सुकूँ
>> Monday, 24 May 2010
हर दर्द में
खुशी ढूंढो तो
फिर गम
क्या है
हर गम में
छुपी हंसी
दिल को
सुकूँ देती है .....
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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49 comments:
बहुत खूब
खुशी और गम तो आपस में गड्डमगड्ड हैं. चुनने का हौसला चाहिये.
बहुत सुन्दर ! हर बादल के पीछे सुनहरी धुप छुपी होती है ..
गम में मुस्कुराना आसान नहीं होता ... होंठ आँखे दिल कुछ भी तो साथ नहीं देता
छोटी छोटी बाते ख़ुशी देती हैं
गम को पीछे धकेलो..
बस यही जिंदगी है..
बढ़िया रचना.
वाह क्या बात है जी,
दो पंक्तियों में ही जिंदगी जीने की कला सीखा दी....
कुंवर जी,
फिर तो ख़ुशी ही ख़ुशी
चन्द शब्द ही सुकून के लिए काफी होते हैं!
यह रचना हमें बहुत ही पसन्द आयी है!
बस यही कहूंगा संगीता जी की वाह !
ये कविता है या जीवन दर्शन...
यह जीवन क्या है निर्झर है, मस्ती ही इसका पानी है
सुख दुःख के दोनों तीरों से, चल रहा राह मनमानी है.
संगीता मै’म !! बेहतरीन!!!
:)...
ek sher tha mumma..
gulshan ki faqat phoolon se nahi , kaaton se bhi zeenat hoti hai
jeene ke liye is dunia me gham ki bhi zaroorat hoti hai ..
bhali bhali si nazm hai ...
...अतिसुन्दर !!
सुख -दुःख है ही क्या ?सब मन का भरम है :)
छोटी छोटी बातो से
यू ही मिल जाती है ख़ुशी..
गमो को धक्का देते चलो
यू ही बीत जाती है जिन्दगी.
बढ़िया रचना.बधाई.
कविता के माध्यम से सब कुछ संभव-सा लगता है!
waah sahi kaha...bahut khoob
कम शब्दों में ....अच्छी रचना...
kya falsafa h zindagi ka
bahut khoob
बढ़िया रचना ! बधाई !
बहुत ही सुंदर रचना.
रामराम.
सुंदर पंक्तियों से सजी..... बहुत सुंदर रचना....
कमेन्ट पोस्ट करने में दिक्कत आ रही है....
बहुत सुन्दर !
bahut badhiya
सुन्दर विचार.
Hi di..
Ek sikke ke do pahloo hain..
Gum aur khushian hoti sang..
Dil main dard hai lata gum aur..
Khushi bane man ki umang..
Sundar shabd..
DEEPAK..
wow...meethi si hui nazm ye :)
क्या बात है...दर्द में हंसी ..और हंसी में दर्द...वाह वाह..
सच ही कहा है, ढूंढने से ही कुछ मिलता है फिर वो चाहें ग़म में ख़ुशी ही क्यों न हो
आभार
इसको कहते हैं गागर में सागर! बस चंद पंक्तियों में सम्पूर्ण संसार का सार समेट लिया. न इससे अधिक कुछ है और न इससे कम.
dard ke andar se khushi ko dhundh pana...........bahut badi baat hai Di!!..........sadhi hui baat kahi aapne.......:)
सुन्दर भावनाएँ
हर दर्द में
खुशी ढूंढो तो
फिर गम
क्या है........
bahut muskil hai ye karna ......
vaqt ki aandhi bade bade darakhat ukhaD ke le jati hai jinki jaden bahut gahraai tak dhasii hoti hai zamiin m
प्रशंसनीय ।
छोटी सी सुन्दर रचना के माध्यम से आपने सच्चाई को प्रस्तुत किया है! सौ फीसदी सही बात कहा है आपने! बहुत अच्छा लगा!
बहुत खूब, बेहतरीन शब्द रचना ।
बहुत खूबसूरत भाव है...जिसे मूर्त रूप दे दिया जाए तो ज़िन्दगी आसान हो जाती है.
रचना है धारदार
कम शब्द
उच्च विचार!
बहुत अच्छी रचना।
बेहतरीन रचना ।
wowww....Mumma kya chhutku nazm hai...abhi abhi mera man depress tha yun hi..ye poem padh ke man sfoorti se bhar utha...kam shabdon mein bhi bahut si oorja bhari hai..:)
दुःख का साथी ही तो सुख है!
नज़्म अच्छी है.
kash ke har insaan
apne gum main woh
khoi hui khushi dhundle.
to kis baat ka dukh
aur kis baat ke aansu.
bas charo taraf rehega
khushiyon ka lehrata saagar.
हर गम में
छुपी हंसी
दिल को
सुकूँ देती है .....
बेहतरीन शब्द रचना ।
अपुन को दर्द में खुशी नहीं मिलती.......
अच्छा लगा
जज़्बा नेक है
सोच में है...
होना ऐसा ही चाहिए
लेकिन
सोनल रस्तोगी जी की बात भी
सच है .
अच्छी , संदेश्मयी रचना के लिए आभार .
बहुत सुंदर बात..हमने तो मन में बिठा ली.
संवेदी रचना.... साधुवाद...
अब तो बादलों से भी मोती झरने लगे .....
सुंदर शब्द बंधन ......
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