घर गुलज़ार .... बिटिया से ( हाइकु )
>> Friday, 24 August 2012
नन्ही बिटिया
महकता आँगन
खुशी के पल ।
पलाश खिले
घर गुलज़ार है
बेटी जो आई ।
प्यारी सी धुन
बिटिया की मुस्कान
गूँजे संगीत .
बेटी का आना
सावन की फुहार
ज़िंदगी मिली .
बेटी मुस्कायी
खिल गयी बगिया
फूल ही फूल .
मेरी है छाया
मन हुलसित है
प्रभु की माया .
दिया जो तूने
आँचल में बेटी को
गोद है भरी .
बिना बेटी के
घर निष्प्राण लगे
नैन तरसें .