आघात
>> Thursday, 16 October 2008
जिसने भी तुम पर यूँ आघात किया होगा ,
वो भी न जाने कितनी मौत मरा होगा,
अगर सजा दिए थे उसने प्यार,विश्वास और अपनेपन के फूल,
तो यकीं मानो दोस्त, वो भी रातों में उठ कर रोया होगा।
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
© Free Blogger Templates Wild Birds by Ourblogtemplates.com 2008
Back to TOP
2 comments:
जिसने भी तुम पर यूँ आघात किया होगा ,
वो भी न जाने कितनी मौत मरा होगा,
कहते हैं कि-
मरने से पहले मरते सौ बार हम जहाँ में।
चाहत बिना भी सच का पडता गला दबाना।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
Mere marne se pehle
mujhe ek baar choom lena
apne sine se laga..
pyar,vishwas aur
apnepan k fool saja dena..
chain paa jayegi bas
itne me hi meri rooh
har aghaat k daag
fir me mita lunga..!!
Post a Comment