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माँ की भक्ति / हाइकु रचनाएँ

>> Tuesday 16 October 2012



कन्या पूजन?  
दोहरा मापदंड 
हत्या भ्रूण की ।
नवरात्रि  में 
किया माँ का आह्वान 
माँ को पूछा क्या ?


शैल पुत्री को 
शिला ही बना डाला 
पूजें पत्थर । 


माँ की अर्चना 
लाउडस्पीकर पे 
शोर ही शोर । 

कैसी है भक्ति 
नमन पाहन को 
माँ तरसती । 


53 comments:

vandana gupta Tue Oct 16, 11:18:00 am  

शानदार हाइकू ……… सच बयाँ करते ।

नवरात्रि की शुभकामनायें

रंजू भाटिया Tue Oct 16, 11:26:00 am  

बहुत बढ़िया हाइकु :)

सदा Tue Oct 16, 11:28:00 am  

एक सच गहन भाव लिये
सभी हाइकू जबरदस्‍त


Aruna Kapoor Tue Oct 16, 11:56:00 am  

...हमारे समाज में देवीमाता की पूजा-अर्चना करने का आडम्बर मात्र कूट कूट कर भरा हुआ है...जीती-जागती देवीमाताओं,माँ-बहनों के लिए आदर-मान या प्रेम-ममता जैसे भाव लुप्त हो चुके है...यह बहुत बड़ी विडम्बना है!...आपने सही कहा है संगीताजी...धन्यवाद!

shikha varshney Tue Oct 16, 01:06:00 pm  

कम शब्दों में पूरी सच्चाई बयान कर दी आपने.यही तो आपकी खासियत है.

Maheshwari kaneri Tue Oct 16, 01:30:00 pm  

बहुत शानदार और सटीक हाइकू …नवरात्रि की शुभकामनायें

रश्मि प्रभा... Tue Oct 16, 01:58:00 pm  

पहली आसुरी प्रवृति का खुलासा
- कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।

दूसरा खुलासा -
शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
सब सच

sangita Tue Oct 16, 02:02:00 pm  

बेहद प्रभावी आलेख है आपका सही खा आपने अपनी माता कि अवहेलना कर दीगर बातों में मन कि शांति खोजना व्यर्थ है ,समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर अवश्य आयें,आभार|

रेखा श्रीवास्तव Tue Oct 16, 02:02:00 pm  

बहुत सुन्दर हाइकू, ऐसे ही माँ की भक्ति करते हैं लोग , मंदिर में भोग और घर की माँ को भूखा रखते हैं लोग।

संध्या शर्मा Tue Oct 16, 02:24:00 pm  

सच कह रही है आपकी रचना....
इस माँ और
उस माँ में फर्क क्यों
माँ तो माँ होती है...

ashish Tue Oct 16, 02:40:00 pm  

वाह बहुत सुँदर दी . हर पंक्तिया यथार्थ को परिभाषित कर रही है . एक एक भाव सुस्पष्ट .

महेन्द्र श्रीवास्तव Tue Oct 16, 03:04:00 pm  

सच कहा आपने
काश लोगों तक भी ये बात पहुंचे
बहुत सुंदर

विभा रानी श्रीवास्तव Tue Oct 16, 03:41:00 pm  

कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।

नवरात्रि में
किया माँ का आह्वान
माँ को पूछा क्या ?

शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।
समाज की कड़वी सच्चाई को दिखलाती आपकी रचना .............
लाजबाब हाइकू !!

आशा बिष्ट Tue Oct 16, 03:50:00 pm  


शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर । झकझोर दिया एन शब्दों ने.

kshama Tue Oct 16, 04:35:00 pm  

Dukh hota hai kahte hue ki aapka har shabd sachhai bayaan karta hai.

Amrita Tanmay Tue Oct 16, 05:10:00 pm  

कई परतों वाली मानसिकता को सहती नारी . प्रभावी हायकू..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया Tue Oct 16, 05:40:00 pm  

बहुत बेहतरीन सुंदर सटीक हाइकू …प्रभावी प्रस्तुति,,,

नवरात्रि की शुभकामनायें,,,,,,,

RECENT POST ...: यादों की ओढ़नी

मेरा मन पंछी सा Tue Oct 16, 05:52:00 pm  

सटीक हाइकु
बहुत बढियां..
:-)

डॉ टी एस दराल Tue Oct 16, 05:52:00 pm  

माँ की अर्चना
लाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।

बहुत कम लोगों में यह कहने का साहस होता है .
बढ़िया हाइकू.

Pratik Maheshwari Tue Oct 16, 06:09:00 pm  

बहुत ही गहन हाइकु.. बहुत अच्छा है!

Sadhana Vaid Tue Oct 16, 06:47:00 pm  

सशक्त एवं सटीक प्रस्तुति संगीता जी ! यही आज के जीवन का विरोधाभास है ! बहुत बढ़िया !

ANULATA RAJ NAIR Tue Oct 16, 07:03:00 pm  

बहुत सुन्दर हायकू दी....

सभी मर्मस्पर्शी....
सादर
अनु

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" Tue Oct 16, 08:00:00 pm  

मातृभक्ति का ढोंग है सब और कुछ नहीं ... सच का होता को पूजापाठ से ज्यादा अपने माँ बाप के तरफ ध्यान देते ...

Vaanbhatt Tue Oct 16, 09:09:00 pm  

कथनी तज करनी करे...तो वाकई होगी...जय माता की...

चला बिहारी ब्लॉगर बनने Tue Oct 16, 09:15:00 pm  

दीदी,
नवरात्री के प्रारम्भ में एक बार रुककर सोचने को विवश करती हाइकू!!
बेहतरीन!!

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) Tue Oct 16, 11:46:00 pm  

पौराणिक और वर्तमान परिवेश का सुंदर चित्रण.

प्रतिभा सक्सेना Wed Oct 17, 12:43:00 am  

तीखे तीर चलाये हैं संगीता जी,
देह-धर्मिता को ही पौरुष समझनेवाले मन से दुर्दान्त पशु ही होते हैं और आजकल वाह-वाही उन्हीं की है !

डॉ. मोनिका शर्मा Wed Oct 17, 05:14:00 am  

शैल पुत्री को
शिला ही बना डाला
पूजें पत्थर ।

सशक्त ,अर्थपूर्ण हाइकु

वाणी गीत Wed Oct 17, 08:23:00 am  

माँ के नाम पर भी क्या अनर्थ नहीं जाते ...
दोहरी मानसिकता को खूबी से दर्शाया हायकू में !

पी.एस .भाकुनी Wed Oct 17, 10:34:00 am  

हाईकू के रूप में ये वो ज्वलंत प्रश्न हैं जिनका जवाब समाज के दोगलेपन की भेंट चढ़ गए.......
इतने कम शब्दों में इतनी बड़ी बात.... लोगों को सीख लेनी चाहिए की साल में सिर्फ छ: सिलेंडरों के बावजूद भी कैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना तैयार किया जाता है.......
स: परिवार नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार कीजियेगा.

Rajesh Kumari Wed Oct 17, 02:32:00 pm  

संगीता जी बहुत ही सन्देश परक शानदार हाइकु रचे हैं बहुत बहुत बधाई नवरात्र की शुभकामनायें

Aruna Kapoor Wed Oct 17, 07:53:00 pm  

...बहुत शानदार हायकू...शुभ नवरात्री संगीता जी!

virendra sharma Wed Oct 17, 08:15:00 pm  


माँ की अर्चना
लाउडस्पीकर पे
शोर ही शोर ।

बहुत सार्थक तंज सुन्दर व्यंजना परक हाइकु -

इटली का दामाद ,
बना भारत ,

का जीजा .

मनोज कुमार Wed Oct 17, 11:06:00 pm  

सुंदर, सशक्त और विचारोत्तेजक हाइकु।

Kunwar Kusumesh Thu Oct 18, 07:34:00 am  

बढिया हाइकु.

प्रवीण पाण्डेय Thu Oct 18, 08:18:00 am  

आप सबको नवरात्रि की शुभकामनायें।

Unknown Fri Oct 19, 12:16:00 pm  

सभी हाइकू एक से बढ़कर एक हैं | लाजवाब |

नई पोस्ट:- जवाब नहीं मिलता

Fani Raj Mani CHANDAN Fri Oct 19, 05:37:00 pm  

Samaaj ke chhadmaavaran ko ujaagar karti prstuti

Aabhaar!!

Asha Joglekar Sat Oct 20, 10:23:00 pm  

नवरात्रि पर सुंदर हाइकू । शुभ कामनाएं ।

Dr Varsha Singh Sun Oct 21, 02:38:00 pm  

शानदार हाइकु.....बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति .....

देवेन्द्र पाण्डेय Tue Oct 23, 11:33:00 am  

करारे कटाक्ष करते ये हाइकू...वाह!

कविता रावत Tue Oct 23, 11:57:00 am  

बहुत सुन्दर हाइकू प्रस्तुति ..
दुर्गानवमी और दशहरा की शुभकामनाओं सहित सादर .

Anonymous Tue Oct 23, 05:52:00 pm  

सभी हाइकु बेहद प्रभावशाली हैं .
.कन्या पूजन?
दोहरा मापदंड
हत्या भ्रूण की ।ह्रदय को छू गया ...

Suman Fri Oct 26, 06:32:00 am  

सुन्दर हाइकू ....

Kailash Sharma Fri Oct 26, 08:17:00 pm  

सार्थक संदेश देते बहुत सुन्दर हाइकु....

Bhola-Krishna Sun Oct 28, 02:34:00 am  

सुंदर सत्य सार्थक स्पष्ट कथन , आभार = संगीता जी आपकी कलम सशक्त है , आजकल के टी व्ही सीरियल्स में प्रदर्शित बेतुकी त्रिया चरित्र की कहानियों पर भी कुछ लिखें ! !धन्यवाद !

ताऊ रामपुरिया Sun Oct 28, 11:22:00 am  

अति कटु सत्य बयान किया आपने, शुभकामनाएं.

रामराम.

Dr.NISHA MAHARANA Mon Oct 29, 11:35:00 am  

vastwiktaaon ka sahi chitran...

Surendra shukla" Bhramar"5 Tue Oct 30, 09:50:00 pm  

जय श्री राधे आदरणीया संगीता जी ...सटीक और कटु सत्य को उभारती हुयी उजागर करती सुन्दर क्षणिकाएं
भ्रमर ५

नादिर खान Wed Oct 31, 12:42:00 pm  

बहुत ही उम्दा हाईकु
सुंदर कटाक्ष करती
दिल मे उतरती बात

दिगम्बर नासवा Sat Dec 08, 02:27:00 pm  

नव रात्री के हर पहलू को बाँधने का प्रयास ... लाजवाब ...

रफ़्तार

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