कुछ विशेष नहीं है जो कुछ अपने बारे में बताऊँ...
मन के भावों को
कैसे सब तक पहुँचाऊँ
कुछ लिखूं या
फिर कुछ गाऊँ
।
चिंतन हो
जब किसी बात पर
और मन में
मंथन चलता हो
उन भावों को
लिख कर मैं
शब्दों में
तिरोहित कर जाऊं ।
सोच - विचारों की शक्ति
जब कुछ
उथल -पुथल सा
करती हो
उन भावों को
गढ़ कर मैं
अपनी बात
सुना जाऊँ
जो दिखता है
आस - पास
मन उससे
उद्वेलित होता है
उन भावों को
साक्ष्य रूप दे
मैं कविता सी
कह जाऊं.
शायद ख़्वाबों के नसीब में यही लिखा होता है या तो पलकों से गिर कर चकनाचूर हो जायें या आँसुओं की बाढ़ में बह जायें ! बहुत ही मर्मस्पर्शी और भावुकता से परिपूर्ण सुन्दर रचना ! आभार !
ख्वाबों को मेहनत से सजाया जाता है परन्तु कभी-कभी ऐसी बारिश में ख्वाब बह जाते हैं फिर वाष्पीकृत होकर बादल बनते हैं फिर ख्वाब बनता है और फिर कुछ पूरे होते हैं और कुछ रह जाते हैं। जीवन की मृगमरीचिका को दर्शाती एक सुंदर,नैनो रचना.
आदरणीया संगीता जी नमस्कार ऐसे ही होती है जिन्दगी इसके अनोखे रंग कब क्या बिखर जाये क्या बन जाये पता नहीं रूठने मनाने का ये सिलसिला ये आंधी तूफान कुछ भी कहर बरपा जाते हैं सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
77 comments:
कभी कभी ख्वाब यूं ही चकनाचूर होते हैं………॥सुन्दर भावाव्यक्ति।
संवेदनशील भाव
शायद ख़्वाबों के नसीब में यही लिखा होता है या तो पलकों से गिर कर चकनाचूर हो जायें या आँसुओं की बाढ़ में बह जायें ! बहुत ही मर्मस्पर्शी और भावुकता से परिपूर्ण सुन्दर रचना ! आभार !
ये बारिस भी कभी कभी बेमौसम हो जाती है ।
और सुनामी आ जाता है ,भावनाओं का ।
सुन्दर रचना संगीता जी ।
पर आज
इतनी बारिश हुयी
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए .......
Bahut laajabab panktiyaan hai Sangeeta ji.
aur main bas tinka-tinkaa bahtaa dekhta rah gayaa.........
अक्सर बिखर जाते है ख्वाब आँसूओं की बाढ़ में....बहुत सुंदर अभिव्यक्ति....
बहुत मार्मिक सुन्दर रचना..कितना दुःख होता है जब ख्वाब बाढ में बह जाते हैं..आभार
बहुत ही कम शब्दों में गहरी बात! बेहतरीन अभिव्यक्ति!
आज
इतनी बारिश हुयी
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए .......
बेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।
Sach me khwab ....aise hi bah jate hain.
sunder kvita
भावपूर्ण, प्रवाहमयी।
kam shabdo main gehri baat
bahut khoob
Kewal do stanza aur kitna kuchh kah diya!Sach! Kya kuchh nahee bah jata aansunon kee baadh me!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति संगीता जी, धन्यवाद
सुंदर अभिव्यक्ति !
via-http://www.blogprahari.com
बेहतरीन भावपूर्ण रचना......
अत्यंत मर्मस्पर्षी भाव.
रामराम.
गहरी मर्मस्पर्शी रचना, बहुत बधाई संगीता जी.
गहरे भाव लिए रचना संगीता जी ... बहुत खूब ..
itna manaker rakha tha khwaab ... bah gaye ... sangeeta ji kya kahun , bas doobi hun us bahaw me
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए .......choti si kavita men kini bari baat rakh di hai...wah.
itni barish na laao ki baadh aa jaye waise hi aajkal is baadh ka bahut kahuf hai har jagah.
कम लब्जों में प्रभाव छोड़ती कविता . हम भी बह लिए भावों के लहर में .
gagar me sagar
behtreen bhawpurn kavita
gagar me sagar
behtreen bhawpurn kavita
इस बाढ को रोकने का तरीक़ा भी कावियों को ढूंढना चाहिए। फिलहाल तो यही कहूंगा,
अब तो अक्सर नज़र आ जाता है दिल आंखों में
मैं न कहता था कि पानी है दबाए रखिए
कौन जाने कि वो कब राह इधर भूल पड़े
अपनी उम्मीद की शम्ओं को जलाए रखिए
ख्याबोँ को भी संभालना होगा ,
बाढ़ोँ से बचाना होगा । क्योँकि ये बहुत कीमती होते हैँ । बहुत ही खूबसूरत नज्म है । आभार संगीता दी ।
ख़्वाबों को बचाना बहुत मुश्किल होता है !
भावनाओं की बरसात का सुन्दर चित्रण किया है आपने इस रचना में!
khvaab to khvaab hai kab pure hote hain tabhi to aansuon ke pravah men bah jate hain.
bahut sundar bhav.
ऐसी बाढ़ की ज़द में तो जाने
कई कई खूबसूरत ख़्वाब ग़र्क हो गए ...
कम शब्दों में
बहुत गहरी बात ...
अच्छी रचना .
बेहतरीन कविता, वैसे ख़्वाब बिना बाढ के भी बह जाते हैं अक्सर।।
पर आज
इतनी बारिश हुयी
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए .......
अंतस को झकझोरती हुई रचना...
man ke samunder main sunami ayegi to badh ka to aana to tai hai...sapnon ke mahal ka ye hashra hona hi tha...sunami ke aage T zaroor lagalijiyega...
संवेदनशील रचना संगीता जी।
bahut achchhi rachna hai sangeeta ji .
जिन्दगी में यह ख्बाब कभी बनते हैं तो कभी बिगड़ते है ..यह सिलसिला अनवरत यूँ ही चलते रहता है
भावपूर्ण..
choti aur sunder rachna
बहुत सुंदर रचना !
' याद कुछ ऐसी आई आखो से रोया न गया
जख्म कुछ ऐसे छिले फूलो पे सोया न गया '
हृदयस्पर्शी प्रस्तुति ....आभार
गनीमत है कि सुनामी नहीं आयी नहीं तो साथ में कितनों के ख्वाब बह जाते।
ख्वाबों को मेहनत से सजाया जाता है परन्तु कभी-कभी ऐसी बारिश में ख्वाब बह जाते हैं फिर वाष्पीकृत होकर बादल बनते हैं फिर ख्वाब बनता है और फिर कुछ पूरे होते हैं और कुछ रह जाते हैं। जीवन की मृगमरीचिका को दर्शाती एक सुंदर,नैनो रचना.
पर आज
इतनी बारिश हुयी
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए ....
bhavuk rachna....
sapne tutte dekhe the...ab baddh me bahte dekh liya..!!
bahut jayda bhaw-prawan rachna..!
बहुत ही मर्मस्पर्शी और भावुकता से परिपूर्ण सुन्दर रचना ! आभार !
संगीता जी,
आज बहुत दिनों बाद आपकी कोई पोस्ट पड़ने को मिली.....आपकी खूबी है कम शब्दों में बात को कह जाना.......बहुत खूबसूरत लगी ये पोस्ट...प्रशंसनीय|
उत्तम भावाभिव्यक्ति...
आज
इतनी बारिश हुयी
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए .......
बहुत खूब ...बेहतरीन ।।
बहुत खूब ... निःशब्द इन चंद शब्दों पर ...
subhanaallah!
यादों की बारिश ऐसे ही सैलाब लाती है! बहुत सुंदर नज़्म संगीता दी!!
सुभानाल्लाह ...!
इस बाढ़ से तो नज़रें ही नहीं हटतीं ......
kam shabdon me bahut kuchh kah jati hain aap...
kam shabdon me bahut kuchh kah jati hain aap...
sundar rachna...aabhar...
वाह वाह ।
कभी कभी ख्वाब आंसूओं में बह ही जाते हैं ।
'पर आज
इतनी बारिस हुई
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए '
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
नमस्कार
बहुत ही कम शब्दों में गहरी बात! बेहतरीन अभिव्यक्ति!
साधुवाद !
धुलते रहे ख्वाब
आँसुओं से
पर क्या करूँ
सपनों का पनपना
रुक न पाया।
शायद
संजीवनी दे गया कोई।
अच्छी कविता। आभार।
कभी बाढ़, तो कभी आंसू का बहाना बना लेते हैं
बेदर्दों को बस मौका चाहिए रुखसती का
आप हमेशा ही कम शब्दों मे बहतु गहरी बात कह देती है
जो बस सीधे दिल पर असर करती है
good
kya baat he, kehna padega!
aap dhire se gambhir bat keh jati hain!
bas kammal karti hain di!
aaj aapka blog dekha, bahut achha laga. kavitaen dil ko chhoo gain.akathniy! laxmi Kant.
पर आज
इतनी बारिश हुयी
कि सारे ख्वाब
बाढ़ में बह गए ..
वाह वाह वाह वाह .
सपने भी गज़ब के थे ,बारिश भी गज़ब की थी.
बहते हुए ख्वाबों की ख्वाहिश भी गज़ब की थी.
इस बेमौसम बरसात से तो हम भी बहुत परेशां हैं.
पर आपके भावों की बाढ़ में मन बह ही गया ..बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं.
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
khwaabon ki baadh ...mazedaar lagi .
अति सुन्दर भावोक्ति ..मानो अन्तरात्मा से निकली आवाज!
gagar me sagar bhar diya hai aapne
जिंदगी ऐसी ही होती है. हम तो सिर्फ कोशिश कर सकते है. आगे खवाब कि किस्मत में देखे क्या लिखा है? पूरा होना या बह जाना?
बहुत खूब..बहुत सुन्दर पंक्तियाँ..आभार।
Sangeeta dii....aaj tassli se aapkaa blog praaa............ruh ko swaad aa gyaa aaj...thanx a lot for aal of yr work
take care
आदरणीया संगीता जी नमस्कार ऐसे ही होती है जिन्दगी इसके अनोखे रंग कब क्या बिखर जाये क्या बन जाये पता नहीं रूठने मनाने का ये सिलसिला ये आंधी तूफान कुछ भी कहर बरपा जाते हैं
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
man bhar aaya......
Post a Comment