श्श्श्श्श्श !
>> Wednesday, 21 July 2010
तमन्ना ने तेरी
होठों पे उंगली
रख कर
जैसे ही कहा
श्श्शश्श
सारे मेरे ख्वाब
ठिठक कर
रुक गए.....
खलिश होती है तो यूँ ही बयां होती है , हर शेर जैसे सीप से निकला हुआ मोती है
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