copyright. Powered by Blogger.

अश्क

>> Thursday, 16 October 2008

पलकों पे जो ये अश्क चले आते हैं,

ये कितने बेदर्द हो कर चले आते हैं,

जब छोड़ देता है साथ ज़माना मेरा

तो ये भी मेरा साथ छोड़ कर चले आते हैं।

1 comments:

taanya Wed Oct 22, 04:59:00 pm  

पलकों पे जो ये अश्क चले आते हैं,
ये कितने बेदर्द हो कर चले आते हैं,
जब छोड़ देता है साथ ज़माना मेरा
तो ये भी मेरा साथ छोड़ कर चले आते हैं।

in ashko ko palko per aane na dena..
kasam hai tumhe u vyakul na hona.
kahin koi tumhe jb saath na mile..
to mere paas aa ker mehfooz sona..

रफ़्तार

About This Blog

Labels

Lorem Ipsum

ब्लॉग प्रहरी

ब्लॉग परिवार

Blog parivaar

हमारी वाणी

www.hamarivani.com

लालित्य

  © Free Blogger Templates Wild Birds by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP