितना सच्चा और कितना प्यरा है ये बच्चा !!!!!!

Yogesh Sharma Wed Jun 23, 09:59:00 pm  

bas shararat se in khwabon ke kaan umeth deejiye.....sundar prastuti

मनोज कुमार Wed Jun 23, 10:05:00 pm  

शानदार और मनमोहक।

देवेन्द्र पाण्डेय Thu Jun 24, 07:26:00 am  

वाह ! ख्वाब जिद्दी बच्चे की तरह होते हैं....सही लिखा आपने.चिंता के बारे में भी चिंतन कीजिए.

Akshitaa (Pakhi) Thu Jun 24, 08:15:00 am  

कित्ती प्यारी कविता ..और क्यूट सा बेबी भी..मजेदार.

____________________________
'पाखी की दुनिया' में 'पाखी का लैपटॉप' !

गिरिजेश राव, Girijesh Rao Thu Jun 24, 08:30:00 am  

आज आप की कई कविताएँ पढ़ने के बाद यही कहना है - आप की शैली और कथ्य भीड़ में अलग चमकते नज़र आते हैं।

@ ख्वाब हैं कि

एक जिद्दी बच्चा ,

जितना मना करो

उतने ही आ जाते हैं

को

ख्वाब हैं कि

जिद्दी बच्चे ,

जितना मना करो

उतने ही आ जाते हैं

Urmi Thu Jun 24, 02:41:00 pm  

बेहद ख़ूबसूरत और शानदार रचना! उम्दा प्रस्तुती!

Anonymous Thu Jun 24, 04:07:00 pm  

बहुत सुंदर, सचमुच मन के तार झंकृत हो गये।
---------
क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।

निर्मला कपिला Thu Jun 24, 07:32:00 pm  

इनकी जिद्द भी कभी कभी बहुत अच्छी लगती है। सुब्दर रचना बधाई

सम्वेदना के स्वर Fri Jun 25, 01:06:00 am  

हमारे मुल्क में दो तरह के लोग पाए जाते हैं... एक वो जिनको भूख लगने पर रोटी मिलती है और दूसरे वो जिनको रोटी मिलने पर भूख लगती है.. जब आंखों का दरवाज़ा ही खुला छोड़ रखा हो तो बेचारे ख्वाब को क्यूँ कोसना और मना करना... कितने लोग आँखें बंद सपने के उम्मीद में सोते हैं... ढीठ सपने उनके दर पर जाते ही नहीं...
आपकी कविता मासूमियत से सराबोर है...

लोकेन्द्र सिंह Fri Jun 25, 08:18:00 pm  

बिलकुल ठीक कहा जी... जिद्दी बच्चे जैसे ही होते है ख्वाब.... कभी-कभी तो रेलगाड़ी की तरह लगातार आते ही रहते है.... एक ख़त्म दूसरा शुरू......

एक बेहद साधारण पाठक Sat Jun 26, 06:27:00 am  

आनंद आ गया
बहुत अच्छी रचना है

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" Sun Jun 27, 08:10:00 am  

बहुत सुन्दर कविता !

खुली आँखों में
जो ख्वाब रहते हैं
वो जिद्द बनकर
जीवन के राह में
साथ देते हैं !

शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद !

ज्योति सिंह Sun Jun 27, 04:47:00 pm  

khwab to sachmuch jiddi hote hai ,sundar rachna

राजेश उत्‍साही Sun Jun 27, 08:48:00 pm  

असल में तो जिद ही कुछ कर गुजरने पर मजबूर करती है। इसलिए जिद्दी सपने ही सच होते हैं।

राजेश उत्‍साही Sun Jun 27, 08:48:00 pm  

असल में तो जिद ही कुछ कर गुजरने पर मजबूर करती है। इसलिए जिद्दी सपने ही सच होते हैं।

वन्दना अवस्थी दुबे Mon Jun 28, 12:06:00 am  

आपकी खासियत है, चंद शदों में दुनिया को समेट लेना. हतप्रभ रह जाती हूं मैं तो.

dipayan Mon Jun 28, 11:57:00 pm  

वाकई मे एक बच्चे की मासूमियत लिये हुए एक सुन्दर कविता । खूबसूरत रचना ।

रंजू भाटिया Tue Jun 29, 10:50:00 am  

बहुत सुन्दर ख्वाब सही में ज़िद्धि बच्चे से होते हैं ..बढ़िया रचना शुक्रिया

Saumya Tue Jun 29, 01:34:00 pm  

bauhat sundar panktiyan

सदा Wed Jun 30, 02:50:00 pm  

बिल्‍कुल सही कहा आपने, आपने चन्‍द शब्‍दों में, बेहतरीन ।

Shabad shabad Wed Jun 30, 05:24:00 pm  

रचना पढ़कर मन खुश हुआ ।
सुन्दर ख्वाब....सुन्दर बच्चों की तरह....

ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι Thu Jul 15, 05:49:00 pm  

ख़्वाब जिद्दी बच्चे। बेहतरीन।

Asha Lata Saxena Sat Sept 25, 06:11:00 am  

बहुत खूब लिखा है |बधाई
आशा

रफ़्तार

About This Blog

Labels

Lorem Ipsum

ब्लॉग प्रहरी

ब्लॉग परिवार

Blog parivaar

हमारी वाणी

www.hamarivani.com

लालित्य

  © Free Blogger Templates Wild Birds by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP