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सुकूँ

>> Monday, 24 May 2010


                                                                               


हर दर्द में


खुशी ढूंढो तो


फिर गम

क्या है


हर गम में 

छुपी हंसी


दिल को  

सुकूँ देती है .....




49 comments:

M VERMA Mon May 24, 07:13:00 pm  

बहुत खूब
खुशी और गम तो आपस में गड्डमगड्ड हैं. चुनने का हौसला चाहिये.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" Mon May 24, 07:15:00 pm  

बहुत सुन्दर ! हर बादल के पीछे सुनहरी धुप छुपी होती है ..

sonal Mon May 24, 07:43:00 pm  

गम में मुस्कुराना आसान नहीं होता ... होंठ आँखे दिल कुछ भी तो साथ नहीं देता

अनामिका की सदायें ...... Mon May 24, 07:45:00 pm  

छोटी छोटी बाते ख़ुशी देती हैं
गम को पीछे धकेलो..
बस यही जिंदगी है..

बढ़िया रचना.

kunwarji's Mon May 24, 07:45:00 pm  

वाह क्या बात है जी,

दो पंक्तियों में ही जिंदगी जीने की कला सीखा दी....

कुंवर जी,

रश्मि प्रभा... Mon May 24, 07:47:00 pm  

फिर तो ख़ुशी ही ख़ुशी

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' Mon May 24, 07:49:00 pm  

चन्द शब्द ही सुकून के लिए काफी होते हैं!
यह रचना हमें बहुत ही पसन्द आयी है!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" Mon May 24, 07:56:00 pm  

बस यही कहूंगा संगीता जी की वाह !

सम्वेदना के स्वर Mon May 24, 08:04:00 pm  

ये कविता है या जीवन दर्शन...
यह जीवन क्या है निर्झर है, मस्ती ही इसका पानी है
सुख दुःख के दोनों तीरों से, चल रहा राह मनमानी है.
संगीता मै’म !! बेहतरीन!!!

स्वप्निल तिवारी Mon May 24, 08:08:00 pm  

:)...

ek sher tha mumma..


gulshan ki faqat phoolon se nahi , kaaton se bhi zeenat hoti hai
jeene ke liye is dunia me gham ki bhi zaroorat hoti hai ..

bhali bhali si nazm hai ...

कडुवासच Mon May 24, 08:19:00 pm  

...अतिसुन्दर !!

shikha varshney Mon May 24, 09:04:00 pm  

सुख -दुःख है ही क्या ?सब मन का भरम है :)

अनामिका की सदायें ...... Mon May 24, 09:55:00 pm  

छोटी छोटी बातो से
यू ही मिल जाती है ख़ुशी..
गमो को धक्का देते चलो
यू ही बीत जाती है जिन्दगी.

बढ़िया रचना.बधाई.

रावेंद्रकुमार रवि Mon May 24, 10:16:00 pm  

कविता के माध्यम से सब कुछ संभव-सा लगता है!

Ra Mon May 24, 10:22:00 pm  

कम शब्दों में ....अच्छी रचना...

ZEAL Mon May 24, 10:34:00 pm  

बढ़िया रचना ! बधाई !

ताऊ रामपुरिया Mon May 24, 10:51:00 pm  

बहुत ही सुंदर रचना.

रामराम.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) Mon May 24, 11:22:00 pm  

सुंदर पंक्तियों से सजी..... बहुत सुंदर रचना....

कमेन्ट पोस्ट करने में दिक्कत आ रही है....

nilesh mathur Mon May 24, 11:35:00 pm  

बहुत सुन्दर !

Udan Tashtari Tue May 25, 12:39:00 am  

सुन्दर विचार.

Deepak Shukla Tue May 25, 07:08:00 am  

Hi di..

Ek sikke ke do pahloo hain..
Gum aur khushian hoti sang..
Dil main dard hai lata gum aur..
Khushi bane man ki umang..

Sundar shabd..

DEEPAK..

Avinash Chandra Tue May 25, 11:29:00 am  

wow...meethi si hui nazm ye :)

rashmi ravija Tue May 25, 12:03:00 pm  

क्या बात है...दर्द में हंसी ..और हंसी में दर्द...वाह वाह..

रचना दीक्षित Tue May 25, 12:38:00 pm  

सच ही कहा है, ढूंढने से ही कुछ मिलता है फिर वो चाहें ग़म में ख़ुशी ही क्यों न हो
आभार

रेखा श्रीवास्तव Tue May 25, 01:15:00 pm  

इसको कहते हैं गागर में सागर! बस चंद पंक्तियों में सम्पूर्ण संसार का सार समेट लिया. न इससे अधिक कुछ है और न इससे कम.

मुकेश कुमार सिन्हा Tue May 25, 02:15:00 pm  

dard ke andar se khushi ko dhundh pana...........bahut badi baat hai Di!!..........sadhi hui baat kahi aapne.......:)

Vinay Tue May 25, 02:54:00 pm  

सुन्दर भावनाएँ

निर्झर'नीर Tue May 25, 03:55:00 pm  

हर दर्द में
खुशी ढूंढो तो
फिर गम
क्या है........

bahut muskil hai ye karna ......
vaqt ki aandhi bade bade darakhat ukhaD ke le jati hai jinki jaden bahut gahraai tak dhasii hoti hai zamiin m

Urmi Tue May 25, 08:11:00 pm  

छोटी सी सुन्दर रचना के माध्यम से आपने सच्चाई को प्रस्तुत किया है! सौ फीसदी सही बात कहा है आपने! बहुत अच्छा लगा!

सदा Wed May 26, 03:50:00 pm  

बहुत खूब, बेहतरीन शब्‍द रचना ।

मीनाक्षी Wed May 26, 04:08:00 pm  

बहुत खूबसूरत भाव है...जिसे मूर्त रूप दे दिया जाए तो ज़िन्दगी आसान हो जाती है.

मनोज कुमार Wed May 26, 09:20:00 pm  

रचना है धारदार
कम शब्द
उच्च विचार!

मनोज कुमार Wed May 26, 09:43:00 pm  

बहुत अच्छी रचना।

हर्षिता Wed May 26, 11:56:00 pm  

बेहतरीन रचना ।

Taru Thu May 27, 12:17:00 am  

wowww....Mumma kya chhutku nazm hai...abhi abhi mera man depress tha yun hi..ye poem padh ke man sfoorti se bhar utha...kam shabdon mein bhi bahut si oorja bhari hai..:)

Alpana Verma Thu May 27, 10:08:00 am  

दुःख का साथी ही तो सुख है!
नज़्म अच्छी है.

sheetal Thu May 27, 11:44:00 am  

kash ke har insaan
apne gum main woh
khoi hui khushi dhundle.
to kis baat ka dukh
aur kis baat ke aansu.
bas charo taraf rehega
khushiyon ka lehrata saagar.

Amit Sharma Thu May 27, 06:34:00 pm  

हर गम में

छुपी हंसी


दिल को

सुकूँ देती है .....

बेहतरीन शब्‍द रचना ।

लोकेन्द्र सिंह Thu May 27, 11:41:00 pm  

अपुन को दर्द में खुशी नहीं मिलती.......

Manish Fri May 28, 04:46:00 am  

अच्छा लगा

daanish Fri May 28, 05:08:00 pm  

जज़्बा नेक है
सोच में है...
होना ऐसा ही चाहिए
लेकिन
सोनल रस्तोगी जी की बात भी
सच है .
अच्छी , संदेश्मयी रचना के लिए आभार .

KK Yadav Sat May 29, 01:00:00 pm  

बहुत सुंदर बात..हमने तो मन में बिठा ली.

योगेन्द्र मौदगिल Sun May 30, 08:36:00 am  

संवेदी रचना.... साधुवाद...

हरकीरत ' हीर' Sun May 30, 12:51:00 pm  

अब तो बादलों से भी मोती झरने लगे .....
सुंदर शब्द बंधन ......

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