कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ...
मन के भावों को
कैसे सब तक पहुँचाऊँ
कुछ लिखूं या
फिर कुछ गाऊँ
।
चिंतन हो
जब किसी बात पर
और मन में
मंथन चलता हो
उन भावों को
लिख कर मैं
शब्दों में
तिरोहित कर जाऊं ।
सोच - विचारों की शक्ति
जब कुछ
उथल -पुथल सा
करती हो
उन भावों को
गढ़ कर मैं
अपनी बात
सुना जाऊँ
जो दिखता है
आस - पास
मन उससे
उद्वेलित होता है
उन भावों को
साक्ष्य रूप दे
मैं कविता सी
कह जाऊं.
आज आपने फिर धमाका किया है ! बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ हैं ! बस बार-बार पढती ही जा रही हूँ ! कितनी नाज़ुक बात आप कितने दम-ख़म से चंद शब्दों में कह देती हैं ! कमाल है !
83 comments:
क्या बात है?!!!!
लाजवाब पोस्ट।
अभि तो बस इतना ही
कि.....
उसने कहा कौन सा तोहफा मैं तुम्हे दूँ
मैंने कहा वही आंसू जो तेरी आंखों से ढलकने को है
बेहद सुन्दर भाव भर दिये हैं……………………बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
behad shandar nazm hai mumma.... jeb aansu...waah ......chamatkari nazm hai ,,,,, iski image bhi kitni pyari ban rahi hai .... :)
kisi ki aanshu ko kisi ke dil se jor diya............di!!
aap sachmuch lajabab ho.....:)
kisi ki aanshu ko kisi ke dil se jor diya............di!!
aap sachmuch lajabab ho.....:)
Hi Di...
Aansu se kandhen bheegen...
aur seele rahte sabke dil...
priyatam jab milta hai kisi ko..
Jo na us se raha ho mil...
Behtareen Bhavabhivyakti...
Deepak...
भावों को व्यक्त करने के लिए शब्दों के अधिकता नहीं चाहिए.. आपकी रचनाये इसका उदहारण हैं.. बहुत भावपूर्ण कविता !
kya baat hai...
bahut hi lajawab rachna....
bahut khoob likha di
grr8 composition
हर पल सीला सीला सा...बहुत सुन्दर.
आंसू भी अनमोल रतन जैसे होते है!....सुंदर अनुभूति!
गले मेरे लगकर रोई थी वो
तभी में कहूं
कमीज की जेब में
कुछ मोती से हैं।
लाजवाब, बहुत सुन्दर !
वाह!सीळा-सीळा सा,बहुत खूब बात कही।
आभार
छोटी नज़्म...
बडे़ गहरे भाव...
यानी...
गागर में सागर.
wonderful!!!!
vah!vah!
वाह! कितनी प्यारी सी नज़्म हुई है. :)
बढिया है।
दीदी नमस्कार ! आँसु छुपाने से भी छिपते नहीँ, किसी ना किसी रुप मेँ सामने आते ही हैँ क्योँकि ये वाष्पीकृत होते हैँ, कहीँ-कहीँ तो ये बहुत ही बरसते हैँ। बहुत ही गहरे भाव लिए हुए रचना हैँ। अति सुन्दर पंक्तियाँ। -: VISIT MY BLOG :- पूछता कौन हैँ परिन्देँ से तू किस डाली का महमान हैँ..........कविता को पढ़ने के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकती हैँ।
बहुत ही खूबसूरत!
बडे़ गहरे भाव बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
सभी पाठकों का आभार ...आप आये हौसला बढा ....
@@ मनोज जी ,
आपका शेर लाजवाब है ..
@@ राजेश जी ,
आपकी पंक्तियों से मन मुग्ध हो गया ...
आभार
सभी पाठकों का आभार ...आप आये हौसला बढा ....
@@ मनोज जी ,
आपका शेर लाजवाब है ..
@@ राजेश जी ,
आपकी पंक्तियों से मन मुग्ध हो गया ...
आभार
Rekha Srivastava to me
क्या बात है? ख्यालों की दौड़ इतनी तेज और धारदार है कि संचय की परिधि और अहसास को कहाँ से जोड़ दिया?
बहुत बहुत मोहक प्रस्तुति.
कमीज, जेब और आँसुओं का सामंजस्य तो बहुत सुन्दर रहा!
bahut sunder
bahut sunder
बहुत आनंदित करते से शब्द को आपने पिरो दिया है, मौसम भी सीला सीला सा ही है आजकल.
बहुत आभार.
रामराम
आज आपने फिर धमाका किया है ! बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ हैं ! बस बार-बार पढती ही जा रही हूँ ! कितनी नाज़ुक बात आप कितने दम-ख़म से चंद शब्दों में कह देती हैं ! कमाल है !
तो दिल के सीला सीला सा रहने का राज़ ये है.....सुन्दर नज़्म
तो दिल के सीला सीला सा रहने का राज़ ये है.....सुन्दर नज़्म
दिल में उतर जाने वाली कविता है !
बहुत सुंदर !
दी नमस्ते ....
बहुत ही खूब सूरत रचना ..
मंत्रमुग्ध हो गया मन ....
खूबसूरत रचना ,अच्छे भाव ।
संगीता दी,
आँसुओं को हमेशा यही सिला मिला है,
चाक जिगर सिला नहीं पर दिल सीला सीला है.
आपकी इस नज़्म ने दिल को छू लिया. बे-ह-त-री-न!!
आँसू सहेज लेना भी कठिन रहा मेरे लिये, सदा ही।
भावपूर्ण रचना। बधाई।
आपने तो गागर में सागर भर दिया है
छोटी सी कबिता भाव कितने अच्छे.
मानवीय संवेदना की आंच में सिंधी हुई ये कविता हमें मानवीय रिश्ते की गर्माहट प्रदान करती है।
हमेशा की तरह ये रचना भी अंतस में कुछ निशाँ छोड़ गयी. बुत सुंदर रचना.
देरी के लिए क्षमा चाहती हूँ.
अब
हर पल
मेरा दिल
सीला - सीला सा
रहता है ...
वाह !!
आपकी रचना बहुत अच्छी लगी.....
दी आपको भी रक्षाबंधन की बहुत बहुत सुभकामनाएँ
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
हिन्दी ही ऐसी भाषा है जिसमें हमारे देश की सभी भाषाओं का समन्वय है।
अत्यंत सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति.शुभकामनायें.
दादी आप तो निशब्द कर देती हैं, दिल को छू गयी आपकी रचना ।
रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
बहुत खूब लिखा है आपने! गहरे भाव के साथ लिखी हुई उम्दा रचना !
kam shabdon me bahut khubsorat jasbaat bayan karati rachana...!!
Aabhar
…बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
Kahan se aise heere moti samet laate hain aap?
बहुत खूब ... ग़ज़ब की कल्पना है .... कवि की उड़ान कहाँ तक है ... बहुत लाजवाब ....
बहुत सुन्दर.
गीला गीला --वाह !
शुभकामनायें ।
वाह अत्यंत सुंदर कोमल भावपूर्ण कवित्त.
bahut hee sundar aur bhawpurn rachna
bahut hee sundar aur bhawpurn rachna
ये वाली रचना भी हर बार की तरह दिल को छू गई । अति सुन्दर । बधाई ।
सुन्दर भाव...
दी ! शीर्षक बहुत ही सुन्दर है :) और नज़्म तो बेहतरीन ....
क्या भाव हैं वाह .
wah wah wah wah wah wah ji wah
awaysome ...........kya baat kahi h.
............................
uniqe ...exceelent .
bahut sundar hai yah chhoti rachna .
बेहद सुन्दर.
bahut hi badiya .. really nice.
A Silent Silence : tanha marne ki bhi himmat nahi
Banned Area News : Sahitya Akademi declares 'Bal Sahitya Puraskar 2010'
gahri abhivyakti....
behad khoobsoorat abhivyakti hai Mumma........jeb aur ashqon ka rishta bahut achha laga...:):)
अब इतनी सारी टिप्पणियों के बाद कुछ बचता है क्या
हां...
शायद बचता है
मैं कमीज बनना चाहता हूं
wah .....what a thought.........
bahut sundar.............
अच्छे भाव..सुंदर
यह क्या लिख दिया आपने ....सोचता ही रह गया कल्पना शक्ति की यह बेजोड़ मिसाल दुर्लभ है ! शुभकामनायें !
वाह...वाह...वाह....लाजवाब...बेहतरीन....!!!! एकदम घाव करे गंभीर टाईप की रचना.....
ati sundar bhaav
बहुत सुन्दर ...
********************
छोड़ दे माँ - बाप को किसी के लिए ?
http://sometimesinmyheart.blogspot.com/2010/08/blog-post_27.html
सुंदर भाव..
बहुत ही भा गई ये आपकी कविता, इसीसे पिछली भी आठ दस पढ लीं । शब्दों का इस्तेमाल का ये कमाल आप की खूबी है ।
आंसूओं को जेब में सहेजना वाह ।
ati sundar
Sangeeta ji..bahut pyaari nazm hai..ek khoobsurat drishyaubharkar saamne aa gaya nazaron ke...
hamesha ki tarah nayab moti !
जितनी छोटी कविता उतना सा मगर दिल से निकला कमेन्ट
खूबसूरत
Umda aur Bhavpurn nazm.....
bahut sundar.
वाह वल्लाह क्या लिखा है... वाह रे कवि मन..
bohot hi mast.... super like... :)
अदभुत और सुन्दर रचना!
शुभकामनाएं
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