कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ...
मन के भावों को
कैसे सब तक पहुँचाऊँ
कुछ लिखूं या
फिर कुछ गाऊँ
।
चिंतन हो
जब किसी बात पर
और मन में
मंथन चलता हो
उन भावों को
लिख कर मैं
शब्दों में
तिरोहित कर जाऊं ।
सोच - विचारों की शक्ति
जब कुछ
उथल -पुथल सा
करती हो
उन भावों को
गढ़ कर मैं
अपनी बात
सुना जाऊँ
जो दिखता है
आस - पास
मन उससे
उद्वेलित होता है
उन भावों को
साक्ष्य रूप दे
मैं कविता सी
कह जाऊं.
समुंदर की गहराई नापने की उत्सुकता में एक बार छू लिया मचलते लहरों के सीने को तब से हूँ लापता विस्तृत समुंदर के पाश में आबद्ध :) ---- बेहद खूबसूरत पंक्तियाँ दी।
26 comments:
उतर तो जाएँ ... फिर कहीं गहरे उतर गए तो बचाएगा कौन? डूबने का खतरा है रे ...
एक बार डूब जाओ तो बचने की कौन सोचता है 😄😄😄 ।
और जो पहले बचने की सोचे वो तो शायद उतर ही नहीं सकता । 😆😆
जे बात 😊😊👌👌👌👌
ये तो केसरिया रंग में रंग गयी भई ....😍😍😍 कम शब्दों में पूरा फ़लसफ़ा उतार दिया समर्पण का
समुंदर की
गहराई नापने की
उत्सुकता में
एक बार छू लिया
मचलते लहरों के सीने को
तब से हूँ लापता
विस्तृत समुंदर के
पाश में आबद्ध :)
----
बेहद खूबसूरत पंक्तियाँ दी।
सादर।
फलसफा उतारना हो तो पूरा उतारो । खाली हाथ पैर मारने से क्या फायदा । डूबो तो ऐसे कि खुद का पता न रहे । 😆😆😆
प्रिय श्वेता ,
गहराईयों को ,
नापने की ख्वाहिश
लापता कर देती है
और
बाँध देती है मन
न जाने
किस पाश में ।
पसंद करने के लिए शुक्रिया । सस्नेह
मुदिता ,
ये ... जे बात ... भी जबरदस्त बात है 😄😄😄
जो उतरा इस समंदर में वो पार हुआ !
केसरिया रंग यूं चढ़ा जो तेरा
मन खिलखिला यूं बोला मेरा
डूबती जा इश्क ए समन्दर में
आखिर यही तो है जहां तेरा
उषा जी ,
या तो पर हुआ या डूब गया 😄😄 .
शुक्रिया ,प्यारी टिप्पणी का ।
प्रिय संध्या,
ओहो , क्या बात 👌👌
मुझे तो लगता जैसे बिना डुबाये मानोगी नहीं 😆😆😆.
प्यारी टिप्पणी के लिए शुक्रिया ।
बेहतरीन और लाजवाब भावाभिव्यक्ति । आपके ब्लॉग पर आ कर अभिभूत हो जाता है मन ।
मीना जी ,
आप लोगों का स्नेह है । बहुत बहुत शुक्रिया ।
बहुत सुंदर पंक्तियां,इस समय अगर मन इस समंदर में उतर जाय तो क्या कहने ? और चाहिए क्या जीवन के लिए ।
शुक्रिया जिज्ञासा , बस उतरता ही तो नहीं इस रंग में 😄😄
मन इश्क के केसरी रंग के समन्दर में उतरे न उतरे
हम आपके भावपूर्ण लेखन में उतरते जा रहे हैं
वाह!!!
लाजवाब।
शुक्रिया सुधा जी ,
इश्क़ लेखन से भी हो सकता है । 😄😄😄
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, संगिता दी।
शुक्रिया ज्योति
गजब का रंगरेज़....👌
शुक्रिया पुरुषोत्तम जी ।
बहुत ही सुंदर सृजन।
सादर
अति सुगंधित ....
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