कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ...
मन के भावों को
कैसे सब तक पहुँचाऊँ
कुछ लिखूं या
फिर कुछ गाऊँ
।
चिंतन हो
जब किसी बात पर
और मन में
मंथन चलता हो
उन भावों को
लिख कर मैं
शब्दों में
तिरोहित कर जाऊं ।
सोच - विचारों की शक्ति
जब कुछ
उथल -पुथल सा
करती हो
उन भावों को
गढ़ कर मैं
अपनी बात
सुना जाऊँ
जो दिखता है
आस - पास
मन उससे
उद्वेलित होता है
उन भावों को
साक्ष्य रूप दे
मैं कविता सी
कह जाऊं.
samjhota ..namak ki tarah jakhm per lag ker hamesha aapko vyathit kerta hai ..wakaisahi v sahaj aur poorn satya kathan aapne apni kavita mein peeroya hai ..khoob
15 comments:
behtreen parastuti
Hi..
Samjhauta gar man se hota, to wo sahaj sa lagta hai..
Beman ke shamjhaute se bas, Namak jakhm par lagta hai..
Duniya vale mauka pa kar, jakhm kureda karte hain..
Dard kisi ka wo kya jaane, namak liye jo firte hain..
Sundar Rachna..
DEEPAK SHUKLA..
वाह क्या सटीक और सत्य बात कही है. बहुत लाजवाब.
रामराम.
बहुत कुछ कह दिया आपने तो घाव पर नामक के बहाने भी हम उनको याद कर ही लेते हैं. पर मुझे तो लगता है की शायद कल को ये नामक भी न नसीब हो
Ufffffffffffffffff..क्या कह दिया दी ! ये नमक और ये जख्म...aahhhhhh
""नमक ,मेरे जख्मों पे हंस हंस के छिडको /सितम भी इनायतनुमा चाहता हूँ ""कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं
समझोता क्या मरहम का
काम करेगा...
नमक की ही शकल में रहे
तो बहतर है..
मन तो ना छलेगा ..
adbhutaas....
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
Namak bhi zakhm pe asardaar hota hai..samjhauta nahi...aapki har rachana ek nayab moti hai!
chhoti si rachna aur kafi badee baat..
wah.
wah di kya bat hai,
khoob kaha
samjhota ..namak ki tarah jakhm per lag ker hamesha aapko vyathit kerta hai ..wakaisahi v sahaj aur poorn satya kathan aapne apni kavita mein peeroya hai ..khoob
Neeru has left a new comment on your post "नमक":
wowwwwwwwwww...kya baat kahi hai........dil zakhm zakhm ho gaya.....bahut khoobsoorat sa dard aur tees hai halki si...isme :)
Post a Comment