कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ...
मन के भावों को
कैसे सब तक पहुँचाऊँ
कुछ लिखूं या
फिर कुछ गाऊँ
।
चिंतन हो
जब किसी बात पर
और मन में
मंथन चलता हो
उन भावों को
लिख कर मैं
शब्दों में
तिरोहित कर जाऊं ।
सोच - विचारों की शक्ति
जब कुछ
उथल -पुथल सा
करती हो
उन भावों को
गढ़ कर मैं
अपनी बात
सुना जाऊँ
जो दिखता है
आस - पास
मन उससे
उद्वेलित होता है
उन भावों को
साक्ष्य रूप दे
मैं कविता सी
कह जाऊं.
स्वप्निल , :) :) सलमे सितारे एक बाह्य चमक के लिए लगाये जाते हैं जिससे वस्त्र सुन्दर , आकर्षक दिखे....तो यहाँ भी खुशी रुपी सलमें सितारे जड़ दिए हैं....:):)
agar hum sach main udaasi ke pehran par khushiyon ke sitare tak le to zindagi main kabhi bojhil pal na honge, bas charo taraf khushiyan hi khushiyan hongi.
संगीता दी, बिल्कुल सहमत हूम आपसे... शगुफ्ता लोग भी टूटे हुए होते हैं अंदर से बहुत रोते हैं वो, जिनको लतीफे याद रहते हैं... अच्छा लिहाफ़ ओढाया है उदासियों को… दिल को छू गई ये हसीन उदासी!!!
der se aane ka ek hee karan hai rachana ke sath comments bhee pad kar mazaa aata hai................. isee tarah aage badatee jao kamyabee kadam choome isee dua ke sath.......
63 comments:
बहुत खूब ...प्यारी पंक्तिया
आज सचमुच निशब्द महसूस कर आरही हूँ खुद को ..हालाँकि कहने को बहुत कुछ उमड़ घुमड़ रहा है ...दिल को छूती पंक्तियाँ.
Sannataaaaa.....sannataaaaaa
ye haseen udasi...kamal hai, kamal ahi aur bas kamaal hai.
extremely good........jaise dravid ki cover drive ho. :)
वाह्…………………गज़ब कर दिया…
उदासी को भी हसीन बना दिया
कुछ इस तरह मेरे यार ने
मौत को भी जश्न बना दिया
क्या बात है.
दुख को जितना चमकदार बनाओ उसका आनन्द अलग ही होता है.
उदासी पर सितारे टांकने की बात एकदम नई है और जिजीविषा को प्रकट भी करती हैं.
Oh ! Aapne ekdam nishabd kar diya!Udasi ko yah kaisa husn ataa kiya!
अब उदासी भी
हसीन लगती है |
nishabd...
बहुत सुंदर पंक्तियां हैं।
जिससे रोज का हो वास्ता
और रोज निबाहना हो तो
यह स्थिति भी आती है।
जैसे उदासी हसीन लगती है।
वाह , बहुत सुन्दर । सीमित शब्दों में असीमित बात कह दी ।
कभी-कभी आपकी एक मुस्कान मरूस्थल में जल की बूंद जैसी लाभदायक सिद्ध हो सकती है।
बहुत अच्छी पोस्ट।
ek solid hai mumma...lekin agar khushiyaan tank di gayi ..to udasi udasi rahi hi kahaan ...:)
आपकी कविताओं की गहराई तक मैं कभी नहीं पहुच पाई.
हो सके तो इस हसीन उदासी को भी समझा दीजिये
सभी पाठकों का आभार..
स्वप्निल ,
:) :)
सलमे सितारे एक बाह्य चमक के लिए लगाये जाते हैं जिससे वस्त्र सुन्दर , आकर्षक दिखे....तो यहाँ भी खुशी रुपी सलमें सितारे जड़ दिए हैं....:):)
कुछ और????????
स्वप्निल जी का कथन उचित है!
ख़ुशियों के द्वारा उदासी कम की जा सकती है,
पूरी तरह से दूर भी की जा सकती है,
पर उदासी को हसीन नहीं बनाया जा सकता!
chand sunder pankiyan padhkar...mazaa aa gayaa.
Aabhar !!!!!!!!!!!111
ghazab ka likha hai
bahut badhai
agar hum sach main udaasi ke pehran par khushiyon ke sitare tak le to zindagi main kabhi bojhil pal na honge, bas charo taraf khushiyan hi khushiyan hongi.
बहुत सुन्दर
अलग सा .. पर उदासियाँ फिर भी झाँकती ही रहती हैं क्या करें.
रावेंद्र जी ,
अपनी अपनी समझ है....वैसे स्वप्निल को जवाब दे चुकी हूँ....मुझे तो उदासी भी हसीन लगती है तो क्या करूँ? :):)
आपने गहरे भाव व्यक्त किये आभार
@@ सभी पाठकों का आभार
यह क्षणिका तो बहुत सुन्दर और प्रभावशाली रही!
--
आपको बधाई!
संगीत जी अच्छी लगी आपकी ये पोस्ट पर सच तो ये है की ये दूसरों को और हमें देखने में ही अछे लगते हैं पर ये सलमे सितारे भी चुभते ही रहते हैंजब तब और
वाह क्या बात है...उदासी भी हसीं हो गयी है..
और चित्र भी इतना सुन्दर मिल गया...बिलकुल सटीक
अच्छी क्षणिका ....
जाने नवरात्रे मेरे ब्लांक पर ...
संगीता दी,
बिल्कुल सहमत हूम आपसे...
शगुफ्ता लोग भी टूटे हुए होते हैं अंदर से
बहुत रोते हैं वो, जिनको लतीफे याद रहते हैं...
अच्छा लिहाफ़ ओढाया है उदासियों को… दिल को छू गई ये हसीन उदासी!!!
वाह क्या बात है ..... बहुत सुन्दर......
छोटी कविता और सबक इतना बड़ा सिमेटे है कि ये सलमे सितारे भी सूरज का काम कर रहे हैं..
उदासी के पैरहन पर चाँद सितारे की वह भी सजकर दुल्हन हो गयी ...
सुन्दर ..
har chamakti cheez sona nahin hoti .. in salme sitaaron se bhi udaasi door nahin hoti ...
बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं!
आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं
Sangeeta ji ,
waah kya baat likh di aapne!
maza aa gaya !
jindagi jeene ka sundar andaaz.....behetreen !
क्या बात है संगीता जी ! लाजवाब !
ये गाना याद आ गया ...
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसे छुपा रहे हो
वाह प्रतिकूल परिस्थिति को, अपनी अनुरुप परिस्थिति में ढालना कितना कठीन काम है... यही भाव आपने ययां व्यक्त किया है, धन्यवाद!
उदासी दूर करना कोई आसान बात नहीं है ?कितु आपकी इस "गागर में सागर ने "इसे सम्भव कर दिया |बहुत सुन्दर भाव |
दी...नमस्कार...
उदासी की पैरहन पर, खुशियों के सितारे..
वाह दी..क्या कहने... खुशियाँ चाहे ओढ़ी हुई ही क्यों न हों...उदासी को किसी हद्द तक दूर तो अवश्य करती हैं...
सुन्दर भाव...
दीपक..
udaasi ke pairhan .... khushiyon ke sitaare...aur janm hua ek nazm ka
nice post...
आप बहुत अच्छी रचनाएँ लिखती हैं |
आशा
बहुत खूबसूरत पंक्तियां. शुभकामनाएं.
रामराम.
der se aane ka ek hee karan hai rachana ke sath comments bhee pad kar mazaa aata hai.................
isee tarah aage badatee jao kamyabee kadam choome isee dua ke sath.......
nice haan
ुदासी भी हसीन हो सकती है--- बहुत गहरे भाव। शुभकामनायें
बहुत ही खूबसूरत सा ख्याल उदासी को हसीन बनाने का, सुन्दर ।।
इस हसीन उदासी पर कौन न निसार हो जाए।
................
पॉल बाबा का रहस्य।
आपकी प्रोफाइल कमेंट खा रही है?.
काश ऐसा हो पता..कि उदासी के पैरहन पर खुशियों के सितारे टाँके जा सकते..!
..अच्छी लगी अभिव्यक्ति
उदासी के पैरहन पर खुशियों के सितारे क्या बात है संगीता जी ।
बहुत सुन्दर रचना...
_____________________
'पाखी की दुनिया' के एक साल पूरे
sangeeta ji aapki har nazm dil le leti hai !
उदासी के पैरहन पे मैंने टांक दिये सलमे सितारे। बहुत ही मासूम पक्तियों के लिये आप मुबारक़बाद व धन्यवाद के मुस्तहक़ हैं
बहुत सुन्दर कल्पना
उदासिओं को भी पहना दिए हैं सलमे सितारों के पेहरन . अनूठी कल्पना है.बधाई.
मेरी एक ताजा कविता पढ़ने का कष्ट करें.madhavnagda.blogspot.com पर.
क्या बात है जी, लाजवाब !
Nice...
बहुत सुंदर पंक्तियां हैं। कल्पना भी बहुत सुंदर हैं।
aapki rachnaye to hamesha hi bahut achhi hoti hai.
udasi ke pairahan....sunder shabdon ka prayog......
ab udaasi bhi haseen lagti hai...nice thought.
udasi ka karn pata kare aur sachchi kushi dudhe.
कम शब्दों में आप- ने बहुत ही अच्छी बात कहने की कोशिश की है...
...**बहुत ही बुन्दा लिखा है....****श्रेष्ठ रचना....शुभकामनाएं..
bahut hi umda
gager me sager............
kitna sundar hai.
bahut hi umda rachna hai !
बहुत सुंदर पंक्तियां हैं। कल्पना भी बहुत सुंदर हैं।
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