प्रकोप शिव का ....
>> Sunday, 23 June 2013
त्रिनेत्रधारी
त्रिनेत्र बंद करो
राहत मिले
नाथों के नाथ
क्यों प्रलय मचाई
मूक बन के ।
त्राहि त्राहि है
हैरान परेशान
हैं तीर्थ यात्री
आपदा में भी
सक्रिय हैं लुटेरे
जन हैरान ।
खामोश नेता
रोटियाँ सेंकते हैं
ढेर लाशों के ।
वीर जवान
लगा दें सारी जान
उन्हें नमन
हवाई दौरा
कर्तव्य की इतिश्री
नेता अभ्यस्त ।
भगवान ने
दिखा दिया भक्तों को
अपना दर्द ।
भोले भण्डारी
किया तांडव नृत्य
तबाही मची ।
मानव बुद्धि
अब तो कर शुद्धि
विचार कर ।