कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ...
मन के भावों को
कैसे सब तक पहुँचाऊँ
कुछ लिखूं या
फिर कुछ गाऊँ
।
चिंतन हो
जब किसी बात पर
और मन में
मंथन चलता हो
उन भावों को
लिख कर मैं
शब्दों में
तिरोहित कर जाऊं ।
सोच - विचारों की शक्ति
जब कुछ
उथल -पुथल सा
करती हो
उन भावों को
गढ़ कर मैं
अपनी बात
सुना जाऊँ
जो दिखता है
आस - पास
मन उससे
उद्वेलित होता है
उन भावों को
साक्ष्य रूप दे
मैं कविता सी
कह जाऊं.
बेहतरीन भावनाएं, बेहतरीन पिरोया है आपने, बहुत बहुत बधाई "बड़ी पुरपेच रही उनसे मिलके ज़िंदगी कहा था 'रस्ता बड़ा सीधा है' दोस्त ने मेरे इक लम्हे को गले मिल,उम्र भर का ग़म हुनर ये नया सीखा है दोस्त ने मेरे चलो छलके अपना गरेबाँ तैयार कर लो खंजर एक नया खरीदा है दोस्त ने मेरे "
25 comments:
हुनर सीखने में क्या बुराई है ? हौसला होना चाहिए
अतिसुन्दर
पेंटिंग मार्मिक है
sunder.
बहुत लाजवाब बात कही आपने.
रामराम.
बहुत अच्छी प्रस्तुति। सादर अभिवादन।
कभी सुख कभी दुख यही ज़िंदगी है,
ये पतझड़ का मौसम घड़ी दो घड़ी है,
नये फूल कल फिर डगर में खिलेंगे,
उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे...
जय हिंद...
kushdeep jee ne mere man kee baat kah dee .
hameshe kee tarah ek bhavuk rachana.......
ek dam sahi bat kahi di aapne
bahoot hee achha bahoot hee sakoon dene vala hai
वाह! बहुत खूब! सही बात को बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है!
इतनी कम पंक्तियों में एक लम्बी दास्ताँ वाह वाह !!!!
बेहतरीन भावनाएं, बेहतरीन पिरोया है आपने, बहुत बहुत बधाई
"बड़ी पुरपेच रही उनसे मिलके ज़िंदगी
कहा था 'रस्ता बड़ा सीधा है' दोस्त ने मेरे
इक लम्हे को गले मिल,उम्र भर का ग़म
हुनर ये नया सीखा है दोस्त ने मेरे
चलो छलके अपना गरेबाँ तैयार कर लो
खंजर एक नया खरीदा है दोस्त ने मेरे "
आप सभी का बहुत बहुत आभार...
खुशदीप जी और रविन्द्र कुमार जी ,
आपकी लिखी पंक्तियों ने मन मोह लिया...शुक्रिया
वाकई ये एक हुनर है जो सीख लिया तो आसान सी हो जाती है जिन्दगी....बहुत सुन्दर कविता है
हमेशा की तरह बहुत गहरे भाव लिए ये रचना और दुसरो को भी हुनर सीखने का रास्ता बताती रचना .
बधाई.
बहुत सही बात कह दी है आपने । बहुत बढिया...
बहुत गहरी बात कह दी आपने -अब मानव के मूल भावों का भी पेशेवारीकरण जरूरी होता जा रहा है !
...और आप इस हुनर में माहिर हैं !
नमस्कार !
हर रचना लाजवाब है
सुन्दर प्रस्तुति
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kya baat hai bahut hi sundar prastuti.badhai ek hunar aur sikhlane ke liye.
ये उदासी का हुनर मुबारक आपको ......!!
हर हुनर को सीखने का हौसला होना चाहिये. सच है. बहुत सुन्दर रचना.
Kam alfaaz aur gahari baat!
Ramnavmiki anek shubhkamnayen!
wah.. behtreen rachna..sadhuwad..
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