सौगातें
>> Saturday 30 January 2010
मैंने महज़ तुझसे
प्यार माँगा था
मैंने बस तुझसे
वफ़ा चाही थी
मैंने तेरी ही
खुशियों के लिए
अपनी झोली
फैलाई थी
पर तूने
भेज दीं हैं
सौगातें
मेरे हिस्से की
जिसमें हैं
तेरी नफरत ,
रुसवाई औ बेवफाई Read more...
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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