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हसीन उदासी

>> Monday, 12 July 2010


उदासी के 

पैरहन पर 

टांक दिए हैं 

मैंने 

खुशियों के 

सलमे सितारे

अब उदासी भी 

हसीन  लगती है |



63 comments:

sonal Mon Jul 12, 03:27:00 pm  

बहुत खूब ...प्यारी पंक्तिया

shikha varshney Mon Jul 12, 03:29:00 pm  

आज सचमुच निशब्द महसूस कर आरही हूँ खुद को ..हालाँकि कहने को बहुत कुछ उमड़ घुमड़ रहा है ...दिल को छूती पंक्तियाँ.

Avinash Chandra Mon Jul 12, 03:33:00 pm  

Sannataaaaa.....sannataaaaaa

ye haseen udasi...kamal hai, kamal ahi aur bas kamaal hai.

extremely good........jaise dravid ki cover drive ho. :)

vandana gupta Mon Jul 12, 03:33:00 pm  

वाह्…………………गज़ब कर दिया…

उदासी को भी हसीन बना दिया
कुछ इस तरह मेरे यार ने
मौत को भी जश्न बना दिया

राजकुमार सोनी Mon Jul 12, 04:09:00 pm  

क्या बात है.
दुख को जितना चमकदार बनाओ उसका आनन्द अलग ही होता है.
उदासी पर सितारे टांकने की बात एकदम नई है और जिजीविषा को प्रकट भी करती हैं.

kshama Mon Jul 12, 04:14:00 pm  

Oh ! Aapne ekdam nishabd kar diya!Udasi ko yah kaisa husn ataa kiya!

स्वाति Mon Jul 12, 04:30:00 pm  

अब उदासी भी

हसीन लगती है |
nishabd...

ब्लॉ.ललित शर्मा Mon Jul 12, 04:58:00 pm  

बहुत सुंदर पंक्तियां हैं।
जिससे रोज का हो वास्ता
और रोज निबाहना हो तो
यह स्थिति भी आती है।
जैसे उदासी हसीन लगती है।

डॉ टी एस दराल Mon Jul 12, 06:16:00 pm  

वाह , बहुत सुन्दर । सीमित शब्दों में असीमित बात कह दी ।

मनोज कुमार Mon Jul 12, 06:26:00 pm  

कभी-कभी आपकी एक मुस्‍कान मरूस्‍थल में जल की बूंद जैसी लाभदायक सिद्ध हो सकती है।
बहुत अच्छी पोस्ट।

स्वप्निल तिवारी Mon Jul 12, 06:54:00 pm  

ek solid hai mumma...lekin agar khushiyaan tank di gayi ..to udasi udasi rahi hi kahaan ...:)

अनामिका की सदायें ...... Mon Jul 12, 07:04:00 pm  

आपकी कविताओं की गहराई तक मैं कभी नहीं पहुच पाई.
हो सके तो इस हसीन उदासी को भी समझा दीजिये

संगीता स्वरुप ( गीत ) Mon Jul 12, 07:07:00 pm  

सभी पाठकों का आभार..

स्वप्निल ,
:) :)
सलमे सितारे एक बाह्य चमक के लिए लगाये जाते हैं जिससे वस्त्र सुन्दर , आकर्षक दिखे....तो यहाँ भी खुशी रुपी सलमें सितारे जड़ दिए हैं....:):)

कुछ और????????

रावेंद्रकुमार रवि Mon Jul 12, 07:34:00 pm  

स्वप्निल जी का कथन उचित है!
ख़ुशियों के द्वारा उदासी कम की जा सकती है,
पूरी तरह से दूर भी की जा सकती है,
पर उदासी को हसीन नहीं बनाया जा सकता!

वीरेंद्र सिंह Mon Jul 12, 07:46:00 pm  

chand sunder pankiyan padhkar...mazaa aa gayaa.

Aabhar !!!!!!!!!!!111

mai... ratnakar Mon Jul 12, 07:51:00 pm  

ghazab ka likha hai
bahut badhai

sheetal Mon Jul 12, 07:52:00 pm  

agar hum sach main udaasi ke pehran par khushiyon ke sitare tak le to zindagi main kabhi bojhil pal na honge, bas charo taraf khushiyan hi khushiyan hongi.

M VERMA Mon Jul 12, 07:58:00 pm  

बहुत सुन्दर
अलग सा .. पर उदासियाँ फिर भी झाँकती ही रहती हैं क्या करें.

संगीता स्वरुप ( गीत ) Mon Jul 12, 08:03:00 pm  

रावेंद्र जी ,

अपनी अपनी समझ है....वैसे स्वप्निल को जवाब दे चुकी हूँ....मुझे तो उदासी भी हसीन लगती है तो क्या करूँ? :):)
आपने गहरे भाव व्यक्त किये आभार


@@ सभी पाठकों का आभार

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' Mon Jul 12, 08:44:00 pm  

यह क्षणिका तो बहुत सुन्दर और प्रभावशाली रही!
--
आपको बधाई!

रचना दीक्षित Mon Jul 12, 09:09:00 pm  

संगीत जी अच्छी लगी आपकी ये पोस्ट पर सच तो ये है की ये दूसरों को और हमें देखने में ही अछे लगते हैं पर ये सलमे सितारे भी चुभते ही रहते हैंजब तब और

rashmi ravija Mon Jul 12, 10:15:00 pm  

वाह क्या बात है...उदासी भी हसीं हो गयी है..
और चित्र भी इतना सुन्दर मिल गया...बिलकुल सटीक

अंजना Tue Jul 13, 12:15:00 am  

अच्छी क्षणिका ....

जाने नवरात्रे मेरे ब्लांक पर ...

सम्वेदना के स्वर Tue Jul 13, 12:23:00 am  

संगीता दी,
बिल्कुल सहमत हूम आपसे...
शगुफ्ता लोग भी टूटे हुए होते हैं अंदर से
बहुत रोते हैं वो, जिनको लतीफे याद रहते हैं...
अच्छा लिहाफ़ ओढाया है उदासियों को… दिल को छू गई ये हसीन उदासी!!!

सु-मन (Suman Kapoor) Tue Jul 13, 12:40:00 am  

वाह क्या बात है ..... बहुत सुन्दर......

दीपक 'मशाल' Tue Jul 13, 01:19:00 am  

छोटी कविता और सबक इतना बड़ा सिमेटे है कि ये सलमे सितारे भी सूरज का काम कर रहे हैं..

वाणी गीत Tue Jul 13, 07:19:00 am  

उदासी के पैरहन पर चाँद सितारे की वह भी सजकर दुल्हन हो गयी ...

सुन्दर ..

Renu goel Tue Jul 13, 07:34:00 am  

har chamakti cheez sona nahin hoti .. in salme sitaaron se bhi udaasi door nahin hoti ...

शिवम् मिश्रा Tue Jul 13, 08:56:00 am  

बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!

आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं

ZEAL Tue Jul 13, 09:45:00 am  

Sangeeta ji ,

waah kya baat likh di aapne!

maza aa gaya !

jindagi jeene ka sundar andaaz.....behetreen !

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" Tue Jul 13, 10:19:00 am  

क्या बात है संगीता जी ! लाजवाब !

ये गाना याद आ गया ...
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसे छुपा रहे हो

Aruna Kapoor Tue Jul 13, 12:00:00 pm  

वाह प्रतिकूल परिस्थिति को, अपनी अनुरुप परिस्थिति में ढालना कितना कठीन काम है... यही भाव आपने ययां व्यक्त किया है, धन्यवाद!

शोभना चौरे Tue Jul 13, 12:38:00 pm  

उदासी दूर करना कोई आसान बात नहीं है ?कितु आपकी इस "गागर में सागर ने "इसे सम्भव कर दिया |बहुत सुन्दर भाव |

Deepak Shukla Tue Jul 13, 01:21:00 pm  

दी...नमस्कार...

उदासी की पैरहन पर, खुशियों के सितारे..

वाह दी..क्या कहने... खुशियाँ चाहे ओढ़ी हुई ही क्यों न हों...उदासी को किसी हद्द तक दूर तो अवश्य करती हैं...

सुन्दर भाव...

दीपक..

रश्मि प्रभा... Tue Jul 13, 01:33:00 pm  

udaasi ke pairhan .... khushiyon ke sitaare...aur janm hua ek nazm ka

Asha Lata Saxena Tue Jul 13, 04:37:00 pm  

आप बहुत अच्छी रचनाएँ लिखती हैं |
आशा

ताऊ रामपुरिया Tue Jul 13, 07:34:00 pm  

बहुत खूबसूरत पंक्तियां. शुभकामनाएं.

रामराम.

Apanatva Tue Jul 13, 07:53:00 pm  

der se aane ka ek hee karan hai rachana ke sath comments bhee pad kar mazaa aata hai.................
isee tarah aage badatee jao kamyabee kadam choome isee dua ke sath.......

निर्मला कपिला Wed Jul 14, 10:35:00 am  

ुदासी भी हसीन हो सकती है--- बहुत गहरे भाव। शुभकामनायें

सदा Wed Jul 14, 01:08:00 pm  

बहुत ही खूबसूरत सा ख्‍याल उदासी को हसीन बनाने का, सुन्‍दर ।।

देवेन्द्र पाण्डेय Wed Jul 14, 07:43:00 pm  

काश ऐसा हो पता..कि उदासी के पैरहन पर खुशियों के सितारे टाँके जा सकते..!
..अच्छी लगी अभिव्यक्ति

Asha Joglekar Thu Jul 15, 05:03:00 am  

उदासी के पैरहन पर खुशियों के सितारे क्या बात है संगीता जी ।

Akshitaa (Pakhi) Thu Jul 15, 01:07:00 pm  

बहुत सुन्दर रचना...

_____________________
'पाखी की दुनिया' के एक साल पूरे

Parul kanani Thu Jul 15, 03:40:00 pm  

sangeeta ji aapki har nazm dil le leti hai !

ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι Thu Jul 15, 05:39:00 pm  

उदासी के पैरहन पे मैंने टांक दिये सलमे सितारे। बहुत ही मासूम पक्तियों के लिये आप मुबारक़बाद व धन्यवाद के मुस्तहक़ हैं

Vinay Thu Jul 15, 06:38:00 pm  

बहुत सुन्दर कल्पना

madhav Thu Jul 15, 07:51:00 pm  

उदासिओं को भी पहना दिए हैं सलमे सितारों के पेहरन . अनूठी कल्पना है.बधाई.
मेरी एक ताजा कविता पढ़ने का कष्ट करें.madhavnagda.blogspot.com पर.

लोकेन्द्र सिंह Fri Jul 16, 12:27:00 am  

क्या बात है जी, लाजवाब !

हरीश प्रकाश गुप्त Fri Jul 16, 12:51:00 pm  

बहुत सुंदर पंक्तियां हैं। कल्पना भी बहुत सुंदर हैं।

VIVEK VK JAIN Fri Jul 16, 01:12:00 pm  

aapki rachnaye to hamesha hi bahut achhi hoti hai.

मेरे भाव Fri Jul 16, 03:10:00 pm  

udasi ke pairahan....sunder shabdon ka prayog......

Saumya Fri Jul 16, 04:44:00 pm  

ab udaasi bhi haseen lagti hai...nice thought.

Shraddha Fri Jul 16, 07:37:00 pm  

udasi ka karn pata kare aur sachchi kushi dudhe.

Anonymous Sun Jul 18, 09:10:00 pm  

कम शब्दों में आप- ने बहुत ही अच्छी बात कहने की कोशिश की है...
...**बहुत ही बुन्दा लिखा है....****श्रेष्ठ रचना....शुभकामनाएं..

संजय भास्‍कर Sun Aug 22, 11:04:00 am  

बहुत सुंदर पंक्तियां हैं। कल्पना भी बहुत सुंदर हैं।

रफ़्तार

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