आदत
>> Sunday, 29 November 2009
दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है
अश्कों को भी सबसे छुपाने की आदत है
लोग समझते हैं कि गम नहीं है ज़माने में कोई मुझे
क्यों कि गम को भी पी जाने की मुझे आदत है
Read more...
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
© Free Blogger Templates Wild Birds by Ourblogtemplates.com 2008
Back to TOP