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इंतज़ार

>> Wednesday, 13 January 2010


इंतज़ार में तेरे
बैठे हैं
दो दीप जलाये
आस है कि
कभी तो
तेल ख़तम होने से
पहले आए
 
 

14 comments:

मनोज कुमार Wed Jan 13, 01:38:00 pm  

क्या फोटो लगाया है आपने। उसे ही पांच मिनट तक देखता रहा। और ...
... यादों के चिराग ख़ूबसूरती से जलाए हैं।

रचना दीक्षित Wed Jan 13, 05:28:00 pm  

संगीता जी आपके ब्लॉग का ये वाला पूरा पेज पढ़ा. हर एक प्रस्तुती जानदार है. कहीं किसी का इंतजार, तो कहीं ग़म है, सच, यही जिंदगी हैं और इन्हीं के सहारे हर रोज़ एक नयी उम्मीद से जागते हैं.इस पोस्ट पर फोटो बहुत अच्छी हैयानी बहुत खुब......... सूरत.

shikha varshney Wed Jan 13, 05:37:00 pm  

उफ़ क्या भावनाएं लिखी हैं और क्या चित्र..............इसी चित्र पर तालियाँ sssssssssssss

Apanatva Wed Jan 13, 05:53:00 pm  

chitr aur bhavna dono ka hee javab nahee!

अनामिका की सदायें ...... Wed Jan 13, 06:06:00 pm  

aapki post padh kar ek gaana yaad aaya izazet ho to suna du....

inthaaaaaaaaaa
ho gayiiiiiiiii
intzaaaaaaar ki
aayiiiiiiiii na
kuchh khabarrrrrrrrrrrrrrr
mere yaar ki...
bewafaaaaaaaaaaaaaaaa vo nahi
ye he mujhko yakiiiiiiiii
firrrrrrrrrrrrrrrrrrrr

aage mujhe nahi aata...

amma yaar chinta mat karo tail khatam hone se pehle hi aa jayenge na...aur tail khatam ho gaya to do deep kaise jalenge....???? tel..tel??

to aisa katayi na hone denge ji..vo jaroooooooooooooor aayenge.

pic. is very nice...chura li maine...as usual..ha.ha.ha.

Sulabh Jaiswal "सुलभ" Fri Jan 15, 05:56:00 pm  

क्या खूब क्षणिकाएं हैं...

Yashwant R. B. Mathur Tue Sept 27, 03:38:00 pm  

कल 28/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

सदा Wed Sept 28, 11:45:00 am  

वाह ...बहुत ही बढि़या ।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') Wed Sept 28, 02:33:00 pm  

वाह दी! यहाँ तो लगता है अभी तक आया ही नहीं था...
सुन्दर पंक्तियाँ और उतना ही सुन्दर चित्र लगाया आपने....
सादर....

रेखा Wed Sept 28, 05:39:00 pm  

बहुत खुबसूरत ..

रेखा Wed Sept 28, 05:39:00 pm  

बहुत खुबसूरत ..

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