माँ की भक्ति / हाइकु रचनाएँ
>> Tuesday 16 October 2012
कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।
नवरात्रि में
किया माँ का आह्वान
माँ को पूछा क्या ?
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
माँ की अर्चना
लाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।
कैसी है भक्ति
नमन पाहन को
माँ तरसती ।
53 comments:
शानदार हाइकू ……… सच बयाँ करते ।
नवरात्रि की शुभकामनायें
बहुत बढ़िया हाइकु :)
एक सच गहन भाव लिये
सभी हाइकू जबरदस्त
...हमारे समाज में देवीमाता की पूजा-अर्चना करने का आडम्बर मात्र कूट कूट कर भरा हुआ है...जीती-जागती देवीमाताओं,माँ-बहनों के लिए आदर-मान या प्रेम-ममता जैसे भाव लुप्त हो चुके है...यह बहुत बड़ी विडम्बना है!...आपने सही कहा है संगीताजी...धन्यवाद!
कम शब्दों में पूरी सच्चाई बयान कर दी आपने.यही तो आपकी खासियत है.
बहुत शानदार और सटीक हाइकू …नवरात्रि की शुभकामनायें
पहली आसुरी प्रवृति का खुलासा
- कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।
दूसरा खुलासा -
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
सब सच
बेहद प्रभावी आलेख है आपका सही खा आपने अपनी माता कि अवहेलना कर दीगर बातों में मन कि शांति खोजना व्यर्थ है ,समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर अवश्य आयें,आभार|
बहुत सुन्दर हाइकू, ऐसे ही माँ की भक्ति करते हैं लोग , मंदिर में भोग और घर की माँ को भूखा रखते हैं लोग।
सच कह रही है आपकी रचना....
इस माँ और
उस माँ में फर्क क्यों
माँ तो माँ होती है...
वाह बहुत सुँदर दी . हर पंक्तिया यथार्थ को परिभाषित कर रही है . एक एक भाव सुस्पष्ट .
सच कहा आपने
काश लोगों तक भी ये बात पहुंचे
बहुत सुंदर
कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।
नवरात्रि में
किया माँ का आह्वान
माँ को पूछा क्या ?
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
समाज की कड़वी सच्चाई को दिखलाती आपकी रचना .............
लाजबाब हाइकू !!
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर । झकझोर दिया एन शब्दों ने.
Badhiya kataaksh !
Dukh hota hai kahte hue ki aapka har shabd sachhai bayaan karta hai.
कई परतों वाली मानसिकता को सहती नारी . प्रभावी हायकू..
बहुत बेहतरीन सुंदर सटीक हाइकू …प्रभावी प्रस्तुति,,,
नवरात्रि की शुभकामनायें,,,,,,,
RECENT POST ...: यादों की ओढ़नी
सटीक हाइकु
बहुत बढियां..
:-)
माँ की अर्चना
लाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।
बहुत कम लोगों में यह कहने का साहस होता है .
बढ़िया हाइकू.
बहुत ही गहन हाइकु.. बहुत अच्छा है!
सशक्त एवं सटीक प्रस्तुति संगीता जी ! यही आज के जीवन का विरोधाभास है ! बहुत बढ़िया !
बहुत सुन्दर हायकू दी....
सभी मर्मस्पर्शी....
सादर
अनु
मातृभक्ति का ढोंग है सब और कुछ नहीं ... सच का होता को पूजापाठ से ज्यादा अपने माँ बाप के तरफ ध्यान देते ...
कथनी तज करनी करे...तो वाकई होगी...जय माता की...
दीदी,
नवरात्री के प्रारम्भ में एक बार रुककर सोचने को विवश करती हाइकू!!
बेहतरीन!!
पौराणिक और वर्तमान परिवेश का सुंदर चित्रण.
तीखे तीर चलाये हैं संगीता जी,
देह-धर्मिता को ही पौरुष समझनेवाले मन से दुर्दान्त पशु ही होते हैं और आजकल वाह-वाही उन्हीं की है !
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
सशक्त ,अर्थपूर्ण हाइकु
माँ के नाम पर भी क्या अनर्थ नहीं जाते ...
दोहरी मानसिकता को खूबी से दर्शाया हायकू में !
हाईकू के रूप में ये वो ज्वलंत प्रश्न हैं जिनका जवाब समाज के दोगलेपन की भेंट चढ़ गए.......
इतने कम शब्दों में इतनी बड़ी बात.... लोगों को सीख लेनी चाहिए की साल में सिर्फ छ: सिलेंडरों के बावजूद भी कैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना तैयार किया जाता है.......
स: परिवार नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार कीजियेगा.
संगीता जी बहुत ही सन्देश परक शानदार हाइकु रचे हैं बहुत बहुत बधाई नवरात्र की शुभकामनायें
jabardast hayiku.
...बहुत शानदार हायकू...शुभ नवरात्री संगीता जी!
माँ की अर्चना
लाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।
बहुत सार्थक तंज सुन्दर व्यंजना परक हाइकु -
इटली का दामाद ,
बना भारत ,
का जीजा .
सुंदर, सशक्त और विचारोत्तेजक हाइकु।
बढिया हाइकु.
आप सबको नवरात्रि की शुभकामनायें।
सभी हाइकू एक से बढ़कर एक हैं | लाजवाब |
नई पोस्ट:- जवाब नहीं मिलता
Samaaj ke chhadmaavaran ko ujaagar karti prstuti
Aabhaar!!
नवरात्रि पर सुंदर हाइकू । शुभ कामनाएं ।
शानदार हाइकु.....बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति .....
करारे कटाक्ष करते ये हाइकू...वाह!
बहुत सुन्दर हाइकू प्रस्तुति ..
दुर्गानवमी और दशहरा की शुभकामनाओं सहित सादर .
सभी हाइकु बेहद प्रभावशाली हैं .
.कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।ह्रदय को छू गया ...
सुन्दर हाइकू ....
सार्थक संदेश देते बहुत सुन्दर हाइकु....
सुंदर सत्य सार्थक स्पष्ट कथन , आभार = संगीता जी आपकी कलम सशक्त है , आजकल के टी व्ही सीरियल्स में प्रदर्शित बेतुकी त्रिया चरित्र की कहानियों पर भी कुछ लिखें ! !धन्यवाद !
अति कटु सत्य बयान किया आपने, शुभकामनाएं.
रामराम.
vastwiktaaon ka sahi chitran...
जय श्री राधे आदरणीया संगीता जी ...सटीक और कटु सत्य को उभारती हुयी उजागर करती सुन्दर क्षणिकाएं
भ्रमर ५
बहुत ही उम्दा हाईकु
सुंदर कटाक्ष करती
दिल मे उतरती बात
नव रात्री के हर पहलू को बाँधने का प्रयास ... लाजवाब ...
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