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ठिठोली

>> Saturday, 16 January 2010



तन्हाई में आज



चाँद, चांदनी संग


ठिठोली कर रहा था


सितारे सब


तेरे आंचल में


शर्मा कर छुप गए .

7 comments:

मनोज कुमार Sun Jan 17, 01:22:00 am  

अद्भुत। रचना और चित्र .. दोनों।

निर्मला कपिला Sun Jan 17, 06:50:00 pm  

बेहतरीन रचना आभार्

अनामिका की सदायें ...... Sun Jan 17, 08:17:00 pm  

सितारों की क्या बिसात की की जब चाँद चांदनी ठिठोली करे और सितारे अपनी शरारते दिखा कर उनकी तन्हाई में अवरोध डालते... बहुत खूबसूरत अंदाज़-इ-बया . बधाई.

रचना दीक्षित Mon Jan 18, 03:45:00 pm  

प्रेम में सराबोर बहुत कुछ कह गए वो चंद भीगे हुए से शब्द. चलिए आज के ज़माने में कहीं तो लाज शर्म हया बाकी है

रंजू भाटिया Tue Jan 19, 12:23:00 pm  

सुन्दर लिखा आपने शुक्रिया

shikha varshney Tue Jan 19, 03:39:00 pm  

hmm kya baat kahi hai...sunder

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