copyright. Powered by Blogger.

उद्विग्नता

>> Tuesday, 27 July 2021

 


जीवन की उष्णता 
अभी ठहरी है ,
उद्विग्न है मन 
लेकिन आशा भी 
नहीं कर पा रही 
इस मौन के 
वृत्त  में प्रवेश 
बस एक उच्छवास ले 
ताकते हैं बीता कल ,
निर्निमेष नज़रों से 
लगता है कि 
अब पाना कुछ नहीं 
बस खोते ही 
जा रहे हर पल।

Read more...
रफ़्तार

About This Blog

Labels

Lorem Ipsum

ब्लॉग प्रहरी

ब्लॉग परिवार

Blog parivaar

हमारी वाणी

www.hamarivani.com

लालित्य

  © Free Blogger Templates Wild Birds by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP